Crib For Baby: अपने नवजात शिशु के लिए ला रहे हैं पालना, तो इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान

अगर आपके घर में भी एक नन्हा सा मेहमान आया है और आप उसके लिए पालना लेने जा रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके काम का साबित हो सकता है। 

Crib In East Side Of Room

Crib For Baby: बच्चे की अहमियत उसके माता पिता से अधिक और कोई नहीं समझ सकता है। यकीनन आप में से ऐसे बहुत से दंपत्ति होंगे जो या तो माता-पिता बनने वाले होंगे या बन चुके होंगे। पेरेंट्स के लिए अपने नवजात का पहला स्पर्श वो एहसास होता है जिसको शब्दों में बयां कर पाना संभव ही नहीं।

अपने न्यू बोर्न बेबी के लिए माता-पिता हर वो मुमकिन या नामुमकिन कोशिश करते हैं जिससे कि उनके बच्चे को किसी भी तरह की कोई तकलीफ न हो। पेरेंट्स की इन्हीं कोशिशों में से एक है अपने बच्चे की अच्छी नींद के लिए एक खुबसूरत का पालना। हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए घर में पालना जरूर लेकर आते हैं।

हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि बच्चे के जीवन में पालने का बहुत महत्व होता है। पालना सिर्फ आपके बच्चे को सुलाने या झूला झुलाने की वस्तु नहीं होती बल्कि पालने से जुड़े वास्तु और ज्योतिष नियम बच्चे पर ग्रह के प्रभाव को निर्धारित करते हैं।

सूर्य की रौशनी में रखें पालना (Where To Place Crib At Home)

crib vastu

  • एक नवजात शिशु के लिए धुप बहुत महत्व रखती है। डॉक्टर्स भी कहते हैं कि नए जन्मे बच्चे को सही और पूरे तरीके से धुप मिलनी चाहिए। क्योंकि यह उसके शारीरिक विकास में मदद करती है।
  • ऐसे में बच्चे का पालना खास तौर से सुबह के समय ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां उसे सुबह उठते के साथ ही धुप लगे। इससे आपके बच्चे के आस पास सकारत्मक ऊर्जा का संचार होगा।
  • साथ ही, सूर्य ग्रह का सकारत्मक प्रभाव भी आपके बच्चे के जीवन पर पड़ता रहेगा। सूर्य देव की कृपा आपके बच्चे पर बनी रहेगी। आपके बच्चे का व्यक्तित्व सूर्य के समान ही तेजवान बनेगा।

दीवार से दूरी पर रखें पालना (Crib In East Side Of Room)

crib ka vastu

  • अगर आपने अपने बच्चे के लिए पालने के बजाय एक बेड भी खरीदा है तब भी ध्यान रहे कि उसकी दिशा उत्तर पूर्व, उत्तर या पूर्व हो। इससे बच्चे के व्यक्तित्व में साहस की बढ़ौतरी होगी।
  • इसके साथ ही, अपने बच्चे के पालने को दीवार से 2 या 3 फीट की दूरी पर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि दीवार पर हर तरह के व्यक्ति का स्पर्श होता है जिससे दीवार में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जाएं समाई होती हैं।
  • ऐसे में अपने बच्चे को नकारात्मक ऊर्जा (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) के संपर्क में आने से बचाने के लिए पालने की दीवार से दूरी बनाकर रखना ही उचित माना गया है।

पालने में इस दिशा में करें बच्चे का सिर (Baby Head Direction In Crib)

vastu tips

  • अपने बच्चे को पालने में सुलाते वक्त उसका सिर दक्षिण (दक्षिण मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स) या पश्चिम दिशा की ओर करके सुलाएं।
  • अगर आप अपने बच्चे को मूविंग पालने में बाहर घुमाने ले जा रहे हैं तो उसे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर ही घुमाएं।
  • यह दिशा वायु तत्व से जुड़ी होती है। इस दिशा में बच्चे को घुमाने से उसकी श्वासन प्रणाली (ब्रीदिंग सिस्टम) मजबूत होती है।

ऐसा होना चाहिए पालने का रंग (Colour Of Crib)

crib ke vastu niyam

  • बच्चे का पालना खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें इसका रंग हल्का यानी कि ब्राइट हो।
  • ज्यादा गहरे यानी कि डार्क और चटक रंग बच्चे के दिमाग पर बुरा असर डाल सकते हैं।
  • गहरे रंगों का प्रभाव बच्चे की पर्सनालिटी को दबाने का काम करते हैं।
  • यहां तक कि बच्चे के खिलौने भी हल्के होने चाहिए।
  • भारी खिलौने बच्चे को बोझ पड़ने का एहसास कराते हैं।

तो ये थे नवजात शिशु के पालने से जुड़े कुछ जरूरी वास्तु नियम। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Pixabay

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