Dakshin Disha Mein Diya Jalane Ke Labh: हिन्दू धर्म में दीया जलाने का बहुत महत्व माना जाता है। दीया जलाने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। जहां एक ओर पूजा-पाठ के दौरान दीया जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
वहीं, पूजा-पाठ से अलग शाम के समय दीया जलाना और भी अधिक शुभ माना जाता है। अगर दीया जलाते समय दिशा का ध्यान रखा जाए तो यह श्रेष्ठ होता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हर दिशा में दीया जलाने से अलग-अलग लाभ होते हैं।
ऐसे में आइये जानते हैं कि दक्षिण दिशा में दीया जलाने के क्या लाभ हैं और क्या है इसके पीछे का महत्व। साथ ही, एक्सपर्ट से यह भी जानेंगे कि दक्षिण दिशा के ग्रह स्वामी कौन हैं एवं इस दिशा में कौन से देवता स्थापित हैं। दीया जलाने के नियमों पर भी बात करेंगे।
हर दिशा के अपने एक ग्रह स्वामी होते हैं। ठीक ऐसे ही दक्षिण दिशा (दक्षिण दिशा में रखें ये चीजें) के ग्रह स्वामी मंगल हैं।
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दक्षिण दिशा के देवता यमराज माने जाते हैं। इसी कारण से दक्षिण दिशा को मृत्यु की दिशा माना गया है।
दक्षिण दिशा में हमेशा आटे का दीपक जलाना चाहिए लेकिन आटे के दीपक में दो मुखी बत्ती रखनी चाहिए।
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आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों दक्षिण दिशा में दीया जलाना चाहिए और क्या है उसका महत्व एवं उससे मिलने वाले लाभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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