'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' फेम रतन राजपूत टीवी की चर्चित एक्ट्रेसेस में से एक हैं। 'राधा की बेटियां कुछ कर दिखाएंगी' में रतन की स्क्रीन प्रजेंस काफी इंप्रेसिव रही थी। वहीं शो 'महाभारत' में अंबा के किरदार में भी उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। रतन राजपूत आज के समय में काफी पॉपुलर हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था, जब वह इंड्रस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए मशक्कत कर रही थीं और उनकी आंखों में कुछ कर दिखाने का सपना था। रतन अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं। आज वह जिस मुकाम पर हैं, उसमें उनके पापा की बड़ी भूमिका है। हालांकि रतन राजपूत के पिता अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी खुशनुमा यादें आज भी रतन के साथ हैं और उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। Father's Day पर रतन राजपूत ने HZ से खास बातचीत की और अपने पापा से जुड़ी यादों का जिक्र किया। आइए जानते हैं कि रतन अपने पापा के लिए क्या फील करती हैं और इस फादर्स डे पर अपने पापा को क्या मैसेज देना चाहती हैं-
'सरल तरीके से जिंदगी जीते थे पापा'

रतन जहां टीवी पर ग्लैमरस अवतार में नजर आती हैं, वहीं उनके पापा बिल्कुल सिंपल लाइफस्टाइल जीते थे। अपने पापा की यह चीज रतन को बहुत इंस्पायर करती है। रतन बताती हैं, 'पापा हमेशा बहुत सिंपल तरीके से रहते थे। पापा रिटायर्ड ज्वाइंट कमिश्नर सेल्स टैक्स थे। अपने ओहदे की तुलना में वह बहुत सादगी से रहते थे। उस वक्त मुझे ये चीज समझ नहीं आती थी, लेकिन आज के समय में जो जिंदगी मैं जीती हूं तो मुझे उनकी यह बात समझ में आती है। वे कहते थे कि असाधारण काम करने के लिए साधारण तरीके से जीना जरूरी है। पापा की कही ये बात मैं आज भी फॉलो करती हूं।'
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'हर डांट से मिलता था सबक'
रतन राजपूत बचपन में काफी चंचल थीं, इसीलिए उन्हें अपने पापा से अक्सर डांट पड़ती थी। लेकिन हर बार डांट से उन्हें एक बड़ा सबक भी मिलता था। रतन बताती हैं, 'एक्जाम्स का डर मुझ पर हमेशा हावी रहता था और उस वक्त में पापा बहुत ज्यादा डांटते थे। मुझे डर के मारे फीवर तक हो जाता था। वे कहते थे कि अच्छे नंबर लाने के लिए जान देने की जरूरत नहीं है। वो एक बात और कहते थे कि जान है तो जहान है, अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दो। अगर तुम ड्रॉप आउट हो जाओ तो भी कोई बात नहीं, मैं इससे तुम्हें जज नहीं करूंगा। जिंदगी बहुत लंबी है। इसी संदर्भ में वह एक बात और कहते थे कि दुनिया को दिखाने के लिए कोई काम मत करो। जो भी काम करो, दुनिया देखने के लिए करो। उनका मतलब यही होता था कि सादगी के साथ रहो और मैं आजतक यही करती आ रही हूं।'
पापा के साथ अक्सर शरारत करती थीं रतन
रतन अपने पापा से काफी ज्यादा जुड़ाव रखती थीं। बचपन में वह अक्सर ही पापा के साथ शरारतें करती थीं, बड़े होने पर भी उनकी शरारतें छूटी नहीं। पापा को उन्होंने इसी तरह के नटखटपने वाले अंदाज में कहा था कि वह मुंबई जाना चाहती हैं। रतन राजपूत बताती हैं, 'जब मैंने पापा से मुंबई घूमने के बारे में कहा तो उन्होंने मुझे कहा कि मुंबई दर्शन वाली बस से चली जाना। लेकिन मुंबई आने के बाद मैंने उन्हें बताया था कि मुझे एक्टिंग करनी है और मुझे काम मिल गया है। उसी शरारत की वजह से आज मैं यहां पर हूं। लेकिन पापा के साथ मेरी कैमिस्ट्री बहुत स्पेशल थी।'
