सीढ़ियां घर के एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक सुगमता से पहुंचने में मदद करती हैं। वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि सीढ़ियां अगर वास्तु सम्मत ना हो तो इससे एक्सीडेंट, घर में धन की हानि या मानसिक तनाव की आशंका बढ़ जाती है।
वही सीढ़ियां अगर वास्तु के नियमों के अनुसार बनी हों, तो इससे घर में रहने वाले स्वस्थ रहते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है। ऐसे में सीढ़ियों से जुड़े वास्तु के बारे में जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस बारे में हमने बात की एस्ट्रो और वास्तु कंसल्टेंट रिद्धि बहल से और उन्होंने हमें महत्वपूर्ण जानकारी दी।
रिद्धि बहल का कहना है, 'सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए। सीढ़ियों के नीचे मंदिर नहीं होना चाहिए। आप चाहें तो इसके नीचे स्टोर रूम बना सकती हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सीढ़ियां उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में ना बनाएं।'
सीढ़ियों के वास्तु दोष से हो सकती हैं धन या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें परिवारके किसी व्यक्ति को धन संबंधी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जब इनकी वास्तु एनालिसिस की गई तो पाया गया कि ज्यादातर में परेशानी की जड़ घर की सीढ़ियां थीं और ये वास्तु नियमों के अनुसार नहीं बनी थीं।
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आर्थिक समस्याएं: वास्तु के अनुसार सीढ़ियां ना बने होने पर वित्तीय समस्याएं, संपत्ति की हानि, कर्जा और दिवालियापन की स्थिति हो सकती हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं: एक्सीडेंट, गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, बच्चों का बीमार होना, श्वास से जुड़ी समस्याएं, ब्लड रिलेटेड परेशानियां हो सकती हैं।
परिवार में कलह: घर के सदस्यों के बीच तनाव, मतभेद और स्ट्रेस।
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ये उपाय आएंगे काम
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- वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियां बनाने के लिए सबसे अच्छी जगह दक्षिण पश्चिम का कोना है। अगर किसी वजह से यह जगह उपलब्ध नहीं है तो इसके बाद सीढ़ियां बनाने के लिए दक्षिण या पश्चिम का हिस्सा उचित रहता है।
- सीढ़ियां दक्षिण पूर्व की ओर बनाएं तो इनका मूख पूर्व की ओर रखे, दक्षिण-पश्चिम की सीढ़ियों का मुख पश्चिम की तरफ रखें, उत्तर पश्चिम की सीढ़ी का मुख उत्तर की ओर रखें और दक्षिण पश्चिम की सीढ़ियों का मुख दक्षिण की ओर रखें।
- सीढ़ियों पर ऊपर जाते हुए पश्चिम या दक्षिण दिशा में जाना अच्छा रहता है। वहीं सीढ़ियों से उतरते हुए पूर्व और उत्तर की दिशा अच्छी मानी जाती है।
- कोशिश करें कि सीढ़ियों को क्लॉक वाइज बनाएं।
- जहां तक संभव हो, सीढ़ियों के नीचे के हिस्से को सोच ले स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करें।
- सीढ़ियों की संख्या अगर ऑड नंबर में हो तो अच्छा रहेगा।
- सीढ़ियों पर हल्के और आंखोंको सुकून देने वाले रंगों से कलर करें।
- सीढ़ियों पर लाल या काला रंग नहीं होना चाहिए।
- अगर सीढ़ियां टूटी हुई हैं, तो उनकी मरम्मत कराएं, अन्यथा इनसे एक्सीडेंट या परिवार में तनाव होने की आशंका बढ़ जाती है
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