herzindagi
ias sonal share her inspirational journey

HZ Exclusive: 'वातावरण में ढलना नहीं बल्कि उसे बदलना है..' IAS सोनल गोयल ने दिया महिलाओं को ये संदेश

आईएएस सोनल गोयल दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर कार्य कर रही हैं। उनका फर्श से अर्श तक का सफर काफी खास है।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-03-06, 09:56 IST

"कभी-कभी किसी के जुनून को देख कर अपने आप में भी जुनून आ जाता है।" अब आप आईएएस सोनल गोयल की जर्नी को ही देख लिजिए। किसी मोटिवेशनल पुस्तक से कम नहीं लगती है। हरियाणा के पानीपत शहर से लेकर रेजिडेंट कमिश्नर बनने तक का उनका सफर काफी खास है।आइए जानते हैं हरजिदंगी हिंदीके साथ इंटरव्यू के दौरान आईएएस सोनल गोयल ने क्या बताया।

यूपीएससी टॉपर हैं आईएएस सोनल गोयल

View this post on Instagram

A post shared by Sonal Goel IAS (@iassonalgoel)

2007 की यूपीएससी परीक्षा में पूरे भारत में 13वी रैंक हासिल करने वाली आईएएस सोनल गोयल सालों से प्रशासनिक सेवा में शामिल हैं। उन्होंने बी.कॉम, सीएस, एलएलएम और एमए किया है। आईएएस सोनल ने 2008 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में ट्रेनिंग ली और 2009 में त्रिपुरा में सहायक कलेक्टर के पद पर कार्य करना शुरू किया। मौजूदा समय में आईएएस सोनल गोयल दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के पद को संभाल रही हैं।

वातावरण में ढलने नहीं बल्कि बदलने की ठानी

ias sonal goel journey

  • आईएएस सोनल गोयल कहती हैं, "मैंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। पहले एक छात्र के रूप में, फिर एक प्रोफेशनल के रूप में और अब आईएएस बनकर। मैंने एसआरसीसी से स्नातक के अपने तीसरे वर्ष के दौरान सिविल सेवाओं में आने का फैसला लिया। मैं पहले से बीकॉम (ऑनर्स) के साथ सीएस कर रही थी। परंतु समाज के लिए कुछ करने के लिए मैंने सिविल सेवाओं में शामिल होने के बारे में विचार किया।"
  • वह बताती हैं, "मैं हरियाणा के पानीपत शहर से हूं। हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो मुख्य रूप से पितृसत्तात्मक रहा है और 2011 की जनगणना के अनुसार बाल लिंगानुपात प्रतिकूल है। साथ ही सामाजिक पारिस्थितिकी तंत्र महिलाओं से अपेक्षा करता है कि वे एक गृहिणी होने की पारंपरिक भूमिका निभाएं या अधिक से अधिक ऐसे काम करें जो उनके घर के कामकाज को प्रभावित ना करे।"

इसे भी पढ़ेंः घर और काम के बोझ से नहीं डगमगाई सौम्या विलेकर, जानें उनका को-फाउंडर बनने तक का सफरनामा

आईएएस सोनल ने फैमिली स्पोर्ट को बताया जरूरी

आईएएस सोनल कहती हैं, "समाज को मुझसे भी घर तक सीमित रहने की उम्मीद थी, लेकिन मैं शुक्रगुजार और खुशनसीब हूं कि मेरे पिता बहुत प्रगतिशील हैं और उन्होंने हमेशा अपने समय से आगे की सोच रखी। मेरे पिता ने मुझे और मेरे भाई-बहन को खुद के फैसले लेने की छूट दी। उनके समर्थन के मैंने सामाजिक, पारिवारिक और पारिस्थितिकी तंत्र को चुनौती दी और इसी वजह से मैं सिविल सेवाओं में शामिल होने वाली परिवार की पहली सदस्य बन गई।"

भेदभाव को क्यों करें बर्दाश्त?

View this post on Instagram

A post shared by Sonal Goel IAS (@iassonalgoel)

सोनल बताती हैं, "सभी नकारात्मकता के बीच आप हमेशा प्रकाश की किरण पाएंगे। यहां तक कि जब लोग समस्याओं से ग्रस्त होते हैं, तब भी खुशी का एक ही द्वार होता है। एक आईएएस के रूप में मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि लोगों को न्याय मिले और सरकार की योजनाओं-नीतियों को सही तरीके से लागू किया जाए। अगर मैं समाज में कुछ गलत होता देखती हूं तो मैं आवाज उठाती हूं और उसे खत्म करने के लिए प्रयास करती हूं। मैं महिला सशक्तिकरण के लिए भी खड़ी हूं। लिंग, जाति या रंग के खिलाफ कोई भी भेदभाव बर्दाश्त करना सही नहीं है।"

