चुंबन या किस भारत में एक टैबू माना जाता है। पर इतिहास गवाह है कि भारतीय सिनेमा ने हमेशा कुछ ना कुछ नया कर टैबू तोड़ने का काम किया है। चुंबन की बात करें तो सिनेमा में अलग-अलग तरह के चुंबन दिखाए गए हैं और पहले चुंबन से लेकर मॉर्डन किस तक इसमें बहुत से बदलाव आए हैं। 6 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय किसिंग डे होता है और इस मौके पर क्यों ना हम बॉलीवुड के Kiss का इतिहास जानें?
कम से कम 4 दशकों तक बॉलीवुड में फूलों के मिलन से ही दो प्यार करने वालों का मिलन दिखाया जाता था, लेकिन बॉलीवुड के पहले ऑन स्क्रीन किस ने तो जैसे दुनिया ही बदल दी। एक वो दौर था जहां सब कुछ सिर्फ सांकेतिक ही दिखाया जाता था और दूसरा वो दौर जहां बोल्डनेस बिल्कुल सामने आ गई है।
हिंदुस्तानी सिनेमा का पहला किस
अधिकतर लोगों को लगता है कि हिंदुस्तानी सिनेमा का पहला किस असल में देविका रानी का था, लेकिन एक्ट्रेस सीता देवी ने 1929 की साइलेंट फिल्म 'A Throw of Dice' में चारू रॉय को किस किया था। ये फिल्म महाभारत काल के दो राजाओं की कहानी कहती थी। उस समय भारत में ब्रिटिश राज था और 20 और 30 के दशक की एक्ट्रेसेस ज्यादा बोल्ड हुआ करती थीं।
ललिता पवार ने भी किया था किस
जैसा कि हम बता रहे हैं कि 1920 के दशक में बहुत ही ज्यादा बोल्ड फिल्में बनती थीं उस दौर में ललिता पवार ने भी 1920 के दशक में आई फिल्म 'पति भक्ति' में किसिंग सीन दिया था। 1932 में उस समय की एक और लोकप्रिय एक्ट्रेस जुबेदा ने फिल्म 'जरीना' में बोल्ड कपड़े और किसिंग सीन्स से हाहाकार मचाया था।
4 मिनट लंबा ऑन स्क्रीन किस
अब बात करते हैं उस किस की जिसने पूरे भारत में तहलका मचा दिया था। 1933 की फिल्म 'करमा' का वो किस जिसे देविका रानी ने अपने पति और फिल्म के डायरेक्टर को ही किया था। पर इतना स्टीमी सीन होने के कारण विवाद तो होना ही था। उस दौर में इस किस को बहुत ही अश्लील माना गया था।
ब्रिटिश राज खत्म होने के बाद हुई सेंसरशिप की शुरुआत
ब्रिटिश राज खत्म होने के बाद फिल्मों में सेंसरशिप की भी शुरुआत हो गई और जो बोल्ड कंटेंट पहले जाया करता था वो बंद हो गया। 1947 के बाद बोर्ड का गठन भी किया गया और इसके बाद आया सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 जिसमें किसिंग को ही खराब बताया गया। भारत की संस्कृति को बचाए रखने के लिए फैसला आया कि ऑन स्क्रीन किसिंग पर बैन ही लगा दिया जाएगा।
बॉलीवुड में आया फूलों और प्रेम का दौर
इसके बाद तो 50 और 60 के दशक में हमेशा ही फिल्मी सीन्स में दो फूलों के मिलन से या फिर हाथों के जरिए दो इंसानों का मिलन दिखाने लगे। ये वो दौर था जब पेड़ों के पीछे या खेतों में भागती एक्ट्रेस के पीछे-पीछे हीरो भागता था। इसी दौर ने हमें भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे डिजायरेबल गाने को दिया है जो था 1969 में आई फिल्म 'अराधना' का गाना 'रूप तेरा मस्ताना' जिसमें राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर दोनों का मिलन आग और पानी के रूप में दिखाया गया था।
राज कपूर का दौर और बॉलीवुड की सेंशुएलिटी
1970 के दशक में फिल्म मेकर राज कपूर ने अपनी फिल्मों में एक्ट्रेस के कपड़ों के साथ एक्सपेरिमेंट करना शुरू किया और बॉलीवुड में दोबारा किसिंग का दौर शुरू हुआ। 1973 में आई फिल्म 'बॉबी' में राज कपूर ने डिंपल कपाड़िया और ऋषि कपूर का किसिंग सीन फिल्माया था।
इसके बाद दूसरा एक्सपेरिमेंट ही उस दौर की सबसे सेक्सी एक्ट्रेसेस में से एक मानी जाने वाली ज़ीनत अमान और शशि कपूर के बीच हुआ और फिल्म थी 'सत्यम शिवम सुंदरम'।
राज कपूर ने ही मंदाकिनी का झरने वाला सीन फिल्माया था जिसे आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे ऐतिहासिक सीन्स में से एक माना जाता है जिसमें मंदाकिनी के ब्रेस्ट का शेप उनकी सफेद गीली साड़ी के जरिए साफ दिख रहा था।
डिंपल कपाड़िया का सागर किनारे वाला सीन
इसके बाद 80 के दशक के अंत तक एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया को सबसे सेंशुअस सीन्स करने का अलग ट्रेंड स्थापित किया। फिल्म 'सागर' में डिंपल कपाड़िया और ऋषि कपूर का किसिंग सीन और फिल्म 'जांबाज' में उनका अनिल कपूर के साथ किसिंग सीन काफी फेमस हुआ।
1988 में फिल्म 'दयावान' में माधुरी दीक्षित ने भी विनोद खन्ना के साथ किसिंग सीन फिल्माया। इसके बाद फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में भी किसिंग सीन आया जिसमें जूही चावला और आमिर खान थे।
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1990 का सबसे फेमस बॉलीवुड किस
अब बात करते हैं 1990 के दशक के सबसे फेमस किस की जो था 1996 की फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' में। इस फिल्म में करिश्मा कपूर और आमिर खान का एक मिनट लंबा किस था। ये वो दौर था जब किसिंग ने वापस बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली थी।
बॉलीवुड किसिंग सीन्स और मल्लिका शेहरावत
बात थी सन 2003 की जब बॉलीवुड को उभरती हुई कलाकार मल्लिका शेहरावत मिली थीं जिन्होंने फिल्म 'ख्वाहिश' में हिमांशू मलिक को ऑन स्क्रीन 17 बार किस किया था। मल्लिका उसी तरह से फेमस हो गई थीं। नेहा धूपिया की फिल्म 'जूली' से लेकर ऐशवर्या राय की फिल्म 'धूम 2' तक 2000-2010 के दशक में फिल्मों में किसिंग कॉमन हो गई थी।
और अब किसिंग सीन्स का जो हाल है वो तो हमें पता ही है। अब फिल्मों में इंटिमेट सीन्स दिखाना एक जरूरत भी हो गई है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credits: IMBD/ Wikipedia/ Indian Film history Twitter/ Wikiwand
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