गणेश चतुर्थी भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि गणेश जी विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि तथा सौभाग्य के देवता हैं। उनके पूजन से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति आती है।
इस त्योहार को बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। लोग घरों और पंडालों में गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं, भजन-कीर्तन और आरती करते हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। इसे आस्था, एकता और उत्साह का प्रतीक माना जाता है।
इस साल गणेश चतुर्थी बुधवार, 27 अगस्त को मनाई जाएगी और इसी के साथ 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। जहां एक ओर पूरे महाराष्ट्र में बप्पा के स्वागत की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं तो वहीं, मुंबई के मशहूर लालबागचा राजा की पहली झलक आखिरकार सामने आ गई है। लालबागचा में भगवान गणेश एक भव्य सिंहासन पर विराजमान हैं। उनका दिव्य स्वरूप पंडाल में चारों ओर अपनी आभा बिखेर रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस बार लालबागचा राजा के स्वरूप की क्या विशेषता है।
इस साल मंडप को भगवान तिरुपति बालाजी की भव्य थीम पर सजाया गया है। पूरा मंडप मानो किसी स्वर्णिम महल की झलक देता है। इसमें विराजमान बप्पा का स्वरूप अत्यंत दिव्य और मनमोहक दिखाई दे रहा है। बप्पा के हाथों में चक्र, सिर पर सुशोभित आकर्षक मुकुट और बैंगनी रंग की धोती उनकी प्रतिमा को इस वर्ष और भी विशेष बना रही है।
VIDEO | Maharashtra: First look of Lalbaugcha Raja, Mumbai's most famous lord Ganesh idol, ahead of Ganesh Chaturthi celebrations.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2025
This year, Ganesh Chaturthi celebrations will begin on August 27.
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/fV6qugUN0p
लालबागचा राजा का यह 92वां साल है। करीब सौ साल पुराने इस गणेश मंडल की ख्याति न सिर्फ देशभर में, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है। हर वर्ष लाखों भक्त यहां बप्पा के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। बॉलीवुड सितारे, दिग्गज नेता और उद्योगपति भी श्रद्धा भाव से यहां आकर बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि लालबागचा राजा एक नवसाचा गणपति हैं (जिसका अर्थ है जो सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं) और हर साल यहां 10 दिनों के दौरान कई लाख श्रद्धालू आते हैं।
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कहा जाता है कि 1932 में पेरु चॉल मार्केटप्लेस बंद हो गई थी और उसी के चलते यहां रहने वाले मछुआरों और विक्रेताओं, जिन्हें अपना सारा सामान, सारा माल बेचना पड़ा था, ने बाजार फिर से बन जाने पर कसम खाई थी कि वह भगवान गणेश को एक स्थायी स्थान देंगे।
बाजार बनने के बाद, यहां रहने वालों ने अपने वादे को पूरा किया और मछुआरों और ट्रेडर्स ने ठीक 2 साल बाद यानी 12 सितंबर 1934 में गणेश जी की प्रतिमा यहां स्थापित की थी।
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लालबागचा राजा के दर्शन करने के लिए यहां हर बार दो लाइन लगती हैं- नवसाची लाइन और मुख दर्शनाची लाइन। पहला उन लोगों के लिए है जो अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं, जहां उन्हें मंच पर जाना है, देवता के चरणों को कठिन बनाना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है। दूसरा भक्तों को थोड़ी दूर से मूर्ति की एक झलक पाने की अनुमति देता है।
दिलचस्प बात यह है कि मुंबई का लालबागचा राजा देश में सबसे लंबा विसर्जन जुलूस आयोजित करता है। विसर्जन की प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू होती है और अगले दिन सुबह समाप्त होती है। दूसरा सबसे लंबा विसर्जन जुलूस अंधेरीचा राजा का है।
इस बार भले ही आप भगवान के दर्शन सामने से न कर पाएं, लेकिन आप ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं। लालबागचा राजा की वेबसाइट पर सारी जानकारी दी गई है। आप वहां से आरती और दर्शन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। गणेश चतुर्थी की आपको ढेरों शुभकामनाएं। भगवान गणेश आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करें। इसी तरह के रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: pti twitter handle
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