वह शक्ति का प्रतीक हैं,
बुराइयों से लड़ती हैं,
कई नामों से जानी जाती हैं।
हम मां दुर्गा की बात कर रहे हैं जो आदि-शक्ति का प्रकट रूप हैंं। उन्हें कई नामों से याद किया जाता है और मन से पूजा करने वाले भक्त को आजीवन सुख और धन की प्राप्ति होती है। दुर्गा मां अपने भक्तों के साथ वैसा ही व्यवहार करती है जैसे एक मां अपने बच्चों के साथ करती हैंं। वह प्यार से देखभाल करती हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर वह गुस्सा भी हो जाती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं में मां दुर्गा को भयभीत योद्धा की तरह राक्षस महिषासुर के वध के रूप में याद किया जाता है।
देवी दुर्गा को हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली देवताओं में से माना जाता है। वह देवी या शक्ति के नाम से भी जानी जाती हैंं जिसका हिंदी में अर्थ 'महिला' और 'शक्ति' है। संस्कृत में दुर्गा शब्द का अर्थ है 'शक्तिशाली' जो इस तथ्य का प्रतीक है कि देवी दुर्गा शक्ति और नारीत्व का प्रतीक हैं। साथ ही देवी दुर्गा को दुर्गति नाशिनी के रूप में संदर्भित किया जाता है जो दुख को दूर करने वाली होती हैंं। मां दुर्गा का सिर्फ नाम लेने से नकारात्मक शक्तियां और दोष जैसे अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, क्रोध, लालच और स्वार्थ भाग जाते हैं। देवी दुर्गा अपने भक्तों को शक्ति, धैर्य और ऐसे कई गुणों के साथ आशीर्वाद देती हैं, लेकिन वह उन चीजों को भी नष्ट करती हैं जिन्हें नष्ट करने की आवश्यकता होती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि या किसी भी अन्य शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना उत्तम माना गया है।
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के फायदे
मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए हर किसी को हर रोज या फिर विशेष रूप से नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। अगर कोई दुर्गा चालीसा का पाठ पूरे मन से करता है तो उसके जीवन में समृद्धि और शांति के लिए दिव्य आशीर्वाद का आह्वान होना निश्चित है। मां दुर्गा की पूजा चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है। अगर आप मां दुर्गा को प्रसन्न करना चाहती हैं तो श्री दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना करें।
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मन होता है शांत
जो व्यक्ति प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करता है वह अपनी सफलता के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम होता है। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक खुशी मिलती है। चालीसा के कंपन से भक्त का मन पॉजिटीव विचारों से भर जाता है जिससे मन शांत हो जाता है। अगर आप अपने मन को शांत करना चाहती हैं तो रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
एनर्जी से भरपूर करता है पाठ
व्यक्ति को अधिक उत्साही महसूस होता है और खुद को आध्यात्मिक एनर्जी में भिगा हुआ पाता है। जी हां रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप के शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और इसके साथ ही दुश्मनों से निपटने और उन्हें हराने की क्षमता भी विकसित होती है। इसके अलावा इससे आप जुनून, निराशा, आशा, वासना और अन्य जैसे भावनाओं का सामना करने के लिए मानसिक शक्ति भी विकसित कर सकते हैं।
दुख होते हैं दूर
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप अपने परिवार को वित्तीय नुकसान, संकट और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचा सकती हैं। जी हां भक्त की श्रद्धा से खुश होकर मां दुर्गा धन, ज्ञान और समृद्धि का वरदान देती हैं और यह सभी चीजें उनके घर में स्थायी निवासी होंगे। इसके अलावा यह बुरी नजर को दूर करने का सर्वोपरि उपाय है।
कष्टों का करता है नाश
दुर्गा चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से विभिन्न घातक रोग ठीक हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति लंबे समय तक जीवित रहेगा और इसलिए उसके प्रियजन भी उसके साथ रहेंगे।
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जीवन की उथल-पुथल होती है दूर
दुर्गा चालीसा मानव जीवन में कई अन्य उथल-पुथल का एकतरफा समाधान है। अगर आप दुर्गा चालीसा के प्रति समर्पित हैं तो आपको अपने सांसारिक में काफी पॉजिटीव बदलाव देखने को मिलेंगे। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपके द्वारा खोई गई सामाजिक स्थिति को एक फिर से स्थापित कर सकती हैं।
दुर्गा चालीसा का विशेष महत्व है और किसी भी मनोकामना की पूर्ति हेतु दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना जरूर करें। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां आसानी से प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर खूब कृपा बरसाती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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