जब आप ऑफिस में रहती हैं तो यकीनन आपका पूरा दिन यकीनन मीटिंग्स, डेडलाइन को पूरा करने, कंप्यूटर पर काम करने, ई-मेल्स और फोन पर ही गुजरता होगा। लेकिन जब आप ऑफिस से बाहर निकलती हैं, तब। शायद ही कोई महिला हो, जो खुद को वर्कमोड से बाहर निकाल पाती हो या फिर कंप्यूटर, लैपटॉप या फोन से दूरी बना पाती हो। हम सभी यकीनन ऐसा ही करते हैं। ऑफिस खत्म होने के बाद भी कैब में मोबाइल चेक करना, सोशल मीडिया पर कनेक्ट रहना या फिर ई-मेल्स पढ़ना और उनका जवाब देना कुछ ऐसे काम हैं, जो लगभग हर व्यक्ति करता है।
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आपको भले ही इसमें खामी नजर ना आती हो, लेकिन वास्तव में इस तरह से आप खुद को काम या स्क्रीन से अनप्लग नहीं कर पातीं और धीरे-धीरे इसका असर आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप इन तरीकों से खुद को अनप्लग कर सकती हैं-
हो सकता है कि अधिकतर महिलाएं घर लौटने के बाद ऑफिस वर्क ना करती हों और इसलिए उन्हें फोन या लैपटॉप इस्तेमाल करने में कोई बुराई नजर ना आती हो। हो सकता है कि आप भी यही तर्क दें कि आप ऑफिस का काम घर पर नहीं करतीं, इसलिए आपको इन चीजों से दूरी बनाने की क्या जरूरत है? लेकिन वास्तव में हम सभी को डिजिटली डिटॉक्स होने की जरूरत होती है।
आपने कभी महसूस किया है कि आप डिनर टेबल पर अपनी फैमिली के साथ हो और फोन पर किसी से चैट कर रही हों तो इसका असर पारिवारिक रिश्तों पर क्या पड़ता है। आज के बिजी शेड्यूल में जब एक ही परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के लिए बेहद कम समय मिलता है, तो यही वह वक्त होता है, जब आप एक-दूसरे से अपनी बातें शेयर कर सकते हैं और फैमिली बॉन्डिंग को मजबूत बना सकते हैं। लेकिन अगर आप फोन पर ही लगी रहेगी तो परिवार को वक्त कब देंगी।
वैसे खुद को डिजिटल युग से थोड़ी देर के लिए दूर रखना बेहद जरूरी है। आप चाहे खुद को कितना भी समय दे दें, लेकिन अगर आप उस समय फोन इस्तेमाल कर रही हैं तो वास्तव में आप खुद को नहीं, बल्कि फोन को समय दे रही होती हैं। अगर आप सच में खुद को थोड़ा समय देना चाहती हैं और खुलकर जीना चाहती हैं तो कुछ समय के लिए सभी गैजेट्स को अपनी लाइफ से अनप्लग कर दें। फिर देखिए आपको दुनिया कितनी अलग और नई नजर आती है।
आप चाहें माने या न मानें, लेकिन सारा दिन लैपटॉप, टैब और मोबाइल इस्तेमाल करने से आपकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। आपके मन में एक एंग्जाइटी पैदा होती है। अगर आप कोई फोटो या मैसेज पोस्ट करती हैं तो आपको हर थोड़ी देर में उसे चेक करने की इच्छा होती है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक फोन का इस्तेमाल आंखों को कमजोर बनाता है, बॉडी पेन को बढ़ाता है, आपकी नींद को प्रभावित करता है, जिससे मोटापा व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं। साथ ही यह मानसिक अवसाद व टेक एडिक्शन का भी कारण बन सकता है।
जब बात खुद को अनप्लग करने की आती है तो आपको शुरूआत छोटे कदमों से करनी होगी। चूंकि आप चाहकर भी ऑफिस में लैपटॉप या फोन से दूरी नहीं बना सकतीं, ऐसे में आप कोशिश करें कि घर पहुंचने के बाद आप कुछ देर के लिए फोन को बंद कर दें। शुरूआत में आप आधे घंटे के लिए ऐसा करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाती जाएं। जब भी परिवार के साथ हों तो फोन को स्विच ऑफ़ कर दें। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो उसे साइलेंट करके दूसरे कमरे में रख दें और परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएं।
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कोशिश करें कि आपके बेडरूम में टीवी ना हो। इससे भी आप खुद को स्क्रीन से लंबे समय तक दूर रख सकती हैं।वहीं हर रात सोने से पहले अपने फोन को साइलेंट करना ना भूलें। यह एक ऐसा टिप्स है, जिसे मैं खुद भी अपनाती हूं। चूंकि मैं वर्क फ्रॉम होम करती हूं और मुझे लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करना पड़ता है, इसलिए अगर कभी मैं दिन में नैप लेती हूं तो उस समय भी फोन को साइलेंट व do not disturb मोड पर लगाती हूं। इतना ही नहीं, हर रात सोने से पहले फोन को साइलेंट करना मेरा नियम है। यकीन मानिए, ऐसा करने से आप भले ही कम नींद लें, लेकिन आपकी स्लीप क्वालिटी स्लीप होती है।
जब जरूरत ना हो तो फोन या लैपटॉप को बंद ही रखें। इससे भी आपका दिमाग शांत होता है। मैं खुद भी जरूरत ना होने पर टीवी और लैपटॉप को बंद रखना ही पसंद करती हूं।
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