होली या दिल्ली, बर्थडे या शादी-ब्याह, गिफ्ट्स का लेना और देना हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। गिफ्ट्स से ही हम प्यार और अपनापन दिखाते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं आपका प्यार और अपनापन दिखाने वाले गिफ्ट पर इनकम टैक्स भी लग सकता है। जी हां, भारतीय आयकर कानून के तहत गिफ्ट देने ही नहीं, लेने पर भी इनकम टैक्स लग सकता है। अब गिफ्ट्स पर टैक्स लगता है यह सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह जानने की जरूरत है कि गिफ्ट्स पर टैक्सेशन के क्या नियम हैं और किस परिस्थिति में वह इनकम टैक्स एक्ट में आते हैं।
गिफ्ट पर टैक्स की बात सुनकर कई लोगों को लग सकता है कि पति ने बर्थडे पर जो रिंग दी है, वह भी इनकम टैक्स के दायरे में आएगी। लेकिन, ऐसा नहीं है। गिफ्ट्स पर इनकम टैक्स यूं ही नहीं लग जाता है, इसके नियमों में देखा जाता है कि गिफ्ट किसने दिया है और कितनी कीमत का दिया है। अगर आप भी खूब गिफ्ट्स का लेन-देन करते हैं तो पहले यहां जान लीजिए कौन-से गिफ्ट्स टैक्सेबल इनकम का हिस्सा होते हैं और कौन-से नहीं।
कौन-से गिफ्ट्स पर लगता है टैक्स?
ब्लड रिलेशन के अलावा किसी दोस्त या परिचित से आपको गिफ्ट मिले हैं तो वह टैक्सेबल इनकम के दायरे में आ सकते हैं। लेकिन, हर गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है। इसे यहां उदाहरण के साथ समझा जा सकता है। जैसे- आपको किसी मित्र या दूर के रिश्तेदार ने 50 हजार से ज्यादा का कैश, ज्वैलरी, शेयर, एंटिक आइटम या अन्य कोई जीच गिफ्ट की है तो वह टैक्सेबल इनकम का हिस्सा होगी।
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एक फाइनेंशियल ईयर में 50 हजार से ज्यादा का गिफ्ट ब्लड रिलेशन के बाहर से मिलने पर इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में देना जरूरी होता है। वहीं, अगर आपकी इनकम टैक्स देनदारी बनती है, तो उसे चुकाना भी होगा।
भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(x) के तहत ऐसा नियम है कि अगर कोई व्यक्ति या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) को 50 हजार से ज्यादा का कैश, प्रॉपर्टी या अन्य कोई आइटम मिलता है, तो उसे Income From Other Source की कैटेगरी में रखा जाएगा और वह टैक्सेबल होगा।
किन गिफ्ट्स पर टैक्स नहीं लगता है?
शादी या विशेष मौकों पर मिलने वाले गिफ्ट्स में कुछ नियमों के साथ छूट होती है। इसके अलावा ब्लड रिलेशन या करीबी रिश्तेदार गिफ्ट देते हैं तो उन पर टैक्स नहीं लगता है। करीबी रिश्तेदारों में पति, पत्नी, भाई, बहन, साली, ननद, देवर, माता-पिता, चाचा, मामा, मौसी, बुआ, दादा-दादी, नाना-नानी, बेटा-बेटी को करीबी रिश्तेदारों की लिस्ट में रखा जाता है। इन रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट्स को इनकम टैक्स की कैटेगरी से बाहर रखा जाता है।
ब्लड रिलेशन या करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट्स के लिए 50 हजार की लिमिट भी नहीं होती है। अगर करीबी रिश्तेदार 50 हजार से ज्यादा का गिफ्ट देते हैं तो वह टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं।
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गिफ्ट्स और इनकम टैक्स का कनेक्शन
- शादी और विशेष मौकों पर मिलने वाले गिफ्ट्स पर इनकम टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, अगर आपका एम्पलॉयर कोई गिफ्ट देता है, तो वह इनकम टैक्स की कैटेगरी में आता है।
- ब्लड रिलेशन और करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाली प्रॉपर्टी पर टैक्स नहीं देना होता है। अगर आपको वसीयत या कोई पुश्तैनी प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलता है, तो उसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन, अगर आप वह प्रॉपर्टी को बेचते हैं, तो वह टैक्सेबल इनकम में आएगा।
- त्योहार और विशेष मौकों पर कंपनी की तरफ से मिलने वाले गिफ्ट, वाउचर और बोनस की रकम अगर 5 हजार रुपये से ज्यादा है तो वह टैक्सेबल इनकम का हिस्सा होते हैं। वहीं, 5 हजार से कम के गिफ्ट्स हैं तो उन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है।
कई बार लोगों को त्योहार और विशेष मौकों पर ढेर सारे गिफ्ट्स मिल जाते हैं और उन्हें गिफ्ट टैक्सेशन नियमों की जानकारी नहीं होती है, जिससे वह आयकर विभाग की नजर में आ जाते हैं। ऐसे में खुद को मिलने वाले गिफ्ट्स और उनके सोर्स का ध्यान रखना जरूरी होता है।
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