हमारे देश में गोरे रंग को सदियों से खूबसूरती का पर्याय माना जाता है। गोरे रंग की महिलाएं को हर जगह तारीफ मिलती है, वहीं सांवले रंग की महिलाएं बहुत काबिल होने के बावजूद उपेक्षा की शिकार होती हैं। एक ही परिवार में गोरे और सांवले रंग में भेद देखा जा सकता है। पेपर में बहू के लिए आने वाले विज्ञापनों में भी तमाम अन्य गुणों के साथ बहू के गोरा होने की इच्छा जताई जाती है। इन चीजों से साफ है कि देश में गोरे रंग को लेकर लोगों की सोच पुरातनवादी है, जिसे समय के साथ बदलने की जरूरत है। आयुष्मान खुराना की एक नई फिल्म 'बाला' की एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर भी गोरे रंग के लिए इसी फिक्सेशन की वजह से कंट्रोवर्सी की शिकार हो गई हैं। दरअसल भूमि पेडनेकर मूल रूप से गोरी हैं, जबकि इस फिल्म में निभाए किरदार के लिए उन्हें मेकअप के जरिए डार्क दिखाया गया है। फिल्म 'बाला' में भूमि पेडनेकर के इस लुक को लेकर ट्विटर पर काफी विरोध जताया गया है। आइए जानते हैं इस कंट्रोवर्सी के बारे में-
भूमि पेडनेकर को एक्ट्रेस बनाए जाने पर उठे सवाल
भूमि पेडनेकर बॉलीवुड की टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं, वह फिल्मों में निभाए अपने किरदार के साथ न्याय करने की कोशिश करती हैं। दम लगा के हइशा, टॉइलेट, शुभ मंगल सावधान, लस्ट स्टोरीज, सोन चिरैया में भूमि की एक्टिंग की जितनी तारीफ की जाए कम है। लेकिन फिल्म 'बाला' में भूमि पेडनेकर को लिए जाने पर उठाए गए सवालों की वजह है उनका गोरा कॉम्प्लेक्शन। इस फिल्म के ट्रेलर में उनका जो लुक दिखाया गया है, उसमें भूमि अपने वास्तविक रंग से 2-3 टोन डार्क दिख रही हैं। दर्शकों को उनका यह लुक अखर रहा है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बात को लेकर हैरानी जताई है कि जब बॉलीवुड में नंदिता दास, बिपाशा बसु, प्रियंका चोपड़ा, कोंकणा सेन शर्मा जैसे डार्क कॉम्प्लेक्शन वाली टैलेंटेड एक्ट्रेसेस मौजूद हैं, तो उन्हें रोल दिए जाने के बजाय गोरे कॉम्प्लेक्शन वाली एक्ट्रेस ये रोल क्यों निभा रही हैं।
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'ब्राउन फेस' के लिए हो रही है आलोचना
19वीं और 20वीं सदी में गोरी स्किन वाले थिएटर आर्टिस्ट जब अफ्रीकी अमेरिकी किरदार निभाते थे, तो अक्सर वे डार्क दिखने के लिए वैसा ही मेकअप करा लेते थे। लेकिन जागरूकता बढ़ने पर लोगों ने इसका विरोध किया, क्योंकि यह चीज डार्क स्किन वाले लोगों की बेइज्जती करने वाली मानी गई, इसीलिए बाद में इस प्रैक्टिस को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। डार्क मेकअप करने पर एक्टर्स को 'ब्लैक फेस' कहकर उनकी आलोचना की जाती थी और इसी से जोड़कर भूमि पेड़नेकर के लुक को 'ब्राउन फेस' कह कर उनके डार्क मेकअप और फिल्म में उनकी कास्टिंग की आलोचना की गई। जब भूमि पेडनेकर ने फिल्म में अपने लुक को लेकर ट्वीट किया तो बहुत से ट्विटर यूजर्स ने फेयर स्किन को लेकर स्टीरियोटाइप सोच पर सवाल उठाए और रंग भेद को छोड़कर प्रगतिशील रवैया अपनाए जाने की वकालत की।
ट्विटर यूजर्स ने जताई नाराजगी
ट्विटर पर लोगों ने भूमि पेडनेकर के लुक पर नाराजगी जताने के साथ अपने विचारों से जाहिर किया है कि डार्क कॉम्पेलक्शन को लेकर पुरातन सोच अब नहीं चलेगी और डार्क स्किन वालों के लिए समाज को संवेदनशील होने की जरूरत है।
brown facing is disrespectful to dark skinned people. is it that hard to find an actual dark skinned actress for this role?? the hypocrisy jumped out.
