मौन रहने के ज्योतिषीय लाभ सुन चौंक जाएंगे आप

मौन रहना सिर्फ वैज्ञानिक तौर पर ही नहीं बल्कि अध्यात्मिक तौर पर भी कई लाभ पहुंचाता है। वहीं, ज्योतिष में मौन रहने के चौंका देने वाले लाभ बताए गए हैं। 

keeping silent benefits

Maun Rehne Ke Labh: हिन्दू धर्म में मौन व्रत का वर्णन मिलता है। मौन व्रत रखने से न सिर्फ मन की शुद्धि होती है बल्कि कई अन्य लाभ भी मिलते हैं। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें मौन रहने के कई ज्योतिषीय लाभ बताये जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

बढ़ती है वाक शक्ति

मौन रहने से विचारों और शब्दों पर आप ध्यान दे पाते हैं और इस कारण से आप जो भी बोलते हैं वो एक दम सटीक निकलता है। मौन रहने से मन के विचारों को हम नियंत्रित कर पाते हैं। मौन रहने से सामने वाले व्यक्ति की कुटिलता भी स्पष्ट दिखाई देती है।

मिलती है आंतरिक शांति

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मौन रहने के कारण कुछ समय के लिए हम हमारे आसपास हो रहे शोर से दूर हो जाते हैं जिसकी वजह से नकारात्मकता (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) छटने लगती है और मन में शांति और सकारात्मक विचारों का संचार होता है। साथ ही, तनाव भी दूर होने लगता है।

होता है क्रोध पर नियंत्रण

आप जितना खुद को मौन रखेंगे उतना ही आपका आपके क्रोध पर नियंत्रण रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण होने से आप बहुत सोच-समझकर समस्या का हल निकाल पाएंगे और व्यवहार पर हावी होते क्रोध से आप छुटकारा पा सकेंगे।

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बचती है ऊर्जा

मौन रहने से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा बचती है जिससे आप उसका प्रयोग बाद में सही जगह और सही परिस्थिति के दौरान कर पाते हैं। साथ ही, यह ऊर्जा आपके अंदर आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देती है।

झुकते हैं लोग

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मौन रहना आसान नहीं होता है। लेकिन जी भी व्यक्ति मौन को अपना हथियार बनाकर स्थिति के समक्ष समझदारी से अपने कदम उठाता है उसके आगे हर कोई नतमस्तक होता है। सब इस कला के आगे झुकते हैं।

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ये भी हैं अन्य लाभ

मान्यता है कि रोजाना कुछ समय के लिए मौन व्रत धारण कर अपने इष्ट देव यानी कि आप जिन भी भगवान को पूजते हैं उनके सामने बैठते हैं तो इससे आपका भाग्य प्रबल बनता है और साथ ही बुद्धि, बल और आध्यात्म में वृद्धि होती है। इसके अलावा, मौन व्रत रखने का एक लाभ यह भी है कि इससे ग्रह (ग्रह शांति के उपाय) मजबूत होते हैं।

यानी कि जब हम बोलते हैं तो जरूरी नहीं कि हमेशा अच्छा ही बोलें, कभी-कभार गलत भी बोलते हैं जिससे वाणी दोष लगता है। मौन व्रत इस वाणी दोष को दूर करता है और वानिन्दोश के कारण ग्रहों का पड़ने वाला दुष्प्रभाव भोई दूर हो जाता है। इसलिए पौराणिक काल में मौन व्रत को इतना महत्व दिया जाता था।

तो ये थे मौन रहने के ज्योतिषीय लाभ। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock

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