ज्यादातर सभी बच्चों को आर्ट, क्राफ्ट, कलरिंग और पेंटिंग का शौक होता है। जैसे ही बच्चा बोलना शुरू करता है तो सबसे पहले उसको कलर नेम सिखाने की कोशिश की जाती है। कलर, स्टडी रिलेटिड वह मैटीरियल है जो बच्चे के हाथों में सबसे पहले थमाया जाता है। ब्राइट कलर बच्चों को अट्रैक्ट भी करते हैं। इसलिए बच्चों को कलर के साथ एक्टिविटी करने में बहुत मज़ा आता है। ऐसी ही एक एक्टिविटी होती है, फिंगर पेंटिंग। जिसको करने में बच्चे खूब एन्जॉय करते हैं। लेकिन क्या आप जानते कि फिंगर पेंटिंग के कुछ और भी फायदे होते हैं। जिसकी वजह से सभी बच्चों को स्कूल में भी फिंगर पेंटिंग कराई जाती है। चलिए आज हम भी जानते हैं फिंगर पेंटिंग्स के बेनिफिट्स के बारे में-
एक्टिविटी में आसानी
बच्चों की फिंगर्स छोटी होती हैं। अगर वो वाटर कलर के साथ पेंटिंग करते हैं तो उनको आसानी रहती है। जबकि कितनी बार बच्चों को Crayons पकड़ने नहीं आते और उनको कलर फिल करने में परेशानी आती है। जबकि हैंड पेंटिंग उनके लिए आसान होती है। क्योंकि इसमें उनको कलर को हाथों में पकड़ना नहीं होता पड़ता।
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sensory experience में सुधार
जब बच्चा फिंगर पेंटिंग करता है तो वह अपने हाथों के साथ-साथ बाकी सभी sense organ का यूज भी करता है। फिंगर पेंटिंग में वह visual और auditory कॉर्डिनेशन बनाता है। जिससे बच्चे की sensory एबिलिटी में भी सुधार होता है।इन 4 Healthy Indian foods को मां खिलाए तो बच्चा चाव से खाए
स्किल डेवलपमेंट
फिंगर पेंटिंग एक बहुत अच्छी फिजिकल एक्सरसाइज भी होती है। इसमें बच्चा अपनी उंगलियों, हाथों, कन्धों और गर्दन की मांसपेशियां को अच्छी तरह मूव करते हैं। उंगलियों के मूवमेंट से बच्चे को राइटिंग स्किल डेवलप करने में आसानी रहती है। वह थोड़ी ही प्रैक्टिस के बाद पेंसिल होल्ड करना सीख लेता है।
कलर की पहचान
फिंगर पेंटिंग एक्टिविटी करते हुए बच्चा तरह-तरह के कलर यूज करता है। जिससे धीरे-धीरे उसको कलर की पहचान होने लगती है। वो जल्द ही इनके नाम भी याद कर लेता है। इसको करते हुए बच्चों को नए कलर कॉम्बिनेशन भी पता चलते हैं। किन कलर को मिक्स करके कौन सा नया कलर बनाया जा सकता है इसकी समझ भी बच्चे में पैदा हो जाती है।
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लैंग्वेज और स्पीच डेवलपमेन्ट
जब बच्चा अपनी एक्टिविटी कम्प्लीट कर लें तो उसकी पेंटिंग के बारे में बात की जा सकती है। जिससे बच्चा आपके सवालों के जवाब देते हुए अपनी लैंग्वेज और स्पीच में भी थोड़ा इम्प्रूवमेंट करने लगता है। वह अपनी इमेजिनेशन से जो भी कुछ पेंट करता है, उसमें बच्चे के थॉट और फीलिंग्स भी शामिल होती हैं। बच्चे से इसके बारे में पूछा जा सकता है। जिससे जवाब देते हुए बच्चा अपनी लैंग्वेज और स्पीच भी डेवलप करने लगता है।
फिंगर पेंटिंग यकीनन बच्चों के लिए अच्छी एक्टिविटी है जिसके बच्चों की स्किल भी डेवलप होती हैं।
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