— kinshu (@yooongayy) October 11, 2019
Y'all are either constantly endorsing fairness creams or putting on tons of dark makeup to make some dumb point there's no in between. When will yall learn that there are real living dark skinned girls who're pretty af and mich better suited for roles like this
— Anjali 🏳️🌈💜 | Jimin💜 (@ARavenclaw28) October 11, 2019
When will Bollywood grow up and own up to it's mistakes? Isnt it better to cast a dusky-skinned talented girl who'll suit the role instead of finding a lighter skin toned girl and dump darker make up on her?
— Ruth ரூத் (@Ruthstweets) October 11, 2019
So bollywood is trying to make a statement about India's obsession with fair skin by casting a fair skin woman to play a darker one?
— Ekta Chauhan (@ekta2993) October 10, 2019
Also! My God that makeup is bad! No dark person looks like that! They are beautiful
आयुष्मान खुराना फिल्म में दिख रहे हैं बिल्कुल अलग
फिल्म 'बाला' मूल रूप से आयुष्मान खुराना के किरदार के इर्दगिर्द घूमती है, जो अपने झड़ते बालों से परेशान है। इस फिल्म में आयुष्मान का बाल्ड लुक समाज काफी रियलिस्टिक लगता है। उन्होंने इस किरदार के जरिए ऐसे पुरुषों की सोच जाहिर की है, जो बाल झड़ जाने की पीड़ा से गुजरते हैं और तनाव में रहते हैं। आयुष्मान खुराना ने अब तक ज्यादातर फिल्में लीक से हटकर की है।
उनकी हालिया फिल्म 'ड्रीम गर्ल', जिसमें उन्होंने कॉलसेंटर में काम करने वाले एक लड़के की भूमिका निभाई थी, अपने अलग विषय और लोगोंं के बीच बढ़ने अकेलेपन पर फोक्सड थी। इसी तरह उनकी फिल्म 'बधाई हो' में भी उम्रदराज कपल के रिलेशन्स को नई तरीके से परिभाषित करने की कोशिश की गई और यह फिल्म सुपरहिट रही थी। लेकिन आयुष्मान खुराना के बाला में इस लुक पर चर्चा होने के बजाय पूरी अटेंशन भूमि पेडनेकर के लुक पर चली गई और फिल्म अपनी कंट्रोवर्सी की वजह से खबरों में बनी हुई है।
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डार्क स्किन पर सवाल उठाती है फिल्म
फिल्म 'बाला' में डार्क स्किन के लिए लोगों की अलग सोच भी दर्शाई गई है। फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए एक सीन में आयुष्मान खुराना भूमि से गोरे रंग की अहमियत बताते नजर आ रहे हैं।। लेकिन इस विषय को उठाने जाने के लिए डार्क स्किन की एक्ट्रेस लेने के बजाय गोरी एक्ट्रेस को डार्क लुक में दिखाने पर सवाल उठना लाजमी है। भले ही यह फिल्म कंट्रोवर्सी में घिरी हो, लेकिन लोगों में बढ़ती जागरूकता और रंगभेद पर सवाल उठाने जाने वाला प्रगतिशील नजरिया महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
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