केबीसी 11 के इस सप्ताह के अंत में दिखाएं गए कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में समाज सेविका सुनीता कृष्णन ने शिरकत किया। आपको बता दें कि सुनीता एनजीओ 'प्रज्जवला' की मुख्य अधिकारी और सह-संस्थापक हैं। यह एनजीओ यौन तस्करी की शिकार, रेप पीड़ित, वेश्यावृति से जुड़ी महिलाओं और लड़कियों के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए काम करता है। केबीसी शामिल हुई सुनीता कृष्णन ने अपनी बातों से समाज को यह सोचने पर मजबूर किया की क्या वाकई में समाज सही दिशा में जा रहा है। महिलाओं की जिस तरह की स्थिति की बात उन्होंने बताई वो चिंता का विषय है और यह समाज का एक कड़वा सच है। उन्होंने यौन तस्करी, रेप और वेश्यावृति के लिए सीधे तौर पर मर्दो को जिम्मेदार ठहराया। इस सिलसिले में उनका ये कहना था कि "ये जो रेप जैसी घटनाएं होती है ये कौन करता है, ये एक मर्द करता है और वो मर्द किसी और ग्रह का नहीं है बल्कि इसी धरती और इसी समाज का है।
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साथ ही, सुनीता ने वेश्यावृति के दलदल में फंसी महिलाओं के दर्द को भी बंया किया। उनके बचाव और पुनर्वास से जुड़ी दिक्कतों का भी जिक्र किया। शो के होस्ट अमिताभ ने जब उनसे पुछा की उनको इतनी शक्ति और प्रेरणा कहां से मिलती है तो उन्होंने अपने निजी जीवन में आई मुश्किलों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे 15 साल की उम्र में 8 लोगों ने उनके साथ रेप किया था और तभी से उन्होंने प्रण लिया था कि वो अपनी आखिरी सांस तक ऐसी महिलाओं के लिए लड़ेगी जो किसी ना किसी वजह से इस दलदल में फंस गई हैं। इस शो के होस्ट अमिताभ भी इनकी ये कहानी सुनकर स्तब्ध रह गए।KBC 11: दीपज्योति की कहानी ने किया अमिताभ को प्रभावित, साहस की हैं जीती जागती मिशाल।
वेश्यालयों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाएं जो वेश्यावृति से जुड़ी हुई है उनका नाम को कई-कई बार बदला जाता है, जिससे उनकी आइडेंटी पूरी तरह से बदल जाती है। दिन में कम से कम चालीस बार उनके साथ रेप होता है जिसके चलते ये महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से टूट जाती हैं।KBC 11: अमिताभ ने 'बच्चन' उपनाम के पीछे की कहानी बताई, होली पर पिता का प्रेरणादायक किस्सा किया साझा।
उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका में भी यही समस्या है लेकिन हमारे देश और अमेरिका में यह अंतर ये है कि अमेरिका में 3-4 साल की बच्चियों को नहीं बेचा जाता है, जबकि यहां 3-4 साल की बच्चियों का भी बेचा जाता है। मैंने साढ़े तीन साल की बच्ची को वेश्यालय में वेश्यावृति हए बचाया है। हैदराबाद में 9 महीने की बच्ची के साथ रेप हो चुका है। हमें ये यह सोचना होगा की हमारा समाज इतना कितना कुंठित क्यों है। अगर बच्चियां बेची जा रही हैं और उनको खरीदने वाला भी कोई है और ये देश के कुछ मानसिक तौर पर बीमार मर्दों का काम हैं। हमें ये भी देखना होगा कि हम कैसे लड़कों की परवरिश कर रहे हैं।
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आपको बता दें कि 2016 में सुनीता को उनके सराहनीय कार्य के लिए देश के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 2014 में उन्हें मदर टेरेसा अवार्ड्स फॉर सोशल जस्टिस से भी सम्मानित किया जा चुका है। सुनीता अब तक 22 हजार से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को यौन तस्करी से आजाद करवा चुकी हैं।KBC 11: स्कूल में खिचड़ी बनाने वाली महिला बनी दूसरी करोड़पति, सैलरी मात्र 1500 रुपये महीने।
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