प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम होना, सीखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जीवन कौशलों में से एक है। हमारे अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स ही हमें दूसरों से अलग बनाती है। पेशेवर जीवन में यह स्किल्स कितनी जरूरी है, यह तो आपको भी पता होगा। आप कहीं भी इंटरव्यू के लिए जाएं वे सबसे पहले आपकी स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन स्किल्स को ही देखते हैं। जब आपका संवाद प्रभावी होगा, तभी आप दूसरों पर छाप छोड़ सकेंगी। और सिर्फ पेशेवर ही नहीं, व्यक्तिगत जीवन में भी प्रभावी संवाद का बड़ा रोल होता है। आप किसी भी जानकारी को या मैसेज को खुद भी और दूसरों को भी सही और स्पष्ट शब्दों में चीजें समझा सकें, इसके लिए अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स आवश्यक हैं। अगर आप अपने संवा कौशल/कम्युनिकेशनस्किल्स में सुधार करना चाहती हैं, तो आपको कुछ सरल बातों को ध्यान में रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इसे लगातार कर रही हैं।
सीधे और सरल शब्दों में बात करना
सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपक स्पष्ट और सटीक हों। यह सुनिश्चित करें कि आप जो भी कहना चाहें, उसे सरल शब्दों में व्यक्त कर दें। संवाद को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका है कि भ्रम पैदा करने वाली फैंसी भाषा से दूर रहें। यह समझना भी जरूरी है कि आप जिसके साथ बात कर रही हैं, क्या वह इसे समझ पा रहे हैं। आपकी भाषा, आपके शब्द जितने सरल होंगे, सामने वाले के लिए भी उसे समझना आसान होगा।
- अगर ऑफिस में हैं, तो काम की बात करें, इधर-उधर टाइम वेस्ट न करें।
- अगर आप घबराई हुई हैं, तो ज्यादा हंसी-मजाक समय बर्बाद करने से अच्छा है जल्द ही मुद्दे पर आएं।
- लाउड बोलने की जगह, आराम से और हेल्दी कॉन्वर्जेशन करें।
अपनी टोन को फ्रेंडली रखें
कई बार हम इस गलतफहमी में होते हैं कि चिल्लाने का मतलब या लाउड बोलने का मतलब है हम अच्छी तरीके से कम्युनिकेटकर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। अपनी टोन को हमेशा फ्रेंडली और अप्रोचेबल रखें, ताकि लोग आसानी से आपको समझ सकें और आपसे बात कर सकें। यही सॉफ्ट स्किल्स हमारे काम आएगी। कई वरिष्ठ स्तर के पेशेवर लोग अपने जूनियर्स से कड़क टोन में बात करते हैं। आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी समस्या का निवारण करने के लिए अपने सहकर्मियों से बात करना भी आपके काम का ही हिस्सा है।
- अपने आसपास फ्रेंडली और स्वस्थ वातावरण बनाएं।
- काम के प्रति खुशमिजाज रवैया रखें और एक बार में छोटे-छोटे हिस्से चुनें।
- मिलनसार बनें और अप्रोचेबल टोन में बात करें।
सुनना भी जरूरी
अगर आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाना चाहती हैं, तो आपको उतना ही प्रभावी ढंग से सुनना भी सीखना होगा, जितना आप बोलना सीखती हैं। संचार दोनों के बारे में है। आज, ध्यान देने की अवधि कम हो गई है, खासकर जब सब कुछ एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध है (और बदला जा सकता है)। भले ही आप स्पीकर को काट न दें, लेकिन मानसिक रूप से बातचीत को बंद कर दें, आपके सुनने के कौशल में सुधार करने की आवश्यकता है।
- जो कहा जा रहा है उस पर ध्यान दें और सम्मान दिखाएं।
- यदि आपके पास कोई उत्तर है, तो उसे देने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करें, लेकिन तब तक सावधान रहें।
- कोई बात नहीं, बीच में मत आना क्योंकि आपको लगता है कि आपके पास समाधान है।
ध्यानपूर्वक जवाब दें
अगर आप ठीक से नहीं सुन पाएंगी, तो जवाब भी नहीं दे पाएंगी, इसलिए सुनने के बाद ध्यानपूर्वक सामने वाले की बात का जवाब दें। आपको रिएक्शन नहीं देना है। बेहतर संवाद के लिए रिएक्शन से बचना चाहिए। सामने वाला जो कह रहा है, उसे समझें और फिर सोच-समझकर अपना जवाब दें। ऐसी स्थितियों में जहां आप किसी और की बात से असहमत हो सकती हैं वहां सिर्फ अपनी बात रखने की जगह कोशिश करें उनके दृष्टिकोण से समझने की।
- इससे पहले कि आप तुरंत कुछ भी बोल दें, पहले सोचें कि आप क्या कहना चाहती हैं।
- अगर कोई काउंटर सवाल कर रहा है, तो डिफेंसिव न हों।
- किसी को नीचा दिखाने के लिए उसके विचारों को अस्वीकार न करें। आपका लक्ष्य समाधान तक पहुंचना होना चाहिए।
मेनटेन आई कॉन्टैक्ट
बेहतर कम्युनिकेशनस्किल्स के लिए आई कॉन्टैक्ट बहुत जरूरी है। यह व्यक्ति को बांधे रखता है। जब दूसरा व्यक्ति आपकी आंखों से आखें नहीं मिलाता तो आपको दो चीजें लग सकती हैं कि या तो वह हवा ने बाते कर रहा है, इंटरेस्टेड नहीं है या फिर बहुत नर्वस से है। बस आपको यही नहीं करना है। जब भी सामने वाले से बात करें, तो उससे आई कॉन्टैक्ट जरूर बनाएं। इससे आप कॉन्फिडेंट भी दिखेंगी।
- टीम से बात करते समय, ध्यान रखें कि आप बात करते हुए सभी के साथ आई कॉन्टैक्ट रखें।
- बात करते हुए अपने फोन या इधर-उधर आंखें न घुमाएं। सामने वाले पर यह गलत संदेश पहुंचा सकता है। ऐसा बिल्कुल न करें।
- अगर आप अपना पूरा ध्यान स्पीकर पर रखेंगी, तो आई कॉन्टैक्टअपने आप हो जाएगा।
सबके साथ सही तालमेल बिठाएं
कॉन्फ्रेंस हॉल हो या फिर आपके दोस्तों के साथ, जो भी कमरे में मौजूद हैं उन्हें समान रूप से देखें और अपनी बातों में शामिल करें। कोई आपको पसंद हो या न हो लेकिन अगर वह आपके साथ कमरे में मौजूद हैं, तो भी उनसे बात करें। आपका सारा ध्यान उस समय अपने लक्ष्य पर होना चाहिए। इस तरह लोग आप पर ज्यादा अच्छी तरह से विश्वास दिखा सकेंगे। सभी से बात करते हुए हमेशा अपनी टोन भी नॉर्मल रखें और मुस्कान के साथ बात करें।
- कभी किसी की चापलूसी बिल्कुल न करें। इससे आप गलत नज़र आ सकती हैं।
- लोगों की पीठ पीछे बात करना पूरी तरह से अवॉइड करें। जो भी हो उसे सबसे सामने बड़ी सौम्यता के साथ स्पष्ट शब्दों में बोलें।
- किसी गोपनीय मुद्दे पर चर्चा करते हुए ध्यान रखें कि आपके आसपास सही सिक्योरिटी है।
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Image credit : Freepik images
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