आज के समय में महिलाएं शादी और बच्चे हो जाने के बाद भी काम करती हैं। कभी अपनी फैमिली को फाइनेंशियली सपोर्ट करने के लिए तो कभी अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वह घर से निकलकर काम करती हैं। भले ही आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हों, लेकिन फिर भी अधिकतर वर्किंग मदर के मन में एक guilt जरूर होता है। उन्हें लगता है कि वह काम के चक्कर में अपने बच्चों को समय नहीं दे पातीं और इसलिए खुद को मन ही मन दोष देना शुरू कर देती हैं। यकीनन ऐसी कई मां होंगी, जिनके घर में उनके बच्चों को पीछे से देखने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मदर्स अपने बच्चों को डे-केयर में छोड़कर फिर काम पर निकल जाती हैं। ऑफिस से लौटते हुए वह बच्चों को डे-केयर से लेती हैं और फिर घर वापिस आती हैं।
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भले ही डे-केयर में बच्चों का अच्छी तरह ख्याल रखा जाता हो, लेकिन फिर भी कई बार मां को लगता है कि उसे काम के चक्कर में अपने बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है। वह अपने हाथों से बच्चे को खाना नहीं खिला पा रही है। उसका ठीक तरह से ध्यान नहीं रख पा रही है। ऐसे में महिलाएं अपना काम और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करने के चक्कर में पिस जाती हैं।
साथ ही वह मन ही मन यह मान लेती हैं कि वह एक अच्छी मां नहीं हैं। अगर आप आप भी ऐसा ही सोचती हैं तो प्लीज़ ऐसा सोचना बंद कीजिए, क्योंकि आप अपने बच्चे से दूर रहकर उन्हें वह चीजें सिखा पा रही हैं, जो शायद आप पास रहकर नहीं सिखा सकतीं। इसलिए इस guilt से बाहर निकलिए और बच्चों से कुछ वक्त दूर रहने के सकारात्मक पहलूओं को भी देखिए। आज हम आपको ऐसे ही कुछ सकारात्मक पहलूओं के बारे में बता रहे हैं। यकीन मानिए इस लेख को पढ़ने के बाद आपके मन में वर्किंग होने का कोई guilt नहीं रहेगा-
खुद संभलना
अगर आपने कभी नोटिस किया हो कि जो बच्चे मां के साथ हमेशा रहते हैं, उनका व्यवहार काफी अलग होता है। वह काफी डिमांडिंग होते हैं और हर छोटी-छोटी चीजों के लिए अपनी मां पर ही डिपेंड होते हैं। भले ही बच्चों का काम करने में आपको अच्छा लगता हो, लेकिन इस तरह बच्चे कभी भी खुद को स्वयं से संभालना नहीं सीख पाते। वहीं दूसरी ओर, जब बच्चा कुछ वक्त के लिए आपसे दूर होता है तो वह खुद गिरकर उठना और संभलना सीखता है। यह एक ऐसी सीख है, जो आप उसे साथ रहकर कभी नहीं दे सकतीं।
पर्सनैलिटी डेवलपमेंट
आप चाहें मानें या ना मानें, लेकिन घर पर आप बच्चों का उतना अधिक विकास नहीं कर सकतीं। जब बच्चा आपसे दूर किसी डे-केयर में होता है तो वह नए बच्चों से मिलता है, तो वह अधिक सोशलाइज होता है। जब उनके साथ खेलता है तो उसका फिजिकल वर्कआउट होता है। वहीं आजकल डे-केयर में तरह-तरह की एक्टिविटीज करवाई जाती हैं, जिससे उसका माइंड और भी ज्यादा क्रिएटिव होता है। आपस में बातचीत के दौरान उसका डर खुलता है। दूसरे बच्चों के साथ वह आसानी से हेल्दी फूड भी खा लेता है। उसका टेस्ट डेवलप होना शुरू हो जाता है। इस तरह उसकी पर्सनैलिटी काफी हद तक डेवलप होती है। आप चाहकर भी घर पर रहकर बच्चे में इन सभी चीजों का विकास नहीं कर सकतीं।
बेहतर बॉन्डिंग
भले ही अपने काम के चक्कर में आप बच्चे के हर फंक्शन को अटेंड ना कर पाएं, लेकिन इसमें भी एक अच्छी बात छिपी है। जब आप बच्चे के पास नहीं होती तो यकीनन उस फंक्शन को आपका पार्टनर, बच्चे के दादा-दादी जरूर अटेंड करते हैं। इस तरह वह भी बच्चे की ग्रोथ व स्किल्स को पहचान पाते हैं। वहीं दूसरी ओर, बच्चे की आपके अलावा घर के अन्य सदस्यों से भी एक बेहतर बॉन्डिंग बनती है।
खुद को रखें शांत
कुछ महिलाएं वर्किंग होने के कारण खुद को एक बेहतर मां होने के मोर्चे पर विफल महसूस करती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। चूंकि आप काम कर रही हैं, इसलिए आप अपने परिवार व बच्चों को बेहतर सुख-सुविधाएं दे सकती हैं। शायद घर पर रहकर आप अपने बच्चे की इच्छाओं को पूरा नहीं कर पातीं और उस समय आपको लगता कि आपमें काबिलियत होने के बावजूद आप अपने बच्चे को कई सुखों से वंचित रख रही हैं। उस समय भी आपके भीतर एक guilt होता। इसके अलावा जब आप काम करती हैं तो आपके खुद के स्किल्स भी काफी बेहतर होते हैं, जिसका सीधा और सकारात्मक असर बच्चों के व्यवहार में देखने को मिलता है।
एक बेहतर प्लेटफॉर्म
जो महिलाएं वर्किंग हैं, वह अपने एक्सपीरियंस और वर्क स्किल्स से बच्चे को इतना कुछ सिखा सकती हैं, जो दुनिया का कोई इंस्टीट्यूट उन्हें ना सिखा पाए। भले ही आज आप काम कर रही हैं और आपको कुछ घंटों के लिए बच्चों से दूर रहना पड़ता है, लेकिन इसका लाभ आपके बच्चे को तब मिलेगा, जब वह खुद अपना करियर स्टार्ट करेगा। सफलता सिर्फ पढ़ाई से नहीं मिलती, बल्कि उसके लिए कुछ स्किल्स भी चाहिए होते हैं और आपके बच्चे को वह स्किल्स आपसे विरासत में मिलेंगे। इस तरह अगर देखा जाए तो अपने बच्चे के बेहतर जीवन के लिए आप वास्तव में एक प्लेटफॉर्म तैयार कर रही हैं। हो सकता है कि आगे चलकर बच्चा आपकी फील्ड को ही बतौर करियर देखे, तो उस समय उसे आपके वर्किंग होने के कारण कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा।
रखें इसका ध्यान
हो सकता है कि आपके आसपास के लोग आपके वर्किंग होने के कारण guilt महसूस करवाएं। उस समय परेशान होने की जगह सकारात्मक सोचें। आप भले ही कुछ घंटे बच्चे से दूर रहें, लेकिन जब घर लौटें तो सोने से पहले कुछ क्वालिटी टाइम बच्चे के साथ स्पेंड जरूर करें।
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घर पर ही सिर्फ काम में ना पिसती रहें। अपने फैमिली टाइम को बढ़ाने के लिए आप घर के काम के लिए किसी की मदद ले सकती हैं।
घर पर ऑफिस का काम बिल्कुल ना लाएं। आपके इस व्यवहार से बच्चों को लगेगा कि उनकी मम्मी उनके साथ होकर भी नहीं होती है।
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