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Kashi Vishwanath Temple: बाबा काशी विश्वनाथ से जुड़े ये रहस्य नहीं जानते होंगे आप

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने मात्र से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। खास बात यह है कि सभी ज्योतिर्लिंगों से न सिर्फ आस्था जुड़ी है बल्कि जुड़े हुए हैं कई रहस्य।    
Editorial
Updated:- 2023-08-11, 15:30 IST

Kashi Vishwanath Mandir Se Jude Rahasya Aur Khaas Baatein: सनातन परंपरा में 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा और दर्शनों का बहुत महत्व है।

इन्हीं ज्योतिर्लिंगों में से एक है बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थिति है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह सातवां ज्योतिर्लिंग है। 

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को लेकर कई मान्यताएं हैं। साथ ही, इस मंदिर से और बाबा विश्वनाथ से जुड़े भी कई रहस्य आज भी पहेली बने हुए हैं। 

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के माध्यम से आइये जानते हैं बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कई रोचक बातें और दिव्य अनुभूतियों के बारे में। 

बाबा काशी विश्वनाथ में होती हैं पांच आरती 

kashi vishwanath mandir se jude rahasya

  • काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच आरती करने का विधान है। मंगला आरती के साथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाते हैं।
  • फिर दोपहर के भोग और शाम के भोग के समय आरती (घर में आरती करने का सही तरीका) की जाती है। मान्यता है कि यह आरती सात गोत्रों के ऋषि करते हैं। 
  • इसके बाद बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की फिर रात में श्रृंगार आरती होती है और इसकी बाद शयन आरती करते हैं।

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बाबा काशी विश्वनाथ की सप्त ऋषि आरती का महत्व 

  • पांचों आरतियों में सप्त ऋषि आरती सबसे खास मानी जाती है। इस आरती को अलग-अलग गोत्र के सात ब्राह्मण करते हैं। 
  • सात प्रकार के अलग-अलग रास्तों से होते हुए ब्राह्मण या ऋषि डोली लेकर बाबा की आरती के लिए मंदिर पहुंचते हैं। 
  • काशी विश्वनाथ में ये परंपरा 750 वर्षों से ज्यादा लंबे समय से निभाई जा रही है। इस आरती के दर्शन का बहुत महत्व है। 

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बाबा काशी विश्वनाथ की सप्त ऋषि आरती का समय 

kashi vishwanath mandir ke bare mein

  • सप्त ऋषियों (कौन हैं ज्योतिष के सप्त ऋषि) या ब्राह्मणों द्वारा यह आरती शाम 7 बजे से शुरू होती है। यह आरती सवा घंटे तक की जाती है। 
  • यह शिव जी की सबसे बड़ी आरती कहलाती है। इस आरती का समापन रात 8 बजकर 15 मिनट पर होता है।
  • इस आरती से पहले बाबा विश्वनाथ का भिन्न-भिन्न चीजों से अभिषेक किया जाता है। फिर भोग लगाया जाता है।
  • भोग के बाद सात ब्राह्मण बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की आरती करते हैं। यह आरती बहुत दिव्य होती है।

 

आप भी काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में इस लेख के माध्यम से बहुत कुछ खास और रहस्यमयी बातें जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

Image Credit: shutterstock, wikipedia 

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FAQ
काशी विश्वनाथ को कौन सा ज्योतिर्लिंग कहते हैं?
काशी विश्वनाथ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में कितना सोना है?
काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर 37 किलो सोना लगा हुआ है।
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