Goddess Lakshmi And Saraswati: जब ज्ञान और धन की होड़ में मां लक्ष्मी का हुआ था माता सरस्वती से भयंकर विवाद

आज हम आपको एक ऐसी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके अनुसार मां लक्ष्मी और माता सरस्वती में भयंकर विवाद हो गया था।   

Goddess Lakshmi

Goddess Lakshmi And Saraswati: हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है तो वहीं, मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। यूं तो धर्म ग्रंथों में देवताओं के बीच ही वाद-विवाद की कथाएं ज्यादा प्रचलित हैं लेकिन आज हम आपको हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एक ऐसी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके मुताबिक एक बार धन और विद्या की होड़ में माता लक्ष्मी और मां सरस्वती का भयंकर विवाद छिड़ गया था।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता सरस्वती वीणा बजा रही थीं कि तभी माता लक्ष्मी उनसे मिलने पहुंची। सरस्वती मैय्या ने जब उनसे बड़े दिनों बाद मिलने आने की बात कही तो माता लक्ष्मी ने इस पर उत्तर देते हुए कहा कि वह धन की देवी हैं और संसार में धन बांटने के कारण उन्हें समय नहीं मिलता।
  • माता सरस्वती ने यह सुनकर कहा कि वह भी ज्ञान वितरण का कार्य संभालती हैं। हर व्यक्ति में उसकी योग्यता के अनुसार ज्ञान का संचार करती हैं लेकिन फिर भी समय समय पर मां लक्ष्मी (मां लक्ष्मी की पूजा के नियम) से मिलने आती रहती हैं। मां सरस्वती ने कहा कि उनके पास भी उत्तरदायित्व हैं लेकिन फिर भी वो मां लक्ष्मी की तरह व्यस्त नहीं।
maa lakshmi aur saraswati
  • माता सरस्वती की बात सुन मां लक्ष्मी को क्रोध आ गया और देखते ही देखते माता सरस्वती और मां लक्ष्मी के बीच विवाद छिड़ गया। विवाद इस बात का था कि कौन किस्से सर्वश्रेष्ठ है। एक ओर मां लक्ष्मी का कहना था कि व्यक्ति को धन चाहिए और उसी के आने से हर मनुष्य सुख प्राप्त करता है।
goddess lakshmi and saraswati
  • वहीं, मां सरस्वती का कहना था कि व्यक्ति के पास कितना भी धन आ जाए लेकिन वह उस धन का सही उपयोग बिना ज्ञान के नहीं कर सकता है। व्यक्ति ज्ञान से धन अर्जित कर सकता है लेकिन धन से ज्ञान नहीं। ऐसे ही ऐसे विवाद बढ़ता गया और देवताओं ने मां पार्वती को इस समस्या के समाधान हेतु बुलाया।
  • तब मां पार्वती (मां पार्वती के मंत्र) ने मां लक्ष्मी और माता सरस्वती को समझाया कि धन और विद्या का अपना- अपना एक स्थान है और अपना एक अलग महत्व है। दोनों ही एक दूसरे एक बिना अपूर्ण हैं। माता पार्वती का समझाना सफल रहा और दोनों देवियों के बीच का विवाद खत्म हो गया।

तो ये थी मां सरस्वती और मां लक्ष्मी के विवाद की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Pinterest

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