शाहरुख खान को फैमिली मैन कहा जाता है। अपने पूरे परिवार के लिए उनकी बॉन्डिंग काफी अच्छी है और लगभग हर जश्न वो अपने परिवार के साथ मनाना पसंद करते हैं। शाहरुख खान ने शुरुआत से ही अपने करियर को बनाने में काफी स्ट्रगल देखा और उसके साथ ही पारिवारिक तौर पर भी उन्होंने काफी कुछ सहा। उनके पिता जी का देहांत जब हुआ तब शाहरुख सिर्प 15 साल के थे। इसके साथ ही साथ 26 साल की उम्र में शाहरुख ने अपनी मां को खो दिया था। तो आप समझ ही सकते होंगे कि कैसे भावनात्मक दौर से शाहरुख गुजरे होंगे। किसी अपने को खोना काफी दर्दनाक होता है और कम उम्र में ही अगर ऐसा हो जाए तो यकीनन काफी बुरा लगता है।
शाहरुख खान ने अपने करीबियों को खोया और पारिवारिक तौर पर कई दुख देखे, लेकिन उन्होंने इसके लिए एक अलग थ्योरी बना ली थी।
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मृत्यु को लेकर क्या सोचते थे शाहरुख-
डेविड लेटरमैन को दिए एक इंटरव्यू में शाहरुख खान ने बताया था कि वो अपनी मां फातिमा लतीफा खान के बहुत करीब थे और उन्होंने मृत्यु को लेकर एक थ्योरी बना ली थी। उन्होंने ये सोचना शुरू कर दिया था कि जो लोग मरते हैं वो लोग जिंदगी को भरपूर जी चुके होते हैं और उन्हें संतोष होता है हर बात का। जिनका कोई काम अधूरा रहता है वो नहीं मरते। यही कारण है कि जब उनकी मां मृत्यु की कगार पर थीं तो शाहरुख ने उनसे कुछ ऐसी बातें कहीं थीं जो शायद नहीं कहनी थीं।
शाहरुख ने आखिरी वक्त में ये कहा था अपनी मां से-
शाहरुख खान ने अपनी मां से उनके आखिरी वक्त में इसी थ्योरी के अनुसार बातें की थीं। शाहरुख खान ने कहा था कि, 'मेरी मां आईसीयू में थी तो मुझे लगा था कि अगर मैं अपनी मां को परेशान करूंगा और किसी तरह से वो सैटिस्फाई नहीं होंगी तो वो नहीं मरेंगी। मैं उनके बेड के पास बैठ गया और मैंने कहा कि मैं अपनी बड़ी बहन से बहुत बुरा बर्ताव करूंगा। मैं शराब पीना शुरू कर दूंगा और ऐसी ही सभी बुरी बातें। मैंने सोचा था कि वो अपनी मुक्ति के द्वारा से वापस आ जाएंगी और सोचेंगी कि अभी भी मेरे बेटे को मेरी जरूरत है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।'
शाहरुख ने कई बार ट्विटर अकाउंट पर अपनी मां की तस्वीर शेयर की है-
She would be 74 years today and I would be slapped for telling her age….it’s a happy day today. pic.twitter.com/njED5QQ385
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) July 1, 2015
शाहरुख की मां का देहांत 1991 में हुआ था।
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शाहरुख ने बचपन में नहीं देखा था कोई दुख-
शाहरुख ने ऐसे ही एक इंटरव्यू में अपनी फीलिंग्स बताते हुए कहा था कि, 'मैं एक समृद्ध परिवार से था। मुझे याद नहीं कि बचपन में मैंने कोई परेशानी देखी हो। मेरे पिता चीफ इंजीनियर थे। मेरी मां एक सोशल वर्कर और फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट। वो ऑक्सफोर्ड में पढ़ी थीं। वो उन कुछ मुस्लिम महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने काफी कुछ अचीव किया था।'
शाहरुख को है इस बात का मलाल-
शाहरुख खान को इस बात का मलाल है कि उनकी मां कभी उन्हें सक्सेसफुल होते नहीं देख पाईं, वो कभी उन्हें पहला अवॉर्ड लेते नहीं देख पाईं, शाहरुख को लगता है कि उनके आशीर्वाद के बिना वो ये सब नहीं कर पाते।
किसी अपने को खोने का दुख वाकई बहुत बुरा होता है। शाहरुख खान ने भी इसे झेला है। शाहरुख अपनी बहन शहनाज़ लालारुख खान की बीमारी और उनकी मृत्यु को भी झेला है। इसीलिए तो शायद शाहरुख के लिए परिवार का महत्व काफी ज्यादा है।
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All photo credit: Pinterest
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