Five Elements Of Hinduism: हिन्दू धर्म में पंच तत्वों का उल्लेख मिलता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, मानव शरीर इन्हीं पंच तत्वों से बना है और मृत्यु के बाद वह इन्हीं पंच तत्वों में विलीन हो जाता है। पंच तत्व को न सिर्फ हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है बल्कि हर एक तत्त्व के पीछे कोई न कोई रहस्य भी छिपा है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि न सिर्फ मानव शरीर बल्कि इस संसार की हर एक वस्तु प्रकृति के पांच तत्वों से बनी है। यहां तक कि भगवान भी इन्हीं पंच तत्वों से बने हैं। इससे पहले कि आप सोचें कि भगवान भला पंच तत्वों के आधीन कैसे, चलिए आपको इस विषय पर जानकारी देते हैं।
क्या हैं पंच तत्व? (What Are The Five Elements)
हिन्दू धर्म (हिन्दू धर्म की ये बातें नहीं जानते होंगे आप) में जिन पंच तत्वों का उल्लेख मिलता है वह हैं: आकाश, पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल।
क्या है पंच तत्वों का कार्य? (What Is The Work Of Five Elements)
आकाश तत्व
- मानव शरीर में मौजूद आकाश तत्व शरीर का संतुलन बनाने का काम करता है।
- व्यक्ति के मुंह में वाणी का और दिमाग में शब्दों का निर्माण आकाश तत्व से ही होता है।
- आकाश तत्व का सीधा और सरल अर्थ बताएं तो इसका नाता व्यक्ति के मन से होता है।
- मन में भावनाएं और दिमाग में विचार इसी तत्व के कारण आते हैं।
पृथ्वी तत्व
- प्रथ्वी तत्व का नाता व्यक्ति के शरीर की त्वचा और कोशिकाओं यानी कि सेल्स से है।
- शरीर का ऊपरी हिस्सा यानी मनुष्य का जो रूप हमें दीखता है वो पृथ्वी तत्व से बना होता है।
- शरीर के हाड़, मास, मांसपेशियां, कोशिकाएं, त्वचा आदि पृथ्वी तत्व से ही निर्मित होते हैं।
- शरीर की सुंदरता के प्रति अहंकार भी यही तत्व पैदा करता है।

जल तत्व
- विज्ञान के अनुसार, मनुष्य का शरीर 71% पानी से बना होता है जो जल तत्व भी कहलाता है।
- व्यक्ति की जुबान पर स्वाद जानने की क्षमता जल तत्व ही पैदा करता है।
- शरीर में मौजूद खून, रस या एंजाइम भी जल तत्व के आधीन ही आते हैं।
- जल तत्व शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है।
वायु तत्व
- वायु तत्व से शरीर को गति मिलती है।
- शरीर में स्पर्श करने की शक्ति वायु तत्व से आती है।
- यहां तक कि व्यक्ति के प्राणों में भी वायु तत्व होता है।
- तभी तो प्राणों को प्राण वायु भी कहा जाता है।
अग्नि तत्व
- शरीर की ऊर्जा का दूसरा स्रोत अग्नि है।
- अग्नि तत्व देखने की शक्ति प्रदान करता है।
- अग्नि सीमित हो मनुष्य के विवेक को दर्शाती है।
- अगर अग्नि तत्व शरीर में अधिक हो तो मनुष्य के क्रोध (गुस्सा कंट्रोल करने के लिए वास्तु उपाय) को दिखाती है।

कैसे बने भगवान पंच तत्व से? (How Did God Become From The Five Elements)
- भगवन शब्द में पंच तत्वों का महत्व छिपा हुआ है। अगर इन शब्दों को तोड़ा जाए तो पंच तत्व का निर्माण स्वतः ही हो जाता है।
- भ, ग, व+आ, न: भ से भूमि, ग से गगन (आकाश), व से वायु, अ से अग्नि और न से नीर (जल)
- तो इस तरह भगवान भी पंच तत्व से ही बने हैं।
तो ये था हिन्दू धर्म में पंच तत्वों का महत्व और उनका रहस्य। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Pexels, Pinterest, Twitter
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