1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है। नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की जद्दोजहद शुरू हो जाती है। हालांकि, लोगों के बीच ITR को लेकर जुलाई में तेजी आती है। लेकिन, कुछ टैक्सपेयर्स अप्रैल या मई में फाइलिंग शुरू कर देते हैं। ऐसे में फायदा यह होता है कि इन टैक्सपेयर्स को रिफंड जल्दी मिल जाता है। लेकिन, यह प्रोसेस इतना आसान नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइलिंग शुरू करने से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एसेसमेंट ईयर के लिए ITR फॉर्म्स जारी करता है। फॉर्म्स जारी होने के बाद ही ITR फाइलिंग शुरू होती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले साल अप्रैल में 7 अलग-अलग ITR फॉर्म जारी किए थे। ऐसे में टैक्सपेयर्स को ऐसी उम्मीद है कि इस साल भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अप्रैल में 2025-26 एसेसमेंट ईयर के लिए भी फॉर्म जारी कर सकता है। ऐसे में अगर आप भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ITR फॉर्म्स जारी करने और जल्द से जल्द रिटर्न भरने का इंतजार कर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। जी हां, यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर अप्रैल या मई में ITR भर ली जाए तो कब तक आपका रिफंड आ सकता है।
अप्रैल में ITR भरने के बाद कब तक मिल सकता है रिफंड?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ITR फॉर्म जारी करने के बाद टैक्स फाइलिंग का प्रोसेस शुरू हो जाता है। इस प्रोसेस को लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग यानी ITR भी कहते हैं। अब सवाल उठता है कि जल्द से जल्द आईटीआर भरने के बाद रिफंड कब मिलता है। तो आइए जवाब के साथ इसके प्रोसेस के बारे में भी यहां जान लेते हैं।
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ITR भरने के बाद जब टैक्सपेयर अपना रिटर्न ई-वेरिफाई कर देता है उसके बाद ही रिफंड का प्रोसेस शुरू होता है। इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक, नॉर्मल इनकम टैक्स रिफंड को टैक्सपेयर के अकाउंट में वापिस आने यानी क्रेडिट होने में 4 से 5 हफ्तों का समय लगता है। वहीं, अगर आपका रिफंड 4 से 5 हफ्तों में नहीं आता है तो आपको स्क्रूटनी चेक करने की जरूरत होगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसी सलाह देता है कि अगर किसी टैक्सपेयर का अमाउंट 4 से 5 हफ्तों में नहीं आता है तो उसे सबसे पहले अपने ITR फॉर्म को चेक करना होगा कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो गई।
ITR फॉर्म चेक करने के बाद अपना ईमेल अकाउंट चेक करें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड को लेकर कोई मेल तो नहीं आया। इसके अलावा आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर अपना रिफंड स्टेटस भी चेक कर सकते हैं। बता दें, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनकम टैक्स का रिफंड कब तक मिल सकता है यह कई चीजों पर निर्भर करता है। जिसमें से रिटर्न फॉर्म कितना सही भरा है, टीडीएस की डिटेल्स और इनकम डिटेल्स फॉर्म 26AS और AIS से मेल खाते हैं या नहीं। इसके अलावा ई-वेरिफिकेशन कब किया गया है और कितना सही है इसपर भी रिफंड कब तक मिल सकता है यह निर्भर करता है।
इन हैक्स से बचा सकते हैं टैक्स
इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले आपको उन चीजों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए, जिनकी मदद से आप टैक्स बचा सकते हैं। जिसमें सबसे पहले 80C आता है। जी हां, 80C सेक्शन में ELSS, PPF, LIC, EPF और ट्यूशन फीस जैसी चीजों में निवेश करके टैक्स में 1.5 लाख की छूट पाई जा सकती है।
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80D में हेल्थ इंश्योरेंस में छूट
अगर आपने लाइफ इंश्योरेंस में इन्वेस्ट किया हुआ है तो भी आप टैक्स में छूट पा सकते हैं। आप सिर्फ खुद की ही नहीं, बल्कि माता-पिता की हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरते हैं तो भी छूट मिलती है।
होम लोन पर इंटरेस्ट
अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस में आप जो इंटरेस्ट दे रहे हैं उससे भी टैक्स में बचत की जा सकती है। सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन पर 2 लाख रुपये तक टैक्स बचाया जा सकता है।
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Image Credit: Freepik
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