ना हुआ कन्यादान, न ही बिदाई, महिला पंडित द्वारा करवाई गई दीया मिर्जा की खास शादी

दीया मिर्जा की शादी में बहुत कुछ खास था जो अपने आप में महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है। जानें दीया की शादी को लेकर डिटेल्स। 

dia mirza and vaibhav rekhi ohere

कई बार हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे पड़ाव आते हैं जहां अपनों का साथ और विश्वास ही सबसे महत्वपूर्ण होता है और उसके अलावा कुछ साधारण सी बातें भी बहुत मायने रख सकती हैं। शादी भी जिंदगी का एक वही पड़ाव होता है जहां ये दिन हमारे साथ-साथ हमारे परिवार वालों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सभी अपनों के साथ के साथ अगर कुछ स्पेशल किया जाए तो बहुत अच्छा लगता है। एक्ट्रेस दीया मिर्जा और वैभव रेखी ने भी कुछ ऐसा ही किया। उन्होंने अपनी शादी को कुछ स्पेशल बना लिया।

जब भी शादी की बात होती है तो कन्यादान और बिदाई जैसी रस्मों के बारे में जरूर सोचा जाता है और पंडित को मंत्र पढ़ते हुए इमेजिन किया जाता है, लेकिन दीया मिर्जा की शादी में न तो कन्यादान था और न ही बिदाई। साथ ही साथ, उनकी शादी के मंत्र भी पंडित ने पढ़े थे। दीया मिर्जा की शादी कई मायनों में खास थी और हम आपको उनकी शादी से जुड़ी कुछ डिटेल्स बताते हैं।

वेडिंग वेन्यू है दीया के दिल के बहुत करीब-

दीया मिर्जा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होंने अपने वेडिंग वेन्यू और शादी से जुड़ी छोटी-छोटी बातों को बताया है। दीया ने बताया कि उनकी शादी उसी गार्डन में हुई है जहां पिछले 19 सालों से वो अपनी हर सुबह बिताती आई हैं। ये बात भी उनकी शादी को बहुत ही अन्तरंग और जादुई अहसास देती है। ये बहुत ही साधारण सी सेरेमनी थी और दीया को इसे लेकर बहुत खुशी हो रही है।

dia mirza vaibhav rekhi wedding announcement

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बिना प्लास्टिक या कचरे के हुई शादी-

दीया मिर्जा की शादी में जीरो प्लास्टिक पॉलिसी थी और इसकी जानकारी भी एक्ट्रेस ने खुद ही दी है। दीया का कहना था है कि उन्हें ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि उन्होंने बिना प्लास्टिक या कचरे के बहुत कम साज सजावट में सभी बायोडिग्रेडेबल और नेचुरल चीज़ों का इस्तेमाल कर अपनी शादी को स्पेशल बनाया है।

महिला पंडित द्वारा की गई सेरेमनी-

दीया मिर्जा की शादी की सेरेमनी महिला पंडित द्वारा की गई थी। दीया ने इसके पीछे की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा कि वो कभी महिला पंडित को शादी करवाते हुए इमेजिन नहीं कर सकती थीं जब तक उन्होंने अपने बचपन की सहेली अनन्या की शादी नहीं देखी थी। अनन्या ने दीया और वैभव को शादी के तोहफे में शीला अट्टा से मिलवाया जो उनकी आंटी हैं और साथ ही साथ एक पंडित भी हैं। शीला अट्टा ने ही दीया मिर्जा की शादी करवाई और साथ ही साथ इस सेरेमनी में दीया की सहेली भी बैठी थीं जिन्होंने कई घंटों की मेहनत के बाद शीला अट्टा के साथ श्लोक पढ़े।

दीया को इस तरह से शादी कर बहुत ही ज्यादा खुशी हो रही है और वो खुद को भाग्यशाली समझती हैं। दीया ने कहा कि वो चाहती हैं कि आगे भी कई जोड़े इस तरह की सोच रखें क्योंकि एक महिला प्यार, आदर, सद्भावना के साथ आगे बढ़ती है। वो एक महिला होती है जो अपनी इच्छाशक्ति, अपना ऐश्वर्य और अपनी शक्तियों को एक नई परिभाषा देती है और नई पहचान बनाती है।

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बिना कन्यादान और बिदाई के हुई दीया मिर्जा की शादी-

दीया मिर्जा की शादी बिना कन्यादान और बिदाई के हुई। ये उनकी इच्छा थी और इसे लेकर दीया कहा कहना है कि बदलाव हमारे एक चयन से ही आता है। हम ये चुन सकते हैं कि हमें क्या करना है।

यकीनन दीया मिर्जा की शादी कई मायनों में बाकी शादियों से अलग है और ये बताती है कि लोग कितना कुछ अपने अंदर ही बदल सकते हैं। दीया की शादी महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल भी है जहां महिलाओं को आगे रखा गया है और उन रस्मों को नहीं निभाया गया जहां लड़की को किसी वस्तु की तरह दान दिया जाता है। दीया मिर्जा को उनकी शादी पर बधाई।

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