7 Sages: हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों को पूजनीय माना गया है। धर्म शास्त्रों और ग्रंथों में कई ऐसे दिव्य और तपस्वी ऋषियों का नाम वर्णित है जिन्होंने अपने तप और कर्म से समाज का उद्धार किया है। इन्हीं में शामिल हैं वो सप्तऋषि जिनके बिना ज्योतिष शास्त्र की रचना और उससे जुड़ी सभी गणनाएं संभव ही नहीं।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि हिन्दू धर्म में उल्लेखित सप्तऋषि ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। अगर तारामंडल में इनकी मौजूदगी न हो तो ग्रह-नक्षत्रों का भी कोई मोल नहीं रह जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कौन हैं सप्तऋषि और कैसे हुई इनकी उत्पत्ति।
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विष्णु पुराण समेत सभी ग्रंथों में सप्त ऋषियों का उल्लेख मिलता है। पुराणों के अनुसार, सप्तर्षियों का जन्म ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से हुआ था और शिव जी (कौन हैं भगवान शिव की 5 बेटियां) ने गुरु का दायित्व संभालते हुए इन सप्तऋषियों को शिक्षा और ज्ञान प्रदान किया था।
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तो ये था सप्तऋषियों का ज्योतिष में महत्व। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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