Vastu Tips: दक्षिण मुखी घर के लिए आप भी फॉलो करें ये वास्तु टिप्स, घर में आएगी खुशहाली

अगर आपका घर दक्षिण मुखी यानी की south facing है तो घर में सुख समृद्धि लाने के लिए आपको कुछ वास्तु टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। 

 

south facing home vastu

आपने अक्सर घर के बड़ों को ये बात कहते हुए सुना होगा कि जब भी आप नया घर खरीद रहे हैं या किराए पर ले रहे हैं तब उसकी वास्तु की दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। कई लोग यह भी बताते हैं कि घर के मुख्य दरवाजे की दिशा भी वास्तु के हिसाब से ठीक होनी चाहिए जिससे घर में खुशहाली आ सके। लेकिन हमेशा ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको अपनी पसंद की दिशा के अनुसार घर मिल जाए। इसलिए आपको घर में कुछ वास्तु के नियमों का ध्यान रखने की जरूरत होती है।

खासतौर पर यदि आपका घर दक्षिण मुखी (south facing) होता है तो यह कई तरह से घर में वास्तु दोषों का कारण बनता है। ऐसा माना जाता है कि साउथ फेसिंग घर उस घर में रहने वाले लोगों और घर के मुखिया के लिए अच्छे नहीं होते हैं और उन्हें ऐसे घरों में कुछ समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन जब बात आती है दक्षिण मुखी घरों के वास्तु की तब आप कुछ वास्तु टिप्स अपना सकती हैं जिससे ऐसे घरों में सुख समृद्धि बनी रहे। आइए Life Coach और Astrologer, Sheetal Shaparia जी से जानें दक्षिण मुखी घरों के लिए वास्तु टिप्स के बारे में।

दक्षिणमुखी घर के लिए रंग

vastu colour for south facing home

शीतल जी बताती हैं किसी भी घर के वास्तु में रंगों का अहम रोल होता है। घर में अलग-अलग कमरों को पेंट करते समय कई colour rules को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक कमरा दैनिक जीवन के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। कोई भी जल्दबाजी या बेतरतीब निर्णय घर में वास्तु असंतुलन का कारण बन सकता है। घर के मुख्य द्वार और बाहरी रंग का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। नतीजतन, उसी के लिए रंगों का चयन करते समय सावधानी बरतें। घर के बाहरी हिस्से के लिए, काले, ग्रे या मिडनाइट ब्लू के बजाय हल्के रंगों जैसे लाल और नारंगी रंग के हल्के रंगों का उपयोग करें।

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चारदीवारी की ऊंचाई

दक्षिण मुखी घर के वास्तु के लिए चारदीवारी की उचित ऊंचाई और चौड़ाई का निर्धारण करना भी महत्वपूर्ण है। पता लगाएं कि दक्षिण की दीवारें उत्तर और पूर्व की ओर की दीवारों की तुलना में थोड़ी ऊंची होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो तुरंत इन दीवारों को ऊंचा कराएं। इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित करें कि दक्षिण में दीवारें उत्तर की तुलना में थोड़ी मोटी हैं। यह आपके घर को लंबे समय तक सौर एक्सपोजर के परिणामस्वरूप अधिक गर्म होने से भी रोकेगा, क्योंकि मोटी दीवारें प्रभावी रूप से अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित करती हैं। दीवारों को लंबा या मोटा बनाना बेशक दिखने में थोड़ा अलग लग सकता है लेकिन ऐसा करना घर के मुखिया की सेहत के लिए भी अच्छा है और घर के वास्तु दोष को दूर करने में मदद करता है।

बेडरूम और किचन की दिशा हो सही

bed room vastu for south facing

दक्षिण मुखी घर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी वास्तु टिप्स में से एक है घर के बेडरूम का सही दिशा में होना। south facing घरों में बेडरूम को हमेशा घर की उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। इस दिशा में होने वाला बेड रूम घर के लोगों को वास्तु दोषों (घर में फिटकरी रखने से दूर होगें 5 वास्‍तुदोष) से मुक्त रहता है। बेडरूम के साथ किचन की सही दिशा होनी भी जरूरी है। दक्षिण मुखी घरों में किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए, इसके अलावा किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि ढलान का भूखंड दक्षिण से उत्तर की ओर होना चाहिए।

घर के बाहर बनाएं एक बगीचा

दक्षिण मुखी घर के बाहर एक बगीचा बनाना बहुत जरूरी होता है जिससे घर के वास्तु दोषों को कम किया जा सके। घर में एक बगीचा बनाएं, लेकिन केवल दक्षिण पूर्व या दक्षिण दिशा में। इस तरह के घरों में सीढ़ी को केवल तीन दिशाओं में से एक में रखें: दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण पश्चिम। सुनिश्चित करें कि दक्षिणी दीवारें उत्तरी दीवारों की तुलना में ऊंची और मोटी हों। सेप्टिक टैंक को उत्तर पश्चिम के पश्चिम या दक्षिण पश्चिम दिशा में रखें।घर की बाहरी दीवारों को हमेशा लाल और नारंगी रंग से सजाएं।

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दक्षिण मुखी घरों में न करें ये गलतियां

kitchen south facing home

  • यदि आप मुख्य प्रवेश द्वार की तलाश कर रहे हैं, तो हमेशा दक्षिण पश्चिम कोने से दूर रहें।
  • घर के बाहरी हिस्से को रंगने के लिए काले, नीले या भूरे रंग के प्रयोग भूलकर भी न करें। ये सभी रंग घर के वास्तु दोष का कारण बन सकते हैं।
  • विशेष रूप से दक्षिण-मुखी भूमि के सामने की ओर किसी भी उपसतह जल जलाशयों से बचें।
  • किचन को दक्षिण-पश्चिम कोने में रखने से बचें।
  • दक्षिणमुखी स्थल के सामने कोई चौराहा या टी-जंक्शन नहीं होना चाहिए।
  • दक्षिण मुखी घर में बेतरतीब ढंग से शीशा(वास्तु के अनुसार लगाएं आईना)लगाने से बचें।
  • दक्षिण-पश्चिम कोने में भूलकर भी बगीचा नहीं लगाना चाहिए।
  • एक भूखंड जो विशेष रूप से उत्तर से दक्षिण की ओर झुकता है।
  • किचन को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखने से बचें।
  • दक्षिण दिशा में पार्किंग स्थल लगाने से बचें।

यहां बताई कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए आप दक्षिण मुखी घरों में होने वाले वास्तु दोषों से बच सकती हैं और जीवन में खुशहाली ला सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: freepik

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