भारतीय क्रिकेट टीम का चमकता हुआ सितारा हैं झूलन गोस्वामी जिनका नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ ब्रिस्टल में खेले गए इकलौते टेस्ट मैच में एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया था। अपनी पहली पारी में चौथी और पांचवी गेंद डालते ही उन्होंने इतिहास रच दिया था। वह भारतीय महिला टेस्ट क्रिकेट में 2000 गेंद डालने वाली पहली खिलाड़ी बन गईं। वह अपने करियर का 11वां टेस्ट मैच खेल रहीं थीं। आपको बता दें कि उनके इस रिकॉर्ड के आसपास भी कोई खिलाड़ी नहीं है। इसके अलावा वह टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गई हैं। वह 38 साल की हैं।
झूलन गोस्वामी साल 2007 में अचानक उस समय तब सुर्खियों में आई थी, जब उन्हें आईसीसी रैंकिंग में महिला 'क्रिकेटर ऑफ द ईयर' चुना गया था। उन्हें यह सम्मान दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए आईसीसी अवार्ड्स में दिया गया था। उन्होंने यह अवार्ड तब हासिल किया था जब किसी मेल भारतीय क्रिकेटर को भी यह सम्मान नहीं मिला था। यह सम्मान उन्हें मात्र 24 साल में प्राप्त किया था।
झूलन गोस्वामी का जन्म 25 नवंबर 1983 को पश्चिम बंगाल के नदियां जिले में हुआ था। झूलन गोस्वामी के पिता का नाम निशित गोस्वामी और मां का नाम झरना गोस्वामी है। उनके पिता इंडियन एयरलाइंस में काम करते हैं। झूलन को घर में प्यार से बाबुल नाम से पुकारा जाता है। उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। उनके घर के आसपास में कोई भी लड़की क्रिकेट नहीं खेलती थी, इस कारण वह मोहल्ले के लड़कों के साथ खेला करती थीं। लड़के उनका मजाक भी बनाया करते थे पर उन्होंने इस बात पर कभी भी ध्यान नहीं दिया और लगातार अपने गेम पर फोकस किया। खेल को सुधारने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, और उनकी मेहनत रंग भी लाई और 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वह गेंदबाजी करने लगी।
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झूलन गोस्वामी अपनी सफलता का श्रेय कोच स्वपन साधु को देती हैं। महिला 'क्रिकेटर ऑफ द ईयर' चुने जाने के बाद झूलन गोस्वामी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि मेरे क्रिकेट खेलने को लेकर मेरे माता-पिता चिंतित रहते थे। लेकिन, मेरे कोच ने इस बारे में उन्हें समझाया कि अब महिलाएं भी क्रिकेट खेलती हैं। कोलकाता में महिला क्रिकेट खेले जाने की जानकारी भी कोच ने ही उनके माता-पिता को दी थी। 13 साल की उम्र में कोच के कहने पर झूलन के पिता ने उनका नाम कोलकाता की क्रिकेट अकादमी में लिखवा दिया था। वह क्रिकेट के कारण चार बार बारहवीं की परीक्षा नहीं दे सकीं।
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इंग्लैंड के खिलाफ साल 2002 में डेब्यू मैच में झूलन गोस्वामी ने अपनी तेज गेंदबाजी से तहलका मचा दिया था। उन्होंने 120 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाजों की हालत खराब कर दी थी। उन्होंने उस मैच में 7 ओवर में 15 रन दिए और 2 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए थे। मैच में भारत को जीत हासिल हुई थी। उस समय झूलन की उम्र मात्र 18 साल थी। वह भारत की सबसे तेज गेंदबाज हैं। झूलन ने अब तक 122 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की है। बता दें कि दुनिया में सबसे तेज महिला गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया की पूर्व क्रिकेटर कैथरीन फिजपैट्रिक के नाम है। उन्होंने 125 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की है। वहीं झूलन गोस्वामी दुनिया की दूसरी सबसे तेज महिला गेंदबाज मानी जाती हैं।
वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड झूलन गोस्वामी के नाम पर है। उन्होंने 185 मैचों में 233 विकेट लिए हैं। उनके रिकॉर्ड के आसपास भी कोई महिला खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने 11 टेस्ट मैचों में 41 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 56 विकेट हासिल किए हैं। साल 2018 में उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास ले लिया था।
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(Image Credit: Instagram)
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