किसी के भी जीवन में शादी एक बहुत बड़ा पड़ाव होता है। शादी करना भी अपने आप में एक इन्वेस्टमेंट माना जाता है। शादी में लाखों का खर्च होता है। थोड़ा भी चूक होने पर लाखों का नुकसान हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि शादी से पहले वेडिंग इंश्योरेंस कराया जाए। ताकि आग, चोरी आदि के नुकसान से बचा जा सकता है। वेडिंग इंश्योरेंस क्लेम करने का पूरा प्रॉसेस क्या है जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकेल।
शादी में मिलने वाली बीमा के फायदे और इसे क्लेम करने की प्रक्रिया
शादी एक जीवन भर का यादगार पल होता है, लेकिन कभी-कभी अचानक ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जो आपके इस खास दिन को खराब कर सकती हैं। ऐसी हालत से निपटने के लिए, शादी का बीमा होना फाइनेंनशियल सिक्योरिटी होता है।
अगर आपको याद हो, शाहिद कपूर और अमृता राव की एक फिल्म "विवाह" जो 2006 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म सूरज बड़जात्या द्वारा निर्मित की गई थी। फिल्म की कहानी एक मध्यवर्गीय परिवार की बेटी पूनम यानी अमृता राव की शादी के इर्द-गिर्द घूमती है। पूनम घरेलू लड़की होती है, जिसकी शादी एक अमीर व्यापारी के बेटे प्रेम यानी शाहिद कपूर से तय होती है।
इस फिल्म के आखिर में शादी के दौरान घर में आग लग जाती है, जिसमें पूनम यानी अमृता राव इंजर्ड हो जाती है। आग लगने से घर में रखे सारे सामान जल के राख हो जाते हैं। चुकि, यह एक रचित फिल्म है, ऐसे हादसे अक्सर शादी के घरों में हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपने शादी के लिए इंशोरेंस ले रखा है, तो ये आपके लिए किसी भी हादसे या घटनाओं का सामना करने में मदद करेगा।
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शादी के बीमा के फायदे:
- शादी के बीमा से आपको अचानक आए खर्च, जैसे कि कैंसिलेशन, पोस्टपोन, सामान सप्लाई करने वालों की विफलता, मेहमानों के साथ दुर्घटना या चिकित्सा आपात स्थिति आदि के लिए फाइनेंनशियल सिक्योरिटी मिलती है।
- शादी के बीमा से आप परेशान होना या खतरे से आजादी मिलती है। आप इस खास दिन को बिना किसी चिंता के पूरी तरह से एंज्वाय कर सकते हैं।
- इवेंट रद्द होना या उसमें रुकावट आना, वेन्यू पर नुकसान होना, शादी में आए लोगों का एक्सीडेंट, आग लगना, भूकंप आ जाना या फिर चोरी होने की स्थिती में बीमा सहायक होती है। इसका प्रीमियम शादी के खर्चे का दो प्रतिशत होता है।
- शादी के बीमा से आपको फाइनेंनशियल स्पोर्ट होता है, जिससे आप किसी भी तरह के खर्च को आसानी से क्लेम कर सकते हैं।
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शादी का बीमा क्लेम करने की प्रक्रिया:
- किसी भी बीमा पॉलिसी की क्लेम प्रक्रिया अलग-अलग होती है। इसलिए, यह जरूरी होता है कि आप अपनी पॉलिसी के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और क्लेम प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। बीमा दो साल के अंतराल तक होती है।
- किसी भी घटना के होने पर तुरंत अपनी बीमा कंपनी को सूचित करें। देरी से सूचना देने से आपका क्लेम अस्वीकार हो सकता है। इसलिए, शादी के सात दिन में हुई किसी भी ऐसी घटना को 30 दिन के अंदर ही क्लेम किया जा सकता है।
- क्लेम फॉर्म भरें और सभी दस्तावेज जैसे कि पुलिस रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट, शादी कैंसिल करने का नोटिस आदि जमा करें। अगर जरूरी हो, तो बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए इंस्पेक्टर से मदद ले सकते हैं। बीमा कंपनी की क्लेम प्रक्रिया का पालन करें और सभी जानकारी दें।
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