ऐसा माना जाता है कि यदि आप वास्तुशास्त्र को ध्यान में रखते हुए घर की सभी चीजों का निर्धारण करते हैं तो सुख समृद्धि बनी रहती है। सदियों से घर का नक्शा बनाने से लेकर घर की सजावट तक के लिए वास्तु को ध्यान में रखा जाता है।
वास्तु शास्त्र में पृथ्वी पर मौजूद पांच तत्वों का विशेष महत्व बताया गया है। यदि घर की दिशा और चीजों का निर्धारण इन्हीं पांच तत्वों के अनुसार किया जाता है तो घर में सदैव समृद्धि बनी रहती है।
यदि आपके घर का मुख्य द्वार कुछ विशेष दिशाओं की ओर होता है तो यह आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे ही पूर्व मुखी घर के लिए भी कुछ वास्तु नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने की हमेशा सलाह दी जाती है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें पूर्व मुखी घर के लिए कुछ वास्तु टिप्स के बारे में।
कैसे जानें कि घर पूर्व मुखी है या नहीं
जब आप अपने घर के अंदर होते हैं, मुख्य द्वार के सामने खड़े होते हैं, तो जिस दिशा में आपका मुख होता है वह आपके घर की दिशा होती है। इसलिए घर से बाहर निकलते समय यदि आपका मुख पूर्व दिशा की ओर है तो आप जिस घर में रहते हैं वह पूर्व मुखी है।
वास्तु के अनुसार, एक पूर्वमुखी घर को हमेशा से ही आदर्श माना जाता है क्योंकि सूरज के उगने की दिशा भी पूर्व है। यदि आप वास्तु की न भी मानें तब भी सूर्य की सुबह की रोशनी इसी दिशा से भीतर आती है और पूरे घर में ऊर्जा का संचार होता है।
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क्या पूर्वमुखी घर को शुभ माना जाता है
ऐसा माना जाता है कि पूर्व मुखी घरों की तरफ भाग्य हमेशा आकर्षित होता है क्योंकि सूर्योदय इसी दिशा से होता है। लेकिन वास्तु की मानें तो इस तरह के घरों के लिए भी आपको वास्तु के कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। भाग्य और भाग्य आकर्षित होता है। कुछ घर जो पूर्व की ओर चौड़े और नीचले होते हैं, वास्तु शास्त्र के अनुसार सबसे अच्छे माने जाते हैं।
पूर्व मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स
- पूर्व मुखी घर में पूजा का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए। वैसे किसी भी घर के लिए पूजा का स्थान यहीं रखना शुभ माना जाता है क्योंकि इस कोने को ईश्वर का कोना माना जाता है और इस स्थान पर की गई पूजा भगवान को स्वीकार्य होती है।

- अगर आप पूर्व मुखी नया घर बनवा रही हैं तो घर में सीढ़ियों के लिए सबसे अच्छी दिशा पश्चिम या दक्षिण हो सकती है। सीढ़ियां बनवाते समय इस दिशा का ध्यान रखें।
- पूर्व मुखी घर की बालकनी हमेशा खुली हुई रखें। कभी भी बालकनी में कचरा इकठ्ठा न करें क्योंकि इस जगह से ही सूर्य की रोशनी पूरे घर में आती है। इससे आपके घर में हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है।
- घर के मास्टर बेडरूम की दिशा दक्षिण-पश्चिम रखें। इस दिशा में बेडरूम होने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सौहार्द्र बना रहता है।
- किचन में आप खाना बनाते समय गैस की दिशा ऐसे रखें कि आपका मुंह पूर्व की ओर होना चाहिए। आप उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भी खाना बन सकती हैं, लेकिन दक्षिण दिशा की तरफ कभी भी गैस चूल्हा न रखें।

- समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए, अपने लिविंग रूम में आप प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीरें लगाएं। इससे आपके घर के लोगों के साथ सामंजस्य अच्छा बना रहेगा।
- घर के उत्तरी कोने में एक कटोरी में सेंधा नमक इस तरह से रखें जिससे बाहरी लोगों की नजर इस पर न पड़े। नमक किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर समाहित कर लेता है।
- यदि आपका घर पूर्व मुखी है तो आपको मुख्य द्वार की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। मुख्य द्वार में आप रंगों वाले फूल के पौधे लगाएं। मुख्य द्वार पर सूरज का चिह्न लगाएं।
- दरवाजे के दोनों ओर वास्तु पिरामिड रखें और आप दोनों किनारों पर स्वस्तिक, ॐ और त्रिशूल जैसे चिन्ह भी लगा सकते हैं। घर की नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाने के लिए अपने घर में श्रीयंत्र रखें। घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए आप वास्तु कलश भी रख सकते हैं।
पूर्व मुखी घर के लिए ये वास्तु टिप्स आपके घर में सदैव सुख समृद्धि बनाए रख सकते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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