herzindagi
shri radha ki katha

एक वरदान से जब राधा रानी बनी 'किशोरी जी', जानें कथा

आज हम आपको श्री राधा रानी के 'किशोरी जी' बनने की रोचक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। 
Editorial
Updated:- 2023-01-24, 13:15 IST

Shri Radha Ki Katha: श्री राधा रानी न सिर्फ ब्रज धाम की महारानी हैं बल्कि कृष्ण के हृदय की स्वामिनी भी हैं। मान्यता है की श्री कृष्ण को पाने या उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए राधा नाम की धुन ही काफी है।

राधा नाम के जाप से व्यक्ति को श्री कृष्ण का विशेष आशीर्वाद मिलता है और श्री राधा रानी की कृपा भी उस पर बरसती रहती है। यूं तो राधा रानी के कई नाम हैं लेकिन बिरज में उन्हें राधा के अलावा किशोरी नाम से भी पुकारा जाता है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें राधा रानी के किशोरी नाम पड़ने के पीछे की बड़ी ही दिलचस्प कथा बताई जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे राधा रानी किशोरी बनीं।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापरयुग में अष्टावक्र नाम के एक प्रकांड विद्वान एवं संत हुआ करते थे। ऋषि अष्टावक्र का शरीर अपने ही पिता द्वारा मिले हुए श्राप के कारण 8 स्थानों से टेढ़ा था। यानी की उनके शरीर के 8 अंगों की बनावट टेढ़ी-मेढ़ी थी।

इसे जरूर पढ़ें:आखिर क्यों इस भक्त ने तान दी थी मां काली पर तलवार? जानें रोचक कथा

  • इसी कारण से वह जहां भी जाते लोग उनका उपहास करते और लोगों का यह व्यवहार देख ऋषि अष्टावक्र उन्हें श्राप दे दिया करते। एक दिन ऋषि अष्टावक्र जब बरसाना पहुंचे तो वहां उनकी भेंट श्री राधा रानी (श्री राधा स्तोत्र) से हुई।

shri radhey

  • राधा रानी श्री कृष्ण के साथ विराजमान थीं। अष्टावक्र जी को देख श्री राधा रानी धीमी-धीमी मुस्कुराने लगीं। जैसे ही अष्टावक्र जी ने उन्हें यूं मुस्कुराता देखा तो वह क्रोध वश राधा रानी को भी श्राप देने लगे।

shri radhe rani

  • परन्तु श्री कृष्ण (श्री कृष्ण ने क्यों खाए केले के छिलके) ने अष्टावक्र जी को रोकते हुए उनसे निवेदन किया की वह श्राप देने से पहले एक बार राधा रानी के मुस्कुराने के पीछे का कारण जान लें। जब अष्टावक्र जी ने कारण पूछा तोश्री राधा रानी ने उन्हें अपने हसने का मुख्य कारण बताया।

radhe rani

  • श्री राधा रानी ने कहा की वह अष्टावक्र जी के अंतर्मन में समाहित श्री कृष्ण की छवि देखकर हंस रही हैं। अष्टावक्र के भीतर का ज्ञान और उस ज्ञान के स्रोत कृष्ण की मनोरम छवि से श्री राधा रानी आनंदित हो रही हैं।

इसे जरूर पढ़ें:सिर्फ मनुष्य ही नहीं भगवान भी बने हैं पंचतत्त्व से, जानें हिन्दू धर्म में इसका रहस्य

  • राधा रानी की पूर्ण बात सुन अष्टावक्र ऋषि ने अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी और प्रसन्न होकर राधा रानी को आजीवन किशोर अवस्था में रहने का वरदान दे दिया। किशोर अवस्था से ही राधा रानी का नाम किशोरी पड़ गया।

तभी से श्री राधा रानी को किशोरी जी कहा जाने लगा और आज भी ब्रज की हर बालिका को किशोरी जी का ही रूप माना जाता है। राधा रानी की किशोरी रूप में पूजा भी की जाती है और उनका भव्य श्रृंगार भी होता है।

तो ये थी श्री राधा रानी के किशोरी नाम पड़ने के पीछे की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Shutterstock

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।