Badlapur School News Updates: स्कूल यानी विद्या का मंदिर...बचपन में पूरे भरोसे के साथ हमारे माता-पिता हमें स्कूल भेजा करते थे कि वहां हमें अच्छी शिक्षा मिलेगी और हम वहां सुरक्षित भी हैं। आज भी माता-पिता पूरे भरोसे के साथ अपने जिगर के टुकड़ों को स्कूल भेजते हैं। लेकिन, महाराष्ट्र के बदलापुर में नर्सरी की छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के बाद, यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अब 'विद्या के मंदिर' में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। मुंबई से सटे महाराष्ट्र के ठाणे शहर के बदलापुर में एक बड़े स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ है। इस घटना को लेकर अभिभावक रोष में हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले भी कुछ स्कूलों से इस तरह के मामले सामने आए हैं। चलिए, आपको बताते हैं क्या है यह पूरा मामला।
महाराष्ट्र के बदलापुर में नर्सरी की छात्राओं के साथ स्कूल में यौन उत्पीड़न
बदलापुर में एक स्कूल के बाथरूम में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस घटना के विरोध में अभिभावक सड़कों पर हैं और अभिभावक व स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। लोग स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह मामला पिछले हफ्ते का है। लेकिन, स्कूल की तरफ से इस पर संज्ञान लेने में लापरवाही बरती जा रही है। इसे लेकर पेरेंट्स में आक्रोश है। स्कूल के सफाईकर्मी पर बाथरूम में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। स्कूल में हुई इस घटना और घटना के बाद स्कूल मैनेजमेंट के ठोस एक्शन न लेने के कारण, पैरेंट्स का गुस्सा फटा है। इस घटना में 23 साल के पुरुष सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के बारे में पैरेंट्स को तब पता चला, जब इनमें से एक बच्ची ने अपने घर पर इस बारे में जानकारी दी। इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटना के खिलाफ जारी है रेल रोको आंदोलन और प्रदर्शन
इस घटना को लेकर पैरेंट्स स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही, रेल रोको आंदोलन भी किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के साथ हुई लापरवाही और बच्चियों के साथ हुई घटना को लेकर स्कूल के हल्के रवैये को लेकर पैरेंट्स में नाराजगी है। स्टेशन पर लोगों की भीड़ जुटी हुई है और वे ट्रेन रोक रहे हैं। इससे पहले स्कूल में भी तोड़-फोड़ की गई है। अभिभावकों के कड़े विरोध और प्रदर्शन के बाद, स्कूल के प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेट को निलंबित कर दिया है। साथ ही, रिपोर्ट लिखने में देरी को लेकर, एक पुलिस अधिकारी का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में पुलिस अधिकारी के भी निलंबन का जिक्र है। यौन उत्पीड़न मामले में शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आश्वासन दिया है।
पहले भी स्कूल में सामने आ चुके हैं यौन उत्पीड़न के मामले
यह पहली बार नहीं है जब किसी स्कूल में इस तरह बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। साल 2023 में दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में 12 और 13 साल के छात्रों का, स्कूल के अन्य छात्रों द्वारा यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। इससे पहले ग्वालियर में एक नाबालिग छात्रा के साथ इसी तरह की घटना सामने आई थी। रेवाड़ी के सरकारी स्कूल में भी छात्राओं के यौन शोषण के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे और भी कई मामले बेशक होंगे, जो न्यूजपेपर के पन्नों तक सिमट कर रह गए होंगे या शायद बच्चे अपने साथ हुई इन घटनाओं के बारे में भी खुलकर बता ही न पाए हों। इन घटनाओं के बाद ऐसा लगता है मानो विद्या के मंदिर में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं।
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कोलकाता डॉक्टर के साथ रेप और हत्या हो या स्कूल के बच्चियों संग यौन शोषण, इस तरह की खबरें वाकई बेहद दुखद हैं और समाज की सोच पर भी सवालिया निशान लगाती हैं, आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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