मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस कथन को चरितार्थ करती हैं डॉ पद्मा बंदोपाध्याय। एक ऐसी महिला जिन्हें भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाओं के लिए जाना जाता है। पद्मा बंदोपाध्याय एयर वाइस मार्शल टू-स्टार रैंक में पदोन्नत होने वाली भी पहली महिला बनीं। वह बाद में भारतीय वायु सेना की पहली महिला एयर मार्शल बनीं।
बंदोपाध्याय एक एविएशन मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैं और न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंस की सदस्य भी हैं। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है, जिसके कारण उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री मिला पुरस्कार भी मिल चुका है। तो चलिए आज इस लेख में हम डॉ. पद्मा बंदोपाध्याय के बारे में करीब से जानने की कोशिश करते हैं-
पद्मा बंदोपाध्याय का प्रारंभिक जीवन
बंदोपाध्याय का जन्म में 4 नवंबर 1944 को तिरुपति, आंध्र प्रदेशमें एक तमिल भाषी अय्यर परिवार में हुआ था। जब पद्मा चार या पांच साल की थी, तब उसकी मां को तपेदिक हो गया, जिसके कारण मेडिकल समस्याओं ने उनके दिमाग में जगह बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की और बाद में 1963 में वह पुणे में स्थित ऑर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज में शामिल हो गईं। वह 1968 में IAF में शामिल हुईं और विंग कमांडर एसएन बंदोपाध्याय से शादी की। सती नाथ और पद्मा बंदोपाध्याय पहले ऐसे इंडियन एयरफोर्स कपल बने, जिन्हांने एक ही इन्वेस्टिचर परेड राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया।
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पद्मा बंदोपाध्याय की उपलब्धियां
- पद्मा बंदोपाध्याय साल 2002 में एयर वाइस मार्शल (टू-स्टार रैंक) में पदोन्नत होने वाली पहली महिला बनीं।
- बाद में वह भारतीय वायु सेना की पहली महिला एयर मार्शल बनीं।
- वह भारतीय एयरोस्पेस मेडिकल सोसाइटी की फेलो बनने वाली पहली महिला थीं और उत्तरी ध्रुव पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
- वह 1978 में डिफेंस सविर्सेज स्टाफ कॉलेज कोर्स पूरा करने वाली पहली महिला ऑर्म्ड फोर्स ऑफिसर भी हैं।
- उन्होंने ऊंचाई पर स्थित भारतीय सैनिकों के लिए नए अनुकूलन कार्यक्रम तैयार करने में मदद की। और हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा (HAPO) और हाई एल्टीट्यूड सेरेब्रल एडिमा (HACO) के लिए एहतियाती कदम विकसित किए।(भारतीय सेना में महिलाएं हुई शामिल)
पद्मा बंदोपाध्याय को मिले अवॉर्ड्स
बंदोपाध्याय के सम्मानों की सूची कम नहीं है। उन्हें कई मिलिट्री अवॉर्ड्स व नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
- 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल मिला। यह मेडल उनके पति एसएन बंदोपाध्याय को भी मिला। वे पहले ऐसे इंडियन एयर फोर्स कपल थे जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा एक ही रक्षा समारोह में वीएसएम से सम्मानित किया गया था।
- वह इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं।
- वहीं जनवरी 2002 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल और जनवरी 2006 में परम विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है।
- मेडिसिन के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए उन्हें जनवरी 2020 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
डॉ. पद्मा बंदोपाध्याय ने यकीनन यह साबित किया कि महिलाएं अपनी हिम्मत व हौसलों से पूरा आसमान हासिल करने का माद्दा रखती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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