16 दिसंबर 2012 में निर्भया के के साथ हुई बर्बता ने देश का दिल दहता दिया था। देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन हुए, कैंडल मार्च हुए और निर्भया के इंसाफ के लिए खूब आंदोलन किए गए। निर्भया के माता-पिता ने इंसाफ के लिए 7 साल लंबी लड़ाई लड़ी और आखिरकार 20 मार्च 2020 में उन दोषियों को सजा दी गई। निर्भया केस को 8 साल होने वाले हैं, लेकिन इसके बावजूद देश में आए दिन दुषकर्म के कई केस सामने आते हैं। निर्भया की मां का कहना है कि भले ही पॉलिटिकल पार्टी आपस में बात-चीत करती हैं, लेकिन देश की बेटियों को सुरक्षित रखने के लिए कहीं न कहीं कानूनी व्यवस्था कमजोर है। चलिए आपको बताते हैं HZ Exclusive इंटरव्यू के दौरान निर्भया की मां ने न्याय, महिला सुरक्षा और कानून के बारे में क्या कहा।
7 साल का लंबा सफर नहीं था आसान-

जब आशा देवी से पूछा गया कि इंसाफ की इतनी लंबी लड़ाई में कहीं न कहीं तो ऐसा लगा होगा कि हिम्मत टूट रही है? तो उनका कहना था कि 7 साल इंतजार करना, अड़े रहना इतना आसान नहीं होता है। कई बार बहुत दिक्कतें आईं, चुनौतियां आईं लेकिन जब हमें कुछ पाना पड़ता है तो उन सभी बातों को अलग रखकर सोचना पड़ता है। निर्भया की मां ने कहा कि भले की यह सफर मुश्किल रहा हो, लेकिन हमने हार नहीं मानी और हमने खुद से वादा किया कि हमे यह लड़ाई लड़नी ही होगी। सब लोगों ने साथ दिया, देश ने साथ दिया और आखिर हमें इंसाफ मिला।
वकीलों ने केस लड़ने में सबसे ज्यादा मदद की-
निर्भया की मां ने हरजिंदगी को बताया कि उनका परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है और केस लड़ने में भले ही सरकारी वकील दिया गया हो, लेकिन सरकार कि ओर से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली थी। केस लड़ने में जितने भी वकील उनके साथ रहे, सबने अपना काम बखूबी निभाया और उनकी हिम्मत जोड़े रखी थी। आशा देवी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने जब केस लड़ा, तो उन्होंने परिवार से चार्ज नहीं लिया था।
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फांसी की तारीख आगे बढ़ने पर होती थी हैरानी-

सजा के बाद भी दोषियों की फांसी की तारीख बार-बार आगे बढ़ रही थी और वह कुछ न कुछ दाव-पेच खेल रहे थे- ऐसा पूछना पर आशा देवी ने कहा कि हमें हैरानी होती थी कि निर्भया के साथ इतनी बर्बता के बावजूद, तारीख आगे कैसे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि इतने अपराध हो रहे हैं, लेकिन इन्हें कम करने के लिए कानूनी व्यव्स्था मजबूत नहीं बनाई जाती है। आशा देवी ने बताया कि किसी भी अपराध के बाद भले ही न्यूज चैनल पर डिबेट की जाती है, लेकिन पॉलिटिकल पार्टी कोई समाधान निकालने के बजाए मुद्दे से भटकने लगती हैं।
हैदराबाद केस के दोषियों को एनकाउंटर में मारने पर आशा देवी ने किया समर्थन-
हैदराबाद गैंगरेप के चारों दोषियों को को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। कई लोगों इसका समर्थन कर रहे थे और निर्भया की मां ने हरजिंदगी को बताया कि वह भी उस एनकाउंटर का समर्थन करती हैं। इसका कारण यह था कि कानूनी तरीके से इंसाफ का इंतजार करने में काफी समय लग जाता, जैसे आशा देवी ने खुद किया था। आशा देवी ने कहा कि हमें अच्छा लगा था कि जो उन दोषियों ने किया उसका फल उन्हें मिल गया।
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कानूनी तरीके से मिले सजा, तो न्याय पर लोगों का बनेगा भरोसा-
निर्भया की मां ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि अगर कोई केस हल्का पड़ने लगता है, तो दोषी भी याचिका फाइल करते हैं और आजाद होने के बारे में सोचते हैं। अगर हर केस का फैसला जल्दी सुना दिया जाए और केस के मुताबिक सजा दी जाए, तो लोगों का भरोसा न्याय पर बना रहेगा। आशा देवी ने कहा कि कई लोगों ने देश के कानून का मजाक बना दिया है और यही कारण है कि अपराध इतने बढ़ने लगे हैं। आशा देवी ने कहा कि लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए कानून को मजबूती की जरूरत है और कानून की कमियों को सही करना चाहिए।
दिल्ली पुलिस ने हमेशा आशा देवी का साथ दिया था-
16 दिसंबर 2012 की रात से लेकर इंसाफ मिलने तक दिल्ली पुलिस हमेशा उनके परिवार से जुड़ी रही थी। चाहे आशा देवी खुद भी फोन करती थीं, तो दिल्ली पुलिस हमेशा उनका साथ देती थी। लेकिन आशा देवी का कहना है कि अगर निर्भया केस की तरह भी पुलिस हर केस के लिए सही से काम करे, तो देश में अपराध कम हो सकते हैं। आशा देवी का कहना है कि जनता का विश्वास दिल्ली पुलिस पर होना काफी जरूरी है और ऐसा तभी होगा, जब पुलिस निर्भया केस की तरह हम बार काम करे।
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Image Credit: jagran.com
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