अगर 12 लाख तक इनकम Tax-Free, तो 4–8 लाख पर 5% टैक्स क्यों? आप समझें अपनी सैलरी का गणित, सबसे आसान भाषा में

बजट 2025 में मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है। 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को कई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन, कई बार मन में सवाल आता है कि फिर 4 से 8 और 8 से 12 लाख पर 5 और 10 फीसदी टैक्स क्यों है? 
tax free income up to 1200000 then why 5 percent on 4 to 8 lakhs know the full calculation

2025 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। खासकर सैलरीड क्लास के लिए ये राहत काफी मायने रखती है, क्योंकि उन्हें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 12.75 लाख रुपये है, तो भी उन्हें एक पैसा टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है। दरअसल सवाल यह भी है कि जब 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है, तो सरकार ने नए टैक्स स्लैब में 4 से 8 लाख की आय पर 5% और 8 से 12 लाख पर 10% टैक्स क्यों लगाया है? अगर आपके मन में भी ऐसा कोई सवाल चल रहा है, तो चिंता न करें। हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि टैक्सकैल्कुलेशन कैसे होता है?

यूनियन बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम(Understanding The New Tax Regime)

Why 5 percent tax on 4 to 8 lakhs,

यूनियन बजट 2025 में सरकार ने आम लोगों, खासतौर पर मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास के लिए इनकम टैक्स को लेकर एक बड़ी राहत प्रदान की है। न्यू टैक्स रिजीम को और ज्यादा सरल और फायदेमंद बनाने के लिए टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है।

  • 4 लाख रुपये तक की सालाना आय पर- कोई टैक्स नहीं
  • 4 लाख से 8 लाख रुपये तक की आय पर- 5% टैक्स
  • 8 लाख से 12 लाख रुपये तक की आय पर- 10% टैक्स
  • 12 लाख से 16 लाख रुपये तक की आय पर- 15% टैक्स
  • 16 लाख से 20 लाख रुपये तक की आय पर- 20% टैक्स
  • 20 लाख से 24 लाख रुपये तक की आय पर- 25% टैक्स
  • 24 लाख से ज्यादा की आय पर- 30% टैक्स

फिर 12 लाख तक टैक्स-फ्री कैसे?(How To Get Tax- Free Up To 12 Lakhs)

दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत, टैक्स रिबेट देने का प्रावधान है। बजट 2025 में इस छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है। अब अगर किसी व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम 12 लाख या उससे कम है, तो उसे जो टैक्स बनता है उसे पूरी तरह रिबेट के जरिए माफ कर दिया जाएगा यानी टेक्निकली टैक्स लगेगा जरूर (जैसे 8 से 12 लाख पर 10%), लेकिन आपको उतनी ही छूट (रिबेट) मिल जाएगी। नतीजतन, आपकी टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब 12 लाख रुपये तक कमाने वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, लेकिन यह सिर्फ न्यू टैक्स स्लैब को अपनाने वालों पर लागू होता है।

टैक्स कैल्कुलेशन(Tax Calculation For 12 Lakhs Income)

Tax calculation for ₹12 lakh income,

अगर आपकी सालाना इनकम 12 लाख है और आप न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स भरते हैं, तो ये जानना जरूरी है कि आपको वास्तव में टैक्स क्यों नहीं देना पड़ेगा। आइए इसे आसान कैल्कुलेशन के जरिए समझते हैं।

Gross Income- 12,00,000 रुपये

स्टैंडर्ड डिडक्शन- 75,000 रुपये(सैलरीड क्लास को मिलने वाली छूट)

टैक्सेबल इनकम- 12,00,000-75,000 = 11,25,000 रुपये

अब 11.25 लाख रुपये पर न्यू टैक्स रिजीम के मुताबिक टैक्स लगेगा।

4,00,001 - 8,00,000 तक5% टैक्स यानी4 लाख × 5% = 20,000 रुपये

8,00,001 - 11,25,000 तक10% टैक्स यानी3.25 लाख × 10% = 32,500 रुपये

कुल टैक्स(रिबेट से पहले)- 20,000 + 32,500 = 52,500 रुपये

अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये से कम है, तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत, सरकार आपको पूरे 60,000 रुपये तक की टैक्स छूट देती है। इसका मतलब है कि अगर 52,500 रुपये टैक्स बन रहा है, तो पूरा का पूरा माफ हो जाएगा।

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क्या होता है टैक्स रिबेट?(What Is Tax Rebate)

जब आप अपनी सालाना इनकम पर टैक्स की गणना करते हैं, तो कुछ स्थितियों में सरकार आपको टैक्स रिबेट यानी टैक्स में राहत देती है। यह सुविधा खासतौर पर मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए होती है। सेक्शन 87ए के तहत, अगर आपकी टैक्सेबल इनकम एक तय सीमा से कम है, तो आपको कुल टैक्स से सीधे छूट मिलती है। वहीं, बजट 2025 में सरकार ने टैक्स रिबेट की सीमा को बढ़ा दिया है। अगर किसी की टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे 60,000 रुपये तक का टैक्स रिबेट मिलेगा।

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Image Credit - freepik

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FAQ

  • टैक्स डिडक्शन और टैक्स रिबेट में क्या अंतर है?

    टैक्स डिडक्शन आपकी टैक्सेबल इनकम को कम करता है, जबकि टैक्स रिबेट आपकी टैक्स देनदारी को सीधे घटाता है।