जब मौसम बदलता है, तो हम अपने घर में भी बदलाव करते हैं। आमतौर पर, गर्मी के मौसम में घरों में लाइट व थोड़े ब्राइट कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं रंगों में से एक है पीला कलर। यह देखने में बेहद ही खूबसूरत लगता है और आपके मूड को भी अच्छा बनाता है। लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि आप इससे अपने घर के किसी भी कोने में पेंट कर दें।
आपको यह समझना चाहिए कि रंगों का अपना संसार है और इनका एक अपना प्रभाव होता है। अगर किसी भी रंग को उसकी सही दिशा में इस्तेमाल किया जाता है, तो वह जीवन में सकारात्मकता लेकर आते हैं। वहीं दूसरी ओर, अगर इन्हें विपरीत दिशाओं में इस्तेमाल किया जाता है, तो वह नुकसान भी कर सकते हैं। यही नियम पीले रंग पर भी लागू होता है। पीला रंग एक बेसिक कलर है और वास्तु के अनुरूप इसका इस्तेमाल करने से आप इसका पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि पीले रंग को घर में इस्तेमाल करते समय वास्तु के किन नियमों का ख्याल रखना चाहिए-
पीले रंग का घर में इस्तेमाल करना बेहद ही लाभकारी होता है। यह एक बेसिक कलर है, जो शुभता का प्रतीक है। शुभ अवसरों पर किए जाने वाले माथे पर तिलक से लेकर शादी में हल्दी की रस्म तक पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, उगते हुए सूरज का रंग भी पीला होता है, जो जीवन में एक नया दिन, नया उत्साह व उमंग लेकर आता है। इस तरह, अपने घर में शुभता का संचार करने के लिए पीले रंग का इस्तेमाल करना एक अच्छा विचार हो सकता है।
अगर आप अपने घर की पूर्व की दीवार की खूबसूरती को और भी अधिक बढ़ाना चाहते हैं, तो ऐसे में पूर्व की दीवार पर पीले रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप वहां पर बहुत अधिक गहरे पीले रंग का इस्तेमाल ना करें और सिर्फ पीले रंग का ही यूज करने से बचें। आप वहां पर डबल टोन कलर करने का प्रयास करें। ध्यान दें कि एक अकेला रंग मोनोटोनी लेकर आता है। इसके साथ आप ग्रीन, व्हाइट व ब्लू भी कर सकते हैं।
हर रंग की अपनी एक दिशा और स्वामी होता है। पीले रंग का स्वामी गुरू अर्थात बृहस्पति है। यह आपको ज्ञान व बुद्धि प्रदान करता है। पीले रंग से मैक्सिमम लाभ उठाने के लिए इसे नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर पूर्व दिशा अर्थात् ईशान कोण में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यहां पर भी आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप सिर्फ और सिर्फ पीले रंग का ही इस्तेमाल ना करें। बता दें कि अगर ईशान कोण में पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसे सुख-समृद्धि व मन को शांति मिलती है। (पूजा स्थान पर इन रंगों का इस्तेमाल न करें)
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अगर आप बिना वजह टेंशन में रहते हैं, तो ऐसे में आपको अपने कमरे में भी पीले रंग का इस्तेमाल करने से मन को शांति व खुशी मिलेगी। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आप इसे कमरे में पेंट करके ही इस्तेमाल करें। अगर आप चाहें तो बेडशीट, टॉवल, या फिर येलो कलर के फूलों के चित्र को भी कमरे में इस्तेमाल कर सकते हैं और इस तरह पीले रंग को अपने घर व जीवन में जगह दे सकते हैं। (किचन में वास्तु के अनुसार कराएं ये कलर)
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अगर आपके घर में कोई शुभ अवयर या फिर कोई खास प्रसंग है, तो ऐसे में घर में मुख्य द्वार पर दोनों तरफ हल्दी का स्वास्तिक बनाया जा सकात है। इससे आपके घर में शुभता का संचार होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
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