देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल लाखों कुंटल बाल दान होते हैं। ये चौंकने वाली बात नहीं है कि पुरुषों और बच्चों के साथ-साथ महिलाएं भी उस मंदिर में बाल दान करती हैं। इस मंदिर में जितने भी लोग आते हैं उनमें से कई मुंडन करवाना पसंद करते हैं। भगवान के लिए बाल मुंडवाना ही सबसे बड़ा दान माना जाता है, लेकिन ऐसा क्यों है? आखिर किस कारण लोग बालों का दान महादान मानते हैं?
ऐसा भी माना जाता है कि इस जगह बालों का दान करने से लोग अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने जो भी पाप किए होते हैं वो सब दूर हो जाते हैं। इसके साथ बालों के दान से उनके मन की सबसे बड़ी इच्छा पूरी हो जाती है।
मान्यता के अनुसार, जो लोग यहां दान देते हैं उन्हें भगवान बालों का 10 गुना ज्यादा धन देते हैं। कहा जाता है कि इन बालों से भगवान बालाजी कुबेर से लिया हुआ कर्ज चुकाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि जो भी यहां बाल दान करता है उसका घर लक्ष्मी से भर जाता है। पर इस मान्यता के पीछे की कहानी जाननी भी जरूरी है। चलिए आपको इस कहानी के बारे में बताते हैं।
लोककथा के अनुसार इस कारण मुंडवाए जाते हैं बाल...
लोगों का मानना है कि इस मान्यता की शुरुआत 12वीं सदी से हुई थी। इसे लेकर भी दो कथाएं प्रचलित हैं।
पहली कहानी के अनुसार, राजकुमारी पद्मावती तिरुपति बालाजी का आशीर्वाद लेने जा रही थीं। रास्ते में उन्हें कुछ डाकू मिले और राजकुमारी ने भगवान से बचने के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मनोकामना की कि अगर वो सभी बच गए तो वो अपने बाल दान में दे देंगी। बालों को खूबसूरती का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। जब वो लोग बच गए तो राजकुमारी ने अपने बाल तिरुपति भगवान को दान में दे दिए। उन्हें देखते हुए बाकी लोगों ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया और यह प्रथा शुरू हो गई।
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दूसरी कहानी नीला देवी की है। मान्यता है कि आदिकाल में तिरुपति के पास एक पहाड़ हुआ करता था। इसमें बहुत सी चींटियां थीं। एक गाय उस पहाड़ पर जाकर दूध दिया करती थी। जब गाय के मालिक को यह पता चला, तो उसने गुस्से में आकर गाय के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। इस बात से भगवान को बहुत बुरा लगा और वह वार सीधे उनके सिर पर लगा। वो जख्मी हो गए और उनके कुछ बाल गिर गए। ऐसे में नीला देवी ने अपने बाल काटकर उनके सिर पर लगा दिए।
देवी का अपनी खूबसूरती का दान देखकर भगवान बालाजी बहुत प्रसन्न हुए। ऐसे में यह मान्यता शुरू हो गई कि जो भी तिरुपति बालाजी में बाल दान देगा उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
क्या होता है हेयर डोनेशन का?
तिरुपति मंदिर में भक्त अपने बालों को डोनेट करते हैं और उनके बालों से विग बनते हैं। अगर कोई बाल दान देना चाहेत, तो मंदिर के पास मौजूद कई हेयर डोनेशन सेंटर्स में जा सकती हैं आप। ये सेंटर बालों के सही डोनेशन के लिए काम करते हैं। सबसे पहले भक्तों के बाल धोए जाते हैं। इसके बाद बालों को सुलझाया जाता है ताकि वह आसानी से काटे जा सकें। इसके बाद काटे गए बालों को एक कपड़े में इकट्ठा किया जाता है और इन्हें मंदिर प्रशासन तक पहुंचा दिया जाता है।
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एक बार ये बाल मंदिर तक पहुंच जाएं, उसके बाद इन बालों को हेयर विग और हेयर एक्सटेंशन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। केरला कौमुदी की एक रिपोर्ट मानती है कि मंदिर में 150 करोड़ रुपये की कमाई सिर्फ बालों को बेचकर हुई है। इस कमाई को मंदिर की चैरिटेबल चीजों में लगाया जाता है।
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Image Credit: Freepik/Tirupati Balaji Temple blogspot
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