जिस तरह घर की हर एक वस्तु के लिए वास्तुशास्त्र का ध्यान रखना जरूरी है उसी तरह घर के गार्डन की भी सही दिशा होनी चाहिए और इसे वास्तु के हिस्सब से ही सजाएं चाहिए जिससे घर में खुशहाली आ सके। कहा जाता है कि घर का हर एक कोना वास्तु के हिसाब से सजा होने पर घर में सौभाग्य आता है और यदि कोई भी चीज़ वास्तु के हिसाब से ठीक न हो तो ये वास्तु दोष का कारण भी बन सकती है। इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने गार्डन की योजना बनाना और इसे डिजाइन करना आपके मूड को भी बदल सकता है, साथ ही स्वास्थ्य और समृद्धि भी सुनिश्चित करता है।
एक बाहरी गार्डन हमें प्रकृति के करीब महसूस करने की अनुमति देता है, जिससे हमें वनस्पतियों की बहुतायत से प्रभावित होकर शांति का आनंद लेने की सुविधा लेते हैं। इसलिए ये जान लेना जरूरी है कि वास्तु के हिसाब से कैसे अपने घर के गार्डन को सजाया जा सकता है जिससे घर सुख समृद्धि से भर जाए। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें कि घर के गार्डन के लिए किन वास्तु टिप्स को फॉलो करना जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बगीचे का प्रत्येक खंड पंच महा बूट के पांच तत्वों में से एक जैसा दिखता है। घर का दक्षिण-पश्चिम भाग पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है, उत्तर-पूर्व पानी के लिए होता है, दक्षिण-पूर्व अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि उत्तर-पश्चिम हवा का प्रतिनिधित्व करता है। केंद्र अंतरिक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम में बना हुआ गार्डन तनाव का कारण बन सकता है।
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यदि घर का गार्डन आपके मुख्य प्रवेश द्वार के सामने स्थित है, तो एक विशाल पेड़ को कभी भी इसके प्रवेश द्वार को अवरुद्ध नहीं करना चाहिए। हालांकि गार्डन की दीवार के पास एक पेड़ लगाया जा सकता है। दरअसल वास्तु की दृष्टि से घर के गार्डन में पीपल, आम, नीम या केले का पेड़ लगाना अच्छा माना जाता है। ये पेड़ न केवल अपनी सुगंध के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे जो सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। वहीं गार्डन में कभी भी कांटे वाले पेड़ पौधे न लगाएं। ऐसा करना आपसी लड़ाई का कारण बन सकता है।
वास्तु के अनुसार घर के गार्डन में यदि बीचो -बीच पानी का स्रोत रखा जाए तो ये घर के सदस्यों के बीच सामंजस्य लाता है और इससे घर में धन लाभ भी होता है। इसलिए गार्डन के बीच में पानी गिरता हुआ झरना जरूर लगाएं। इसके अलावा गार्डन के पूर्व या उत्तर में एक छोटा जलप्रपात बनाया जा सकता है। बगीचे का उत्तर-पूर्व कोना सीमा से बाहर होना चाहिए। यदि बगीचे में छोटा स्वीमिंग पूल है तो उसका मुख उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। कमल के साथ एक छोटा तालाब गार्डन में होने से यह आपके लिए भाग्य ला सकता है।
बगीचे के पूर्व या उत्तर भाग में छोटी झाड़ियां लगाई जानी चाहिए, जिससे उत्तर-पूर्व भाग खुला और मुक्त रहे। बगीचे के पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम भाग में ऊंचे पेड़ लगाने चाहिए। मुख्य घर और पेड़ों के बीच एक बड़ी दूरी बनाए रखी जानी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार उनकी छाया सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच भवन पर नहीं पड़नी चाहिए। अर्थात घर के भीतर सूरज की रोशनी सीधे ही प्रवेश करनी चाहिए। पीपल जैसे बड़े पेड़ घर के छोटे गार्डन में न लगाएं और घर से थोड़ा दूर ही लगाएं क्योंकि इसकी जड़ें घर की नींव को कमजोर कर सकती हैं। गार्डन में ऐसे पौधे लगाने से बचना चाहिए जिससे कीड़े, मधुमक्खियां या सांप आकर्षित हों। ये पौधे घर में नकारात्मकता लाते हैं।
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वास्तु की उपर्युक्त सभी टिप्स को फॉलो करके घर के गार्डन को सजा सकती हैं और घर में सुख समृद्धि ला सकती हैं। आपको ये जानकारी कैसी लगी ये हमें हरजिंदगी के फेसबुक पेज पर जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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