हर घर का एक मुख्य द्वार होता है, जहां से सिर्फ घर के सदस्य ही नहीं, बल्कि सकारात्मकता भी घर में प्रवेश करती है। इसलिए, सिर्फ घर के भीतर ही नहीं, बल्कि मुख्य द्वार के वास्तु का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक होता है। वैसे भी आपके मुख्य द्वार को देखकर लोग घर की स्थिति व घर के सदस्यों के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगा लेते हैं। अमूमन लोग अपने मुख्य द्वार को सजाने के लिए रेथ से लेकर अन्य कई तरह की आइटम्स का इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, मुख्य द्वार के रंग का एक गहरा प्रभाव व्यक्ति के घर व जीवन पर पड़ता है। कुछ लोग किसी भी कलर से अपने घर के मुख्य द्वार को पेंट कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में दिशाओं के अनुसार मुख्य द्वार को कलर करवाने की सलाह दी जाती है, इससे घर की नकारात्मकता भी दूर होती है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको मुख्य द्वार के कलर से जुड़े कुछ वास्तु नियमों के बारे में बता रहे हैं-
अगर उत्तरमुखी हो भवन
अगर आप अपने घर के बॉउंड्री वॉल पर मुख्य द्वार लगा रहे हैं और आपका भवन उत्तरमुखी है तो आप मुख्य द्वार के लिए नीले रंग का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप ब्लू कलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं तो ऐसे में आप हल्का येलो या फिर हरे रंग का इस्तेमाल करने पर भी विचार कर सकती हैं।(उत्तर मुखी घर में न रखें ये चीजें)
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अगर पूर्वमुखी हो भवन
इसी तरह, अगर आपका भवन पूर्वमुखी है तो वहां पर मुख्य द्वार को कलर करवाते समय हल्का पीला या हल्का हरा रंग का प्रयोग किया जा सकता है। पूर्व दिशा में पीले रंग का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा माना जाता है। इससे घर में खुशियों का संचार होता है।
अगर दक्षिणमुखी हो भवन
अगर आपके घर की दिशा दक्षिणमुखी है तो ऐसे में आप लाल, मैरून, गहरा पीला या फिर ऑरेंज कलर को मुख्य द्वार पर इस्तेमाल कर सकती है। इस दिशा के भवन के लिए इन रंगों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है और घर के लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।(दक्षिण मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स)
अगर पश्चिममुखी हो भवन
अगर आप घर या गेट पश्चिममुखी है, तो वहां पर मुख्य द्वार पर मैटेलिक कलर्स का इस्तेमाल करने पर विचार करें। आजकल मार्केट में गोल्डन व सिल्वर कलर के पेंट भी अवेलेबल हैं, आप उन रंगों का इस्तेमाल अपने पश्चिममुखी भवन के मुख्य द्वार पर करें।
अन्य जरूरी बातें
- अगर आप अपने मुख्य द्वार को ब्लैक कलर से पेंट करना चाहती हैं तो आप उसे पश्चिममुखी भवन के लोहे के गेट पर कर सकती हैं। आप उत्तर-पश्चिम के कोने के गेट पर भी इस कलर को लगाया जा सकता है।
- यदि उत्तर-पूर्व के कोने में आपका मेन गेट है तो आपको आवश्यक रूप से वहां पर नीले कलर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसी तरह, अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पूर्व अर्थात् आग्नेय कोण में हैं तो आपको वहां पर मैरून या गहरा लाल रंग ही यूज करना चाहिए।(घर में येलो कलर करते समय वास्तु नियमों)
- वहीं, जिन लोगों के घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम में है, तो वहां पर ब्राउन कलर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। इससे राहू-केतु का प्रभाव व नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है और घर के बच्चों को अपना करियर बनाने में मदद मिलती है।
- यदि आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम अर्थात् वायु कोण में हैं तो आप वहां पर मेटल का कोई कलर जैसे सिल्वर, ब्रॉन्ज या गोल्डन कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दिशा में ग्रे कलर भी पेंट किया जा सकता है। इससे व्यक्ति का समाज में सम्मान बढ़ता है।
तो अब आप जब भी अपने घर के मुख्य द्वार को कलर करवाएं तो वास्तु के इन नियमों का ख्याल अवश्य रखें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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Image Credit- freepik
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