Hindi Dates: हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले तिथि का बहुत ध्यान रखा जाता है। यहां तक कि उस तिथि से जुड़े देवता की पूजा का भी विधान माना गया है। हिंदी तिथियां इंग्लिश कैलेंडर से बिलकुल अलग होती हैं। आज हम आपको हिंदी तिथियों के बारे में ही सारी जानकारी देने जा रहे हैं।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको हिंदी तिथियों का महत्व और उन तिथियों से देवताओं के संबंध के बारे में बताने जा रहे हैं।
तिथियां (Hindi Dates)
- ज्योतिष शास्त्र में तिथि को चंद्रमा के अस्त और उदय होने का आधार बताया गया है। यानी कि जिस दिवस में चंद्रमा उदय होकर अस्त होते हैं उसे तिथि कहा जाता है।

- हिन्दू धर्म में 15 तिथियां होती हैं- प्रतिपदा, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा।
- हिन्दू धर्म में कुछ विशेष तिथियों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इनमें एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या शामिल हैं। हालांकि अन्य तिथियों पर कोई पर्व पड़ने पर उनका महत्व भी बढ़ जाता है।
तिथियों पर किये जाने वाले शुभ कार्य (Auspicious Work On Hindi Dates)
- प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी: इन तिथियों पर गीत, नृत्य, खेती का कार्य, चित्र, उत्सव और नए वस्त्र आभूषण धारण करना शुभ माना जाता है।
- द्वितीय, सप्तमी, द्वादशी: इन तिथियों पर विवाह (विवाह में हो रही देरी के उपाय) संस्कार, जनेऊ संस्कार, यात्रा पर जाना, थवई का काम, किसी भी प्रकार की कला सीखना आदि शुभ माना जाता है।
- तृतीय, अष्टमी, त्रयोदशी: इन तिथियों पर फौज से जुड़ा कोई काम, युद्ध कार्य, हथियारों के कार्य आदि करना फलित माना जाता है।
- चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी: इन तिथियों को रिक्ता तिथि माना गया है। ऐसे में इन तिथियों में किसी भी प्रकार का काम करना अशुभ माना जाता है।
- पंचमी, दशमी तथा पूर्णमासी: इन तिथियों पर हर प्रकार का शुभ कार्य या शुभ शुरुआत करना निश्चित तौर पर सफलता की ओर ले जाता है।

तिथियों के देवता (Gods Of Hindi Dates)
- प्रतिपदा: इस तिथि पर अग्निदेव की पूजा करनी चाहिए। इससे व्यक्ति को धन-धान्य, आयु, यश, बल, मेधा आदि की प्राप्ति होती है।
- द्वितीया: इस तिथि पर ब्रह्म देव की पूजा करनी चाहिए। किसी ब्रह्मचारी ब्राह्मण को दिया गया आदान अक्षत पुण्य की प्राप्ति कराता है।
- तृतीया: इस तिथि पर मां अगुरी और कुबेर देव की पूजा का विधान है। इनकी पूजा से घर में शांति और व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है।
- चतुर्थी: इस तिथि पर प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा करने से विघ्नों का अंत होता है।
- पंचमी: इस तिथि पर नाग देवता की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा से कुंडली में काल सर्प दोष (काल सर्प दोष निवारण के उपाय) समाप्त होता है।

- षष्ठी: यह तिथि कार्तिकेय जी को समर्पित है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति मेधावी, संपन्न तथा कीर्तिवान व्यक्तित्व का स्वामित्व पाता है।
- सप्तमी: इस तिथि पर सूर्य देव की पूजा करने का नियम है। सूर्य पूजा से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- अष्टमी: इस तिथि पर भगवान शिव के रुद्र अवतारों की पूजा करना शुभ माना गया है।
- नवमी: इस तिथि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से व्यक्ति का यश बढ़ता है।
- दशमी: इस तिथि पर यमराज की पूजा करनी चाहिए। इससे कुंडली में अकाल मृत्यु का योग नहीं बनता।
- एकादशी: इस तिथि पर विश्वकर्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इससे भूमि संबंधी समस्या दूर हो जाती है।
- द्वादशी: इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इनकी पूजा से घर में सुख-समृद्धि का वास स्थापित होता है।
- त्रयोदशी: इस तिथि पर कामदेव और देवी रति की पूजा की जाती है। इनकी पूजा से वैवाहिक सुख मिलता है।
- चतुर्दशी: इस तिथि पर शिव पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
- पूर्णिमा: इस तिथि पर चंद्र दर्शन, चंद्र पूजन और चंद्र आरती से मन शांत रहता है और जेवण में शीतलता बनी रहती है।
- अमावस्या: इस दिन पितरों का स्मरण कर उनकी प्रसन्नता के लिए पिंडदान किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है।
तो ये था हिंदी तिथियों का महत्व और देवताओं से उनका संबंध। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Pinterest
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