'पापा मुझे बहुत पैंपर करते थे'
रतन राजपूत बचपन से ही प्यार-दुलार में पली-बढ़ी हैं। उनके व्यवहार में सौम्यता भी इस बात को बखूबी जाहिर करती है। इसकी एक बड़ी वजह यह थी कि रतन को बचपन से ही पापा ने बहुत प्यार दिया। रतन बताती हैं, 'हम 6 भाई-बहन हैं। पापा हम सभी को प्यार करते थे। दिलचस्प बात ये है कि पापा हम सभी को अलग-अलग तरह से पैंपर करते थे। वे हम सभी को अलग-अलग समय देते थे और उस दौरान यही कहते थे कि तुम बहुत स्पेशल हो।'
'पापा के साथ खूब होती थी चर्चा'
रतन अपने पापा से कई विषयों पर चर्चा करती थीं। उन्हें अपने पापा से कोई भी बात कहने में संकोच महसूस नहीं होता था। रतन बताती हैं, 'वो एक कहते थे तो मैं डेढ़ कहती थी। मैं पापा की सिखाई हुई बातों को उन्हीं पर आजमाती थी। पापा के साथ ऐसे डिस्कशन बहुत मजेदार होते थे।'
'पापा से छिपाईं स्ट्रगल के दौर की मुश्किलें'
रतन राजपूत अपने पापा से बहुत ज्यादा जुड़ाव रखती थीं, इसीलिए वह अपने पापा को किसी तरह की तकलीफ नहीं देना चाहती थीं। जब रतन एक्टिंग में खुद को स्थापित करने के लिए स्ट्रगल कर रही थीं, उस दौरान वह बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही थीं, लेकिन इस बारे में वह पापा से कभी खुलकर नहीं बताती थीं। रतन बताती हैं,
'पापा जरूर खुश होंगे'
रतन ने अपने पापा से काफी कुछ सीखा है। अपने पापा की लाइफ जर्नी को याद करते हुए रतन बताती हैं, 'मेरे पापा जहां भी होंगे, खुश होंगे। मुझे यह मालूम है, क्योंकि मैं अपनी जिंदगी में खुश हूं। मेरे पापा ने जो जीवन जिया, वह मेरे लिए सीख थी। भले ही वह कुछ लिखकर नहीं गए, लेकिन मैंने उनसे सीखा बहुत कुछ है। वे कहते थे जीवन अनुभवों की एक श्रृंखला है, जीवन में अच्छा या बुरा जो भी, उसे महसूस करना। पापा से जो मैंने सीखा वह ताउम्र मेरे काम आएगा।'
Father's Day पर पापा के लिए दिया ये मैसेज
पापा के जाने के बाद रतन राजपूत उन्हें अक्सर याद करती हैं और उनके लिए इमोशनल फील करती हैं। Father's Day जल्द ही आने वाला है। इस मौके पर रतन अपने पापा और मम्मी दोनों के लिए एक स्पेशल मैसेज देना चाहती हैं, 'आई लव यू पापा। इस बार मैं अपनी मां को भी हैप्पी फादर्स डे कहना चाहती हूं, क्योंकि पापा के जाने के बाद उन्होंने हमें पापा की कमी महसूस नहीं होने दी। मां ने मां की भूमिका बेजोड़ निभाई है, उन्होंने पिता की कमी को खूबसूरती से भरा है। बचपन में ही मां और पिता जी की शादी हो गई थी और उनके बीच बहुत अच्छी कैमिस्ट्री रही। इसी का नतीजा है कि आज मेरी मां बहुत मजबूत हैं। मां हमारी खुशी से खुश होती हैं, परेशानियों से परेशान भी होती हैं, लेकिन वह कभी भी हमें अपने दुख का अहसास नहीं होने देतीं। मां मैं आपको बहुत प्यार करती हूं।'
रतन राजपूत की अपने पापा के साथ जिस तरह की कैमिस्ट्री रही, वह हर पिता और बेटी के लिए इंस्पायरिंग है। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करें। अपने चहेते सेलेब्स से जुड़ी अपडेट्स पाने के लिए विजिट करती रहें हरजिंदगी।
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