मेनस्ट्रीम बॉलीवुड सिनेमा में काफी समय तक पुरुषों ने ही दबदबा बनाए रखा था, लेकिन अब महिलाएं भी आगे आ रही हैं। परदे के आगे ही नहीं, पीछे भी या कहें निर्माता से निर्देशक की कुर्सी तक अपना सिक्का जमा रही हैं। ऐसी कई दमदार फिल्में उनके द्वारा बनाई जा रही हैं, जिनकी कल्पना करना भी एक बड़ी बात है। वे न सिर्फ ऐसा कंटेंट दे रही हैं, बल्कि सिनेमा की दुनिया में आने वाली पीढ़ी के लिए एक नई जगह बना रही हैं।
बीते कुछ सालों में हमने ऐसी कई फिल्में देखी हैं, जिन्होंने हमारे मन में एक अलग जगह बनाई और आपको जानकर यह हैरानी होगी कि एक स्ट्रॉन्ग प्लॉट पर एक सशक्त कहानी के साथ बड़ी सरलता से उन्हें दिखानी वाली महिला निर्देशक रही हैं। आज हम आपको ऐसी महिला निर्देशकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी स्किल से सबको चौंकाया है और कुछ बेहद दमदार और बेहतरीन फिल्में हमें दी हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसी कुछ टॉप नॉच फिल्में और उनके निर्देशकों के बारे में।
फिल्म 'राजी', निर्देशक मेघना गुलजार
इस फिल्म में इमोशन थे, देशभक्ति का जज्बा था, प्यार था और एक जबरदस्त पटकथा थी। फिल्म एक ऐसी लड़की के बारे में थी जो पाकिस्तान में रहकर भारत के लिए जासूसी का काम करती है। आलिया भट्ट और विक्की कौशल ने इस फिल्म में काम किया था और आलिया सबके दिलों को जीतने में कामयाब भी रही थी। इस जबरदस्त स्पाई थ्रिलर को बनाने के पीछे मेघना गुलजार का हाथ था। सिर्फ यही नहीं, मेघना ने ऐसी कई बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया है, जिनमें 'फिलहाल', 'तलवार', 'छपाक' आदि शामिल है।
फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' और 'दिल धड़कने दो, निर्देशक जोया अख्तर
जोया अख्तर ने वैसे तो हिंदी सिनेमा को कई सारी फिल्में दी हैं, लेकिन उनकी फिल्में 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' और 'दिल धड़कने दो' की बात करें तो वह ह्यूमन इमोशन को बहुत ही बेहतर तरीके से दर्शाती हैं। ट्रैवल पसंद लोगों के लिए खासतौर से ये फिल्में बेस्ट बताई जाती हैं। 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा', तीन दोस्तों की ऐसी फिल्म थी, जो अपने-अपने संघर्ष कर रहे हैं। तीनों काफी समय से पेंडिंग एक ट्रिप पर जाते हैं जहां उन्हे यह समझ आता है कि चाहे कुछ भी हो, लेकिन जिंदगी जीना कितना महत्वपूर्ण है।
इसी तरह फिल्म 'दिल धड़कने दो' समाज के उस चेहरे को दर्शाती है, जिसमें अपनी साख बढ़ाने के लिए आदमी क्या कुछ नहीं करता है। यह एक ऐसे परिवार की कहानी है, जो अंदर से टूटी है, लेकिन बाहर सबको अच्छा दिखाती है। अपने स्टेटस को बचाने के लिए एक टूर प्लान करती है, जहां उन्हें एहसास होता है कि वह आगे बढ़ने की चाह में कितना कुछ पीछे छोड़ गए हैं।
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फिल्म 'डियर जिंदगी' निर्देशक गौरी शिंदे
आपने आर. बाल्की की फिल्में देखी होंगी लेकिन क्या आपको उनकी पत्नी और निर्देशक गौरी शिंदे की फिल्में याद हैं? श्रीदेवी ने कई सालों बाद जब बॉलीवुड में कमबैक किया तो वह गौरी शिंदे की फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' थी। आलिया भट्ट और शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'डियर जिंदगी' जो मेंटल हेल्थ को बड़ी खूबसूरती से और सरल तरीके से बयां कर गई, वो भी गौरी शिंदे ने बनाई थी। बॉलीवुड में आने वाली वही घिसी-पिटी लव स्टोरीज से हटके यह फिल्म रिफ्रेशिंग थी। आलिया के कैरेक्टर से हममें से कई लोगों ने रिलेट भी किया होगा।
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फिल्म 'अ डेथ इन द गूंज', निर्देशक कोंकण सेनशर्मा
अभिनेत्री कोंकणा सेनशर्मा हिंदी सिनेमा की फाइनेस्ट एक्ट्रेसेस में से एक हैं। वह सिर्फ एक अच्छी अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि अपनी मां अपर्णा सेन की तरह एक बेहतरीन निर्देशक भी हैं। साल 2016 में कोंकणा ने 'अ डेथ इन द गूंज' को न सिर्फ डायरेक्ट किया था, बल्कि इसे लिखा भी था। यह साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक थी और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला था।
इसी तरह हमारी इंडस्ट्री में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो निर्देशक की कुर्सी पर बैठकर शानदार काम कर रही हैं और हमें रिफ्रेशिंग कंटेंट दे रही हैं।
हमें उम्मीद है आपको यह स्टोरी पसंद आई होगी। इनमें से कौन-सी फिल्म आपकी पसंदीदा है, हमें कमेंट कर बताएं। इस लेख को पसंद और शेयर करें और ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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