तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों को आखिरकार फांसी पर लटका दिया गया। हालांकि देरी से मिले इंसाफ की लड़ाई निर्भया की मां आशादेवी के लिए तकलीफदेह थी, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि आखिरकार निर्भया के दोषियों को उनके किए की सजा मिली। आशा देवी ने इस दौरान मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'हम भारत की बेटियों के लिए इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगे। हमारा इंतजार बहुत तकलीफदेह था, लेकिन आखिरकार हमें न्याय मिल गया। दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है और मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को गले लगाया।' आशा देवी ने आगे कहा, 'मैं सभी का धन्यवाद देना चाहती हूं। सरकार और न्यायपालिका का, अदालत ने सभी पिटीशन्स को खारिज कर दिया। देश साल 2012 में शर्मसार हुआ था। और आज मेरी बेटी को इंसाफ मिला।'
Tihar Jail DG:Convicts Mukesh&Vinay had dinner&Akshay had only tea, last night. Vinay cried a bit but all 4 convicts were quiet. They were continuously updated on court orders. If their families claim their bodies it will be handed over to them else it is our duty to cremate them pic.twitter.com/XiTpVThYPv
— ANI (@ANI) March 20, 2020
निर्भया के दोषियों की याचिकाएं हुईं खारिज
इस मामले में दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने से 2 घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि दोषियों को फांसी की सजा जरूर मिलेगी। निर्भया रेप केस को लेकर देशभर में रोष प्रकट किया गया था। इस मामले में दोषियों को फांसी दिए जाने को लेकर लंबे वक्त से आवाज उठाई जा रही थी। न्यापालिका की इस मामले पर सक्रियता के बावजूद दोषियों को फांसी की सजा देने में 7 साल लग गए।
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#Nirbhaya has at last got justice after 7 years 3 months. Her soul can now rest in peace. The execution of all 4 convicts in jail will surely send a strong message of deterrence to those who may commit similar heinous crimes in future. #NirbhayaJustice
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) March 20, 2020
Should have been telecasted live to send a loud & clear message to such people, that this is the fate of such heinous crime. I stayed up just to cherish this moment, now I can go to sleep with a smile. Though late but justice done to #Nirbhaya
— irfan khan (@khan_iff) March 20, 2020
स्वाती मालीवाल ने कहा आज का दिन ऐतिहासिक
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है, 'यह एक ऐतिहासिक दिन है। निर्भया को 7 साल बाद न्याय मिला, उसकी आत्मा को आज शांति मिली होगी। देश ने बलात्कारियों को एक कड़ा संदेश दिया है कि अगर आपने यह अपराध किया तो आपको फांसी जरूर दी जाएगी।
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रात में नहीं सोए दोषी
इससे पहले अक्षय ठाकुर (31 साल), पवन गुप्ता (25 साल), विनय शर्मा (26 साल) और मुकेश सिंह (32 साल) को तिहाड़ जेल में एकांत में रखा गया था। रात में दोषियों ने खाना खाने से इन्कार कर दिया। चारों रात में जगे रहे। सुरक्षा के मद्देनजर पूरी जेल रात में बंद कर दी गई थी। दोषियों को रात के 3.30 पर अपने सेल से बाहर लाया गया। उन्हें काले कपड़े पहनाए गए और उनके दोनों हाथ बांध दिए गए। इसके बाद जल्लाद पवन ने फंदे की गांठ को चेक किया और उसके बाद दोषियों को फांसी दी गई। फांसी की प्रक्रिया के दौरान वहां मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे।
फांसी टालने के लिए दोषियों ने बार-बार डाली याचिकाएं
इस मामले में दोषियों ने अपने बचाव के लिए पिछले कुछ महीनों में कई याचिकाएं डालीं। इससे उनकी फांसी बार-बार टली। अक्षय ठाकुर के वकील ने दोषियों की फांसी की सजा पर अदालत से अपील की थी कि इन्हें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भेज दिया जाए, डोकलाम भेज दिया जाए, लेकिन फांसी ना दी जाए।' लेकिन सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने एक के बाद एक खारिज कर दिया।
भारत की बेटियों के लिए नया सवेरा
निर्भया की मां ने चैन की सांस लेते हुए कहा, 'हमने दोषियों की फांसी के लिए बहुत दिन इंतजार किया। आज का दिन एक नया सवेरा है, क्योंकि मेरी बेटी को न्याय मिला है। यह भारत की बेटियों के लिए नई सुबह है। अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।'
Image Courtesy: shethepeople, pti, oneindia, indiatvnews
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