नवरात्रि का आठवां और नौवां दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी व्रत रखने की मान्यता है। यह पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि अगर आपकी कोई साधना है, जिसे आप पूरी करना चाहते हैं, तो नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन विधिवत रूप में मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। साथ ही नकारात्मक शक्तियों से भी छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा सुख-शांति में भी वृद्धि होती है।
महागौरी देवी भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं। वे शांत स्वरूप हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। महागौरी की पूजा मोक्ष का मार्ग माना जाता है। अब ऐसे में मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
शारदीय नवरात्रि की महा अष्टमी तिथि कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी तिथि 11 अक्टूबर को पड़ रही है। इस हिसाब से पंचांग को देखते हुए आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर होगा।
शारदीय नवरात्रि पर दुर्गा अष्टमी का मुहूर्त कब है?
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि यानी कि दुर्गाष्टमी 10 अक्टूबर को पड़ रही है। ऐसे में इस दिन मां महागौरी की पूजा एवं कन्या पूजन का मुहूर्त कुछ इस प्रकार है-
दुर्गाष्टमी तिथि -अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है और 11 तारीख को अष्टमी तिथि दोपहर में 12 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। वहीं इसके तुरंत बाद ही 10 अक्टूबर गुरुवार के दिन नवमी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
महागौरी पूजा मुहूर्त -महागौरी माता की पूजा के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 7 बजकर 47 मिनट रहेगा।
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कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहा है और यह सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक चलेगा। इस दिन 9 कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन कराया जाता है। इसके बाद, उन्हें उपहार देकर विदा किया जाता है। विदा करने से पहले बालिकाओं से आशीर्वाद भी लिया जाता है। कहते हैं, ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं।
दुर्गाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा किस विधि से करें?
- सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- मां महागौरी की प्रतिमा को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
- मां को जल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
- महागौरी की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप अवश्य करें।
- ॐ महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः॥
- मां को चंदन, कुमकुम, रोली आदि से अष्टगंध लगाएं।
- मां के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं।
- मां को भोग लगाएं। मां महागौरी को दूध, दही, फल, मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है।
- मां की आरती उतारें।
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दुर्गाष्टमी के दिन महागौरी की पूजा का महत्व क्या है?
मां महागौरी शांति और ज्ञान की देवी हैं। उनकी पूजा करने से मन शांत होता है और ज्ञान में वृद्धि होती है। मां महागौरी अंधकार का नाश करने वाली हैं। उनकी पूजा करने से जीवन से अंधकार दूर होता है और प्रकाश आता है। मां महागौरी मोक्ष का मार्ग दिखाने वाली हैं। उनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां महागौरी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। साथ ही जातकों उत्तम परिणाम भी मिलने लग जाते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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