प्रशासनिक सेवा के नियमों में आए हैं बदलाव

आईएएस सोनल गोयल कहती हैं, "1951 में जब अन्ना राजम मल्होत्रा का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ तो उनकी नियुक्ति आदेश में एक चेतावनी थी कि अगर उन्होंने कभी शादी की तो उन्हें सेवा छोड़नी होगी। इस तरह के सेक्सिस्ट नियमों का अस्तित्व अब समाप्त हो गया है। इसके अलावा सभी को पता चल गया है कि एक योग्य महिला उम्मीदवार के साथ इस तरह के नियमों के खिलाफ विवाद हो सकते हैं।

"बात करें महिला प्रशासक के रूप में कोई पूर्वाग्रह या पक्षपात कि तो बता दूं कि 12 वर्षों के अनुभव में मुझे किसी तरह का पूर्वाग्रह महसूस नहीं हुआ। हां, अभी भी कुछ जगह ऐसी जरूर हैं जहां पुरुष अधिकारियों के नेतृत्व को अधिक उपयुक्त माना जाता है। इसके साथ-साथ महिला अधिकारियों को कई बार कार्य और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बिठाने में भी बहुत समस्या होती है। हालांकि महिलाएं दोनों के बीच संतुलन लाने बिठाकर हमेशा आगे बढ़ती हैं।"

सिविल सेवाओं में महिलाओं संख्या बढ़ी लेकिन....

View this post on Instagram

A post shared by Sonal Goel IAS (@iassonalgoel)

आईएएस सोनल गोयल महिलाओं की सिविल सेवाओं में बढ़ती संख्या के बारे में बात करते हुए कहती हैं, "भारत में महिलाओं ने धीरे-धीरे लैंगिक बाधाओं को तोड़ा है और समाज के लगभग हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। लेकिन जब हम पुलिस बल और ब्यूरोक्रेसी में महिलाओं के अनुपात को देखते हैं तो पता चलता है कि वे देश में कुल पुलिस बल का केवल 6.11% महिलाएं प्रतिनिधित्व करती हैं। वहीं महिला आईएएस अधिकारियों की संख्या केवल 17% है।"

"इस खराब लिंगानुपात के बावजूद महिलाओं ने उल्लेखनीय बहादुरी के उदाहरण पेश किए हैं और देश के लिए एक अनुकरणीय सेवा कर रही हैं। हमें महिलाओं को ब्यूरोक्रेसी में या यूं कहें कि नेतृत्व की भूमिकाओं में अधिक देखने की जरूरत है। ब्यूरोक्रेसी में करियर चुनने का निर्णय लेना उतना आसान नहीं है जितना लगता है।"

महिला सशक्तिकरण के लिए और क्या कर सकता है भारत?

View this post on Instagram

A post shared by Sonal Goel IAS (@iassonalgoel)

सोनल गोयल कहती हैं, "भारत में महिला सशक्तिकरण कई अलग-अलग बिंदुओं पर निर्भर करता है जिसमें भौगोलिक सेटिंग (शहरी/ग्रामीण), सामाजिक स्थिति (जाति और वर्ग), शैक्षिक स्थिति और आयु कारक शामिल हैं। शिक्षा, आर्थिक अवसर, स्वास्थ्य और चिकित्सा सहायता, और राजनीतिक भागीदारी जैसे अधिकांश क्षेत्रों में महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है जो दर्शाता है कि सामुदायिक स्तर पर रणनीति की प्रगति और वास्तविक अभ्यास के बीच पर्याप्त अंतर है। महिलाएं देश की आबादी का लगभग 50% हिस्सा हैं और उनमें से एक बड़ा हिस्सा रोजगार के बिना आर्थिक रूप से निर्भर रहता है।"

इसे भी पढ़ेंःHZ Exclusive: Shilpa Shetty ने कम समर्थन और ज्यादा जिम्मेदारियों को बताया महिलाओं के लिए बाधा

देश की महिलाओं के लिए आईएएस सोनल गोयल का संदेश

"हम महिलाओं के रूप में क्या हासिल कर सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है। ऐसी महिला बनें जो दूसरी महिलाओं का समर्थन करती हो, एक-दूसरे की तारीफ करें। हमें अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के लिए खड़ा होना चाहिए। दूसरों को सिखाएं और उन्हें सशक्त बनाएं। हम साथ मिलकर दुनिया को सकारात्मक तरीके से बदल सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए विश्व स्तर पर महिलाओं को सशक्त बना सकते हैं।" - आईएएस सोनल गोयल

आईएएस सोनल गोयल अंत में कहा, "मैं सभी कोअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देना चाहूंगी। आइए मिलकर कोशिश करें कि इस दिन को सिर्फ 8 मार्च के दिन ना मनाकर हर दिन मनाया जाए।

तो ये थी आईएएश सोनल गोयल के साथ हरजिंदगी की बातचीत। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Photo Credit: IASSonalGoel/Instagram

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।