16 दिसंबर 2012 की वह रात आज भी लोगों की यादों में धुंधली नहीं हुई है। देश को झकझोर देने वाला निर्भया कांड आज भी लोगों के जहन में है। इस कांड को आज पूरे 7 बरस बीत गए हैं, मगर, आज भी इस दिन को याद कर लोग सिहर उठते हैं। बेशक निर्भया के अपरधियों के लिए देश का कानून अब तक सजा तय नहीं कर पाया है मगर 16दिसंबर की उस सर्द रात में चलती हुई बस के अंदर पांच दरिंदों ने 23 बरस की निर्भया के साथ जो किया उसने मानवीय संवेदनशीलता को छलनी कर दिया था। हादसे के बाद 13 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने वाली निर्भया ने आखिर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। निर्भया केस के बाद राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश भर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानून ने कई बड़े बदलाव किए । कई नए एक्ट आए। मगर, महिलाओं की सुरक्षा आज भी सवालों के घेरे में है। बीती 27 नवंबर को ही हैदराबाद में दिल दहला देने वाली एक घटना घटी है। प्रियंका रेड्डी, जो कि पेशे से जानवरों की डॉक्टर थीं उनका सामूहिक रेप करके अपराधियों ने उन्हें मारा और फिर उनके शरीर को जला भी दिया । जबकि निभर्या केस के बाद बहुत सारे नए कानून जो कि खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा के नजरिए से बनाए गए थे। आज भी, नए कानूनों के बावजूद महिलाओं के प्रति अपराधों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। विडंबना तो यह है कि इतने कानून बनने के बावजूद महिलाओं को इन्हें अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करना नहीं आता है। आज हम आपको बताएंगे कि महिलाएं अपनी सुरक्षा में कानून के किस तरह मदद ले सकती हैं। जाने लीगल एक्सपर्ट इंदिरा लहरी से-
1. वर्क प्लेस पर महिलाओं का यौन शोषण (निषेध, रोकथाम, समाधान) एक्ट 2013 में पास किया गया था। इसके तहत सबसे पहले यौन शोषण के किसी भी मामले की पहले कंप्लेंट कराई जाती है इसके बाद इसपर कार्रवाई की जाती है। 2013 में यह कानून लाया गया कि सभी कंपनियों को आईसीसी (इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी) गठित करना अनिवार्य है जिसमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी उसके सदस्य रहेंगे। इसके तहत वर्क प्लेस पर किसी भी तरह के यौन शोषण के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी और उसके खिलाफ उस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। Telangana veterinary doctor केस महिला सुरक्षा पर उठाता है गंभीर सवाल
2. पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2013 पर 3 अप्रैल, 2013 एक कनून बनाया गया था। इसके साथ ही देश में महिलाओं के प्रति अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित की गई थी। महिलाओं के प्रति यौन अपराधों के लिए कड़ी सजाओं के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2013 को 19 मार्च, 2013 को लोकसभा और 21 मार्च, 2013 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था। ऐसे किसी कानून की मांग दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में मेडिकल की एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के पश्चात् व्यापक तौर पर की गई थी। इस कानून के तहत-
इसे जरूर पढ़े: जब ऑड टाइमिंग्स में करना पड़े अकेले सफर तो पर्स में जरूर रखें ये ‘सेफटी टूल्स’
इसे जरूर पढ़े: घर है महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा अनसेफ, यूएन स्टडी के अनुसार हर घंटे दुनियाभर में मारी जा रही 6 महिलाएं
इसे जरूर पढ़े: होम सेफ्टी के ये टिप्स अपनाएंगी तो आप और आपका परिवार रहेगा पूरी तरह सुरक्षित
3. अगर कोई शख्स लड़की से साथ किसी तरह की छेड़खानी कर रहा है तो उसके उपर भी भारतीय कानून में कई धारा हैं और सजाएं हैं। जिनका इस्तेमाल लड़कियां कर सकती हैं।
हाला कि हम नहीं चाहते कि कोई महिला इस तरह की घटना की शिकार हो मगर, यदि कोई हादसा होता है या आपके आसपास किसी महिला के साथ ऐसी कोई घटना घटे तो इन कानूनों के सहारे आप अपराधी को सजा दिलवा सकती हैं। इसलिए लिए आपका इन कानूनों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी रखना बेहद जरूरी है।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।