इन दिनों बच्चे एग्जाम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। गैजेट्स और मनपसंद गेम्स के चक्कर में बच्चे पढ़ाई पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं कर पाते और यही वजह है कि पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं। मां बच्चों के नंबरों को लेकर काफी स्ट्रेस में रहती हैं, उन्हें लगता है कि बच्चे लापरवाही में अपनी पढ़ाई का नुकसान ना कर लें। कई बार मम्मियों पर तनाव इतना ज्यादा हावी हो जाता है कि वे बच्चों को डांट और मार भी देती हैं। अगर आप भी ऐसे ही स्थिति से गुजर रही हैं तो आपको धैर्य से काम लेना चाहिए।
सूझबूझ भरे कदम उठाने और बच्चों की पढ़ाई से जुड़े कुछ अहम कदम उठाने से आपका बच्चा पढ़ाई पर अच्छी तरह से फोकस कर सकता है। आइए जानें कि आप बच्चे को इस समय में किस तरह से स्ट्रेस फ्री रख सकती हैं-
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अगर बच्चा लगातार सिरदर्द, शरीर-दर्द, चक्कर आने, भूलने, घबराहट होने, बेचैनी होने या पढ़ने में मन न लगने जैसी प्रॉब्लम बताए तो मुमकिन है कि वह पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा तनाव में हो। ऐसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर आप बच्चे को सायकोलॉजिस्ट या काउंसलर के पास ले जा सकती हैं।
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