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Maa Durga: सिर्फ 7 श्लोकों में समाया है दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ, जानें अर्थ और लाभ

आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के उन खास 7 ऐसे श्लोकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पाठ करने से संपूर्ण पाठ से मिलने वाले ये लाभ उठा सकते हैं।     
Editorial
Updated:- 2024-10-03, 11:16 IST

Durga Saptashati Ka Path: हिन्दू धर्म में हर एक देवी-देवता के कई दिव्य पाठ बताये गए हैं जिन्हें निरंतर पढ़ने से न सिर्फ व्यक्ति को ईश्वरीय कृपा मिलती है बल्कि उसके कई काम भी बनने लग जाते हैं। इसी कड़ी में मां दुर्गा का पाठ है दुर्गा सप्तशती। 

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली पाठ दुर्गा चालीसा मानी जाती है। हालांकि इसे पढ़ना हर किसी की क्षमता में नहीं। इस पाठ को पढ़ने के कई नियम हैं जिनका अनुसरण आवश्यक माना गया है। 

चूंकि यह पाठ बहुत लंबा है इसी कारण इसे पढ़ने की विधि भी अत्यंत कठिन है लेकिन जो भी व्यक्ति इसे मात्र एक बार भी पढ़ ले तो उसके सारे कष्ट माता रानी स्वयं हर लेती हैं। ऐसे में आज हम आपको इस पाठ को करने का सरल तरीका बताएंगे।

आपको मात्र उन 7 श्लोकों को पढ़ना जिनमें दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का सार छुपा हुआ है। इन श्लोकों के जाप से इस संपूर्ण पाठ को पढ़ने जितना ही फल मिलता है और अनेकों लाभ भी पहुंचते हैं। 

दुर्गा सप्तशती के 7 श्लोक 

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  • ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।1।।
  • दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता।।2।।
  • सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते॥3॥
  • शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते॥4॥

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  • सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥5॥
  • रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति॥6॥
  • सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्॥7॥

इन सातों श्लोकों में भगवान शिव (भगवान शिव की विशेष स्तुति) ने माता पार्वती के रूप का वर्णन और उनके अवतारों के बारे में बताया है। यह 7 श्लोक दुर्गासप्तश्लोकी के हैं। यानी कि सात श्लोकों से बना दुर्गासप्तशती पाठ का छोटा भाग। इन श्लोकों में मां दुर्गा के दिव्य तेज, उनके सौंदर्य और उनके साहस का संपूर्ण वर्णन मिलता है। 

दुर्गा सप्तशती के 7 श्लोकों के लाभ 

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  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से व्यक्ति के कष्ट मिट जाते हैं। व्यक्ति में साहस का संचार होता है। 
  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से व्यक्ति को कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है। 
  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से महिलाओं को विशेष लाभ मिलता है। 

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  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से महिअलाओं में सुंदरता और वीरता बढ़ती है।
  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से महिलाओं को जीवन में सफलता (जीवन में सफलता पाने के वास्तु टिप्स) का उच्च पद मिलता है। 
  • दुर्गा सप्तशती के इन 7 श्लोकों के पाठ से संतान, वैवाहिक सुख और सामाजिक प्रतिष्ठा मिलती है। 

 

तो ये थे वो 7 श्लोक, उनका अर्थ और उनसे मिलने वाले लाभ। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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FAQ
दुर्गा सप्तशती का पाठ कब करें?
दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के पहले दिन शाम के समय से शुरू करना चाहिए और दशमी की शाम तक रोजाना करना चाहिए।
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