Mathura Temple: इस मंदिर के चमत्कार ने जगाई थी औरंगजेब की आस्था

आज हम आपको मथुरा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके आगे औरंगजेब और उसकी पूरी सेना झुकने को मजबूर हो गई थी।   

balram mandir

Mathura Temple: इतिहास के पन्नों में एक ऐसा भी किस्सा मिलता है जिसका अपना एक धार्मिक महत्व है। औरंगजेब को एक क्रूर राजा के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि औरंगजेब ने कई मंदिरों को ध्वस्त किया था।

ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने कुछ क्षणों के लिए ही सही लेकिन इतिहास में बदलाव ला दिया था जो किसी की भी सोच से परे है। ये किस्सा है औरंगजेब जैसे राजा के नतमस्तक होने का जिसने कभी किसी के आगे अपना सिर नहीं झुकाया।

हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स ने हमें इस दिलचस्प और भाव विभोर कर देने वाली घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हमें बताया कि कैसे मथुरा के राजा श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जिन्हें समस्त ब्रजवासी लाड़ में बलदाऊ कहते हैं, उन्होंने औरंगजेब की अकल ठिकाने लगाई थी।

औरंगजेब ने सुनाया फरमान

aurangzeb

  • एक समय की बात है जब मुगल सम्राट औरंगजेब ने गद्दी संभाली थी। शासन हाथ में आते ही औरंगजेब का सबसे पहला फरमान था हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का। औरंगजेब के राज में कई हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त किया जाने लगा।
  • तभी औरंगजेब की नजर धर्म स्थल के प्रमुखस्थान माने जाने वाले काशी और मथुरा पर पड़ी। औरंगजेब ने मथुरा और काशी के सभी मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए अपनी सेना को कूच करने का आदेश दिया। जिसके बाद सेना पूरी तैयारी से निकल पड़ी।
  • माना जाता है कि जहां औरंगजेब की सेना की एक टुकड़ी ने काशी में प्रवेश किया तो वहीं दूसरी टुकड़ी ने मथुरा में। धीरे-धीरे कर एक-एक मंदिर को तोड़ा जाने लगा और जब काम संपन्न हुआ तो सेना लौट आई।

औरंगजेब की सेना का हुआ बुरा हाल

balram temple in vrindavan

  • बात यहां खत्म नहीं हुई, दरअसल किसी ने औरंगजेब को इस बात की सूचना पहुंचाई कि मथुरा में स्थित दाऊ जी का मंदिर बेहद विशाल है और पूरे मथुरा-वृंदावन के मंदिरों को मिलाकर जितना स्वर्ण औरंगजेब ने पाया है उससे 100 गुना ज्यादा खजाना इस मंदिर में मौजूद है।
  • यह बात सुन औरंगजेब ने फौरन अपनी सेना को मथुरा के दाउजी मंदिर की ओर प्रस्थान करने को कहा। सेना आगरा से निकली तो सही लेकिन दाउजी मंदिर तक पहुंच नहीं पाई।
  • सेना के आगरा से निकलते ही जंगली जानवरों और भवरों ने सेना पर आक्रमण कर दिया था। जब सेना ने यह बात औरंगजेब को बताई तो उसे इस पर विश्वास नहीं हुआ और उसने तय किया कि वह खुद सेना के साथ दाउजी मंदिर का सोना (सोना रखने के वास्तु नियम) लूटने और मंदिर को तोड़ने जाएगा।

औरंगजेब ने दाउजी से मानी हार

balram temple in mathura

  • इतिहासकारों, दाउजी मंदिर के पुजारी और हमारे एक्सपर्ट के मुताबिक, जब औरंगजेब आगरा से मथुरा के लिए निकला तब बीच में ही भयंकर पशुओं ने उन पर धावा बोल दिया जिसके बाद औरंगजेब अपनी सेना समेत अपने महल लौट गया।
  • बताया जाता है कि इस घटने के बाद भी औरंगजेब ने 3 बार मथुरा पर चढ़ाई की कोशिश की थी लकिन वह सफल नहीं हो सका। औरंगजेब घंटों चलने के बाद जब भी दाउजी के मंदिर की दूरी के बारे में जिससे भी पूछता है वो यही कहता है कि तीन कोस दूर है मंदिर।
  • हर दिशा (उत्तर दिशा में न रखें ये चीजें) से घंटों के चलने के बाद भी औरंगजेब अपने पूरे शासन के दौरान कभी भी दाउजी के मंदिर पहुंच ही नहीं पाया। यही कारण है कि दाउजी का चमत्कार स्वयं औरंगजेब को भी मानना पड़ा। इस घटने के बाद से सालाना औरंगजेब की ओर से दाउजी मंदिर में स्वर्ण मुद्राओं का चढ़ावा जाने लगा।

दाउजी मंदिर

  • दाउजी मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भी कोई व्यक्ति आज भी मन में छल कपट लिए मंदिर की ओर बढ़ता है उसे कभी इस मंदिर के या मंदिर में स्थापित बलदाऊ के दर्शन नहीं होते।
  • माना जाता है कि सामने हॉट हुए भी कपटी व्यकित को यह मंदिर नजर ही नहीं आता। बलदाऊ अपने मंदिर में किसी भी पापी को प्रवेश नहीं करने देते।

तो ये था मथुरा में स्थित बलराम मंदिर का रोचक रहस्य। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pixabay, Shutterstock

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP