मार्च का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ है और चिलचिलाती धूप ने परेशान करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अभी से लोगों को आने वाले दिनों में गर्मी का डर सताने लगा है। झुलसती गर्मी से राहत पाने के लिए अक्सर लोग कूलर का इस्तेमाल करते हैं। कूलर में ठंडा-ठंडा पानी डालने के बाद जो हवा आती है, वह मिनटों में गर्मी को दूर भगा देती है। लेकिन, कई बार महंगा कूलर लेने के बाद भी ठंडी हवा नहीं मिलती है और इसके पीछे की वजह कूलर का कूलिंग पैड हो सकता है। कूलर में अगर सही कूलिंग पैड न लगा हो तो ठंडी हवा मिलना मुश्किल हो सकता है।
कूलर का कूलिंग पैड पहले घास का बना होता था, जिसे खस भी कहा जाता था। लेकिन, इन दिनों मार्केट में हनीकॉम्ब नाम का एक नया कूलिंग पैड आ गया है। इसको लेकर ऐसा दावा किया जाता है कि यह घास या खस के मुकाबले ज्यादा ठंडी हवा देता है। आइए, यहां जानते हैं कि आपके कूलर के लिए कौन-सा कूलिंग पैड फायदेमंद हो सकता है और मई-जून की गर्मी में ठंडी-ठंडी हवा दे सकता है।
कूलर की हवा को ठंडा करने में कौन-सा कूलिंग पैड आपकी मदद कर सकता है। यह समझने से पहले यहां जान लेते हैं कि खस की घास वाला और हनीकॉम्ब कूलिंग पैड क्या हैं, साथ ही यह दोनों कैसे काम करते हैं।
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खस की घास वाला कूलिंग पैड, जिसे घास वाला कूलिंग पैड भी कहा जाता है। दरअसल, खस की घास को नेचुरल तरह से ठंडक देने वाली सुगंधित घास माना जाता है। इसका इस्तेमाल दशकों से कूलर में किया जा रहा है। खस की घास पानी को सोखती और फिर धीरे-धीरे एवापोरेट या वाष्पित करती है। इसकी वजह से ठंडी और भीनी-भीनी खुशबू वाली कूलर की हवा मिलती है।
खस की घास वाले कूलिंग पैड्स पारंपरिक हैं, तो वहीं हनीकॉम्ब पैड्स को नई तकनीक के साथ तैयार किया जाता है। इसकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते की तरह होती है। यही वजह है कि इसका नाम हनीकॉम्ब रखा गया है। हनीकॉम्ब कूलिंड पैड सेलुलोस मटेरियल से तैयार होते हैं और ऐसा माना जाता है कि यह पानी को तेजी से सोखते हैं और लंबे समय तक ठंडक बनाकर रखने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, इन्हें ज्यादा टिकाऊ माना जाता है और इन्हें कम रखरखाव की जरूरत होती है।
आजकल हनीकॉम्ब कूलिंग पैड्स को ज्यादा फायदेमंद बताया जाता है। लेकिन, इसमें बड़े-बड़े छेद होते हैं जिसकी वजह से हवा ज्यादा ठंडी नहीं हो पाती है। वहीं, हनीकॉम्ब कूलिंग पैड्स की तुलना में खस की घास वाले पैड्स कूलर की हवा को ज्यादा ठंडा करने वाले माने जाते हैं। क्योंकि, यह नेचुरल रूप से नमी बनाकर रखती है और वातावरण को लंबे समय तक ठंडा रख सकती है। साथ ही, खस की घास से निकलने वाली हल्की खुशबू ताजगी का अहसास कराती है।
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हनीकॉम्ब पैड्स सिंथेटिक मैटेरियल के बने होते हैं, ऐसे में यह खस की घास वाले पैड्स से ज्यादा महंगे होते हैं। हनीकॉम्ब कूलिंग पैड्स की कीमत ऐसे तो अलग-अलग बाजार में अलग हो सकती है। लेकिन, ज्यादातर दुकानों पर इनकी कीमत 700 रुपये से लेकर 1400 रुपये के बीच हो सकती है। वहीं, खस की घास वाले पैड्स 80 से 200 रुपये के बीच मिल सकते हैं।
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