शादी यकीनन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा फैसला होता है, फिर चाहे बात लड़के की हो या लड़की की। हो सकता है कि आप लंबे समय से एक रिलेशन में हों और अब उस रिलेशन को आगे बढ़ाना चाहती हों, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आपका पार्टनर भी अभी उसके लिए तैयार हो। ऐसे में अगर शादी के बारे में बात की जाए या फिर अगर आप अपने पार्टनर पर शादी का अतिरिक्त दबाव बनाती हैं तो इससे आपका पार्टनर परेशान होगा। कई लोग इस स्थिति में अपने पार्टनर को अवॉयड करना शुरू कर देते हैं या फिर उनके रिश्ते में तनाव पैदा होने लग जाता है। कई बार तो शादी के दबाव के चलते रिश्ता तक दांव पर लग जाता है।
इस तरह अगर देखा जाए तो marriage talk वास्तव में काफी ट्रिकी होती है और अगर आप अपने पार्टनर से इस बारे में बात कर रही हैं तो आपको सही वक्त पर ही इसके बारे में चर्चा करनी चाहिए। अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ अपना भविष्य देख रही हैं और उससे शादी करना चाहती हैं तो आपको इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
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पहले खुद से करें सवाल
अ्रगर आप अपने पार्टनर के साथ शादी के बारे में बात करने के बारे में सोच रही हैं तो यह जरूरी है कि पहले आप खुद से ही कुछ सवाल करें। किसी को महज प्यार करने का अर्थ यह नहीं होता कि आप पूरी जिन्दगी उस इंसान के साथ खुश रह सकती हैं। एक रिश्ते को खुशहाल व मजबूत बनाने में अन्य भी कई चीजें महत्वपूर्ण होती हैं, जैसे आप पहले खुद से यह सवाल करें कि आप अपने पार्टनर पर कितना भरोसा करती हैं। क्या आप सच में उस इंसान के साथ अपना भविष्य देखती हैं और अपनी पूरी जिन्दगी उस व्यक्ति के साथ खुशहाल तरीके से बिता सकती हैं। अगर आपको इन सभी सवालों के जवाब हां में मिलें, तभी आप अगला कदम उठाएं। कभी भी इमोशनल होकर कोई फैसला ना लें।
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जानें मन की बात
अपने पार्टनर से सीधे शादी की बात करने से अच्छा है कि पहले आप अपने पार्टनर के मन को टटोलें। आप बातों-बातों में यह जानने की कोशिश करें कि वह इस रिश्ते और उसके भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं। आपको उनकी बातों से यह अंदाजा हो जाएगा कि वह अभी शादी के लिए तैयार हैं या नहीं। हो सकता है कि आपके पार्टनर का करियर अभी शुरू ही हुआ हो और वह पहले उस पर अधिक ध्यान देना चाहते हों। उन्हें ऐसा लगता हो कि शादी के बाद वह नई जिम्मेदारियों के कारण अपने काम पर उतना ध्यान नहीं दे पाएंगे। ऐसे में आप उन्हें थोड़ा वक्त दें।
अन्य जिम्मेदारियां
कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति के कंधों पर कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं और इसलिए व्यक्ति चाहकर भी शादी के बारे में सोच नहीं सकता। मसलन, अगर आपका पार्टनर घर का एकमात्रा आर्थिक सपोर्ट है या फिर उसकी बहनें हैं, जिनकी शादी वह पहले करवाना चाहता हो या अन्य कोई जिम्मेदारी पूरा करना चाहता हो। इस स्थिति में अपने पार्टनर से बात ना ही करें तो अच्छा।
अगर किसी कारणवश आपको शादी के बारे में बात भी करनी पड़ रही है तो आप अपने पार्टनर पर दबाव डालने के स्थान पर उनसे यह पूछें कि उनकी इस बारे में क्या राय है। आप दोनों आपसी सहमति से अपने रिश्ते का भविष्य तय कर सकते हैं।
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