भारत में लगातार बढ़ रहे रेप और यौन हिंसा के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वुमन सेफ्टी का मुद्दा उठने के साथ देश की धीमी न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हाल ही में निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। और अब उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट ने आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ कुलदीप सेंगर को 25 लाख रुपये जुर्माना के तौर पर देने होंगे। इससे 16 दिसंबर को डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा ने कुलदीप सेंगर को आईपीसी की धारा 376 और POCSO एक्ट के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। इस मामले पर में दोषी विधायक को सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 20 दिसंबर का दिन मुकर्रर किया था। इस मामले में कुलदीप सेंगर को नाबालिग के साथ रेप, आपराधिक साजिश रचने, अपहरण, सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया था।
इससे पहले 17 दिसंबर को सीबीआई के एडिश्नल स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर भारतेंदु ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि सेंगर को कड़ी सजा मिले। उन्होंने उन्नाव रेप केस को 'extraordinary' करार देते हुए कहा कि यह ना सिर्फ रेप पीड़िता के साथ यौन हिंसा का मामला है, बल्कि इसकी वजह से पीड़िता को मेंटल ट्रॉमा से भी गुजरना पड़ा है और अगर इस मामले में नरमी से पेश आया जाता है तो इससे सजा दिए जाने में संतुलन बिगड़ सकता है और इससे इसका सोशल इंपैक्ट भी प्रभावित हो सकता है।
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गौरतलब है कि यह मामला उस समय हुआ था, जब पीड़िता नाबालिग थी। इस मामले में अपहरण और रेप के बाद पीड़िता ने न्याय पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। 4 अप्रैल 2018 को पीड़िता की मां ने विनीत, सोनू, बउवा और शैलू और अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था।
इसके बाद 5 अप्रैल 2018 को पुलिसिया कार्रवाई में पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया, जबकि वे बीमार थे। वहीं जेल में बंद युवती के पिता की स्थिति लगातार बिगड़ती गई और सुबह 4 बजे के करीब उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस मामले में कुलदीप सेंगर पर कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब 8 अप्रैल 2018 को पिता को झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हुए पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने खुद को जलाने की कोशिश की।
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इस मामले में कांग्रेस की तरफ से राजनीतिक दबाव बढ़ने पर यूपी सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की मंजूरी दी। इसके बाद सीबीआई ने कुलदीप सेंगर और शशि सिंह को गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई के दौरान जब पीड़िता रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने गई थी तो उस दौरान उसकी कार की ट्रक से टक्कर हो गई थी, जिसमें चाची और मौसी की मौत हो गई थी।
कुलदीप सिंह ने अपने राजनीतिक करियर में कांग्रेस के साथ थे, इसके बाद बीएसपी, एसपी और बीजेपी जैसी पार्टियों में रहे। साल 2017 में कुलदीप सेंगर ने बीजेपी के टिकट पर एमएलए का चुनाव लड़ा था। कुलदीप के खिलाफ बढ़ते विवादों के चलते बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सेंगर को सजा होने से न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा, साथ ही महिलाओं में भी यह भरोसा जगेगा कि दोषियों को उनके अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
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