हर धर्म की अपनी अलग खासियत होती है, जिसे बेहद खूबसूरती के साथ लोग फॉलो करते हैं। जैसे हिंदू धर्म के लोग पूजा करते हैं, ठीक वैसे ही इस्लाम धर्म को मानने वाले नमाज पढ़ते हैं। हालांकि, रोजाना पांच वक्त की नमाज पढ़ना इस्लाम का एक बुनियादी हिस्सा है।
बता दें कि इस्लाम धर्म में अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने के बाद सभी लोगों पर नमाज वाजिब हो जाती है, फिर चाहे मर्द हो या औरत, गरीब हो या मालदार, सभी लोगों को 5 वक्त की नमाज पढ़ना जरूरी है। कुरान के मुताबिक जन्नत की कुंजी में से एक कुंजी नमाज है।
लेकिन रोजाना बाहर जाने वाले, ऑफिस जाने वालों के लिए 5 वक्त की नमाज पढ़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में कुछ लोग सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे काम और नमाज के बीच तालमेल बैठाकर इबादत की जाए।
टाइम टेबल बनाएं
काम और नमाज के बीच टाइम का तालमेल बनाएं। इससे आपको सहूलियत हो जाएगी कि किस वक्त नमाज अदा करनी है और किस वक्त काम करना है। जब जब नमाज का वक्त होता है, तो उसे कोट करें और आर्लम लगाएं।इससे आपको नमाज के समय पर याद दिलाया जाएगा और आप समय पर नमाज अदा कर सकेंगे।
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अगर आपको अजान की आवाज नहीं आती, तो मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। आप इन ऐप्स का इस्तेमाल करके नमाज के समय को लगा सकते हैं और समय पर नमाज अदा कर सकते हैं। इससे आपको नमाज अदा करने में आसानी होगी और आप सही तरह से नमाज पढ़ पाएंगे।
इबादत को दें अहमियत
अगर आप नमाज को अहमियत देंगे तो आपकी इबादत छूटेगी नहीं। काम में व्यस्त रहने के बावजूद भी आप नमाज के लिए वक्त जरूर निकालें। अगर आपकी मीटिंग है और आपको लगता है कि देर हो जाएगी। तो ऐसे में आप नमाज को पहले ही अदा कर सकते हैं।
इसके अलावा, अगर आप अपने दिल को हल्का करना चाहते हैं, तो नमाज में अल्लाह से जुड़ सकते हैं। इस दौरान हम उनसे अपने मन की बात कह सकते हैं, उनकी कृपा मांग सकते हैं और उनकी राह पर चलने की प्रेरणा ले सकते हैं।
वजू हमेशा बनाए रखें
यह तो आप सभी को पता होगा कि नमाज पढ़ने से पहले वजू करना पड़ता है। अक्सर हम नमाज पढ़ना चाहते हैं, लेकिन जब वक्त है तो याद आता है कि अभी तो वुज़ू नहीं है। फिर सोचते हैं कि थोड़ी देर में करते हैं और इसी देर में या तो नमाज कजा हो जाती है, या हम भूल जाते हैं।
जब भी वजू टूटे, कोशिश करें कि तुरंत दोबारा वजू कर लें, भले ही अभी नमाज का टाइम न हो। इससे आपको फायदा होगा और आप कभी भी वक्त निकालकर नमाज अदा कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको वजू से फ्रेश महसूस होगा।
जगह तय करें
अपने ऑफिस या काम की जगह पर नमाज की जगह तय करें। ये आदत आपके नमाज के टाइम को आसान बना देती है। जब नमाज का वक्त आता है और हमें ये सोचना पड़ता है कि अब कहां पढ़ूं? तो या तो देरी हो जाती है या हम टाल देते हैं।
लेकिन अगर आपके पास पहले से तय एक साफ और सुकून भरी जगह हो, तो ये फैसला लेने में वक्त नहीं लगता। नमाज का टाइम आते ही आपको ये नहीं सोचना पड़ेगा कि अब कहां जाएं और कहां नमाज को अदा करें।
दोस्तों को भी नमाज पार्टनर बनाएं
कई बार अकेले नमाज पढ़ने में दिक्कत होती है या शर्म आती है। इसलिए कई लोग नमाज पढ़ना छोड़ देते है। ऐसे में अगर आप चाहें तो किसी को अपना पार्टनर बना सकते हैं। इससे आपका काम और आसान हो जाएगा। अपने किसी ऐसे दोस्त, कलीग से बात करें जो खुद भी नमाज की कोशिश करता हो।
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उसे कहें कि चलो हम दोनों एक-दूसरे को याद दिलाते हैं, साथ नमाज पढ़ते हैं। ऐसा करने से आपको फायदा होगा और आपका नमाज पढ़ने का सफर यादगार बन जाएगा।कभी आप भूले तो दोस्त याद दिलाएगा और कभी वो चूके तो आप उसके साथ खड़े होंगे।
इस तरह आप नमाज के पाबंद बन सकते हैं। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@freepik and shutterstock)
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