कहानी में अब तक - नेहा के बारे में HR को पता चल गया था। नेहा कैसे भी करके ऑफिस से बाहर निकलना चाहती थी, लेकिन क्या इसमें वो कामयाब हो पाएगी। अब आगे..
नेहा को आइकार्ड में जैसे ही माइक नजर आया, उसने गुस्से में आइकार्ड को जमीन पर फेंक दिया। तभी ऑफिस की सभी लाइटें हिलने लगी। ये सब देखकर HR और नेहा दोनों घबरा गए। HR ने नेहा को पकड़ लिया और तेज तेज चिल्लाने लगा। सुनो राधिका अगर तुमने मेरा पीछा नहीं छोड़ा और आज यहां से नहीं गई तो इस नेहा का भी हाल वही करूंगा जो मैने तुम्हारा किया था। नेहा डरी हुई थी और HR तेज तेज चिल्लाने हुए किसी राधिका का नाम ले रहा था, तभी किसी ने नेहा का हाथ खींचा और उसे अपने तरफ कर लिया। अब एक तरफ HR अकेला खड़ा था। तभी नेहा को शीशे में किसी लड़की का चेहरा नजर आया। ये लड़की बिल्कुल नेहा की तरह ही दिखती थी। परछाई ने HR को गले से पकड़ा और दूर झटके में फेंक दिया। खून से लथपथ HR एक कोने में पड़ा हुआ था और नेहा डरी सहमी एक कोने में बैठी हुई थी। नेहा डरी हुई थी और वो आत्मा अब उसकी तरफ आ रही थी, तभी HR के कमरे में पड़ी 407 नंबर की फाइल उसके सामने आ गई।
नेहा ने वो फाइल उठाई और उसे खोलकर पढ़ने लगी। ये फाइल राधिका की जॉइनिंग डेट की थी। राधिका की फाइल में तस्वीर भी लगी हुई थी। नेहा ने फाइल पड़ा तो उसे पता चला कि आज से 5 साल पहले राधिका इसी कंपनी में नौकरी के लिए आई थी। उसकी तरह ही राधिका भी फ्रेशर थी। बायो डाटा के साथ फाइल के अंदर एक छोटी डायरी भी थी। ये डायरी राधिका की थी, इसमें राधिका ने अपनी ऑफिस के दिनों के बारे में बताया था। राधिका को भी हर दिन रात की शिफ्ट करनी पड़ती थी। HR की उसपर गंदी नजर थी। रोज ऑफिस जाने पर HR उसे परेशान करता था। साथ में खाना खाने और दिन भर HR केबिन में ही बैठने के लिए मजबूर करता था। ये टेबल उसी का था जिस पर वो बैठती थी।
एक दिन राधिका को पता चला कि की उसके टेबल पर रखे फ्लावर वास पर कैमरा लगा हुआ है। ये सब देखकर राधिका को बहुत गुस्सा आया और उसने HR को बहुत सुनाया और रिजाइन दे दिया। लेकिन राधिका की यह पहली नौकरी थी इसलिए उसे दूसरी जगह नौकरी करने के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत थी। इसलिए उसने रिजाइन के बाद अगले दिन ऑफिस आने के प्लान बनाया। आज ही वो दिन है जब 5 साल पहले राधिका अपने डॉक्यूमेंट लेने ऑफिस आई थी..डायरी में उसके आगे कुछ नहीं लिखा था। तभी खून से लथपथ HR उठ गया और वह भागकर नेहा के पास पहुंचा। उसने नेहा के गले पर चाकू लगाया और हंसने लगा। राधिका अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती, तुम्हे इस नेहा पर बहुत दया आ रही है न। देखो मैं इसका क्या हाल करता हूं, वह नेहा को खींचते हुए खिड़की के पास ले गया। नेहा डरी हुई बस राधिका की परछाई को देख रही थी।
तभी HR ने कहा, उस रात राधिका के साथ क्या हुआ, क्या तुम जानना चाहती हो, तुम्हे इस डायरी में आगे इसलिए कुछ नहीं पढ़ने को मिला, क्योंकि ये जिंदा रहती तब न कुछ लिखती। मैने इसे ऐसी जगह पहुंचा दिया, जिसके बारे में कभी किसी को नहीं पता चला। राधिका से मैने माफ मांगी थी, मैने हाथ और पैर भी पड़े और इसे कहा कि मुझसे शादी कर लो, लेकिन इसे तो उस मनीष नाम के लड़के से प्यार था। मनीष को तो मैने पहले ही रास्ते से हटा दिया था। लेकिन उसके जाने के बाद भी ये उसी के इंतजार में बैठी रहती थी। उस रात में मैने इसे बहुत समझाया लेकिन ये मानी नहीं, इसलिए अगर ये मेरी नहीं हो सकती है तो मैं इसे और किसी की नहीं होने दे सकता।। इसलिए मैंने इसे मौत के घाट उतार दिया।
मैं अभी राधिका को भूल ही रहा था कि तभी 5 साल बाद, एक दिन तुम मेरे सामने आ गई। मैं अपने दोस्त के ऑफिस गया था, तब मैने तुम्हे देखा कि तुम वहां इंटरव्यू देने आई हो। तुम्हें देखकर तो जैसे मेरे पैरों से जमीन ही खिसक गई। हूबहू चेहरा और शरीर देखकर मैं तो खुशी के मारे पागल ही हो गया। मुझे लगा जो चीज राधिका मुझे नहीं दे पाई, वो शायद तुम जरूर दोगी। लेकिन तुम्हें भी रोहन के साथ मिलकर मेरी जासूसी करनी थी। अब जाओ तुम भी राधिका के साथ, मौत के रास्ते में। मैने इसी ऑफिस के पार्क में राधिका की लाश छिपाई है।तुम्हें भी मैं वहीं साथ में दफना दूंगा।
तभी राधिका ने गुस्से में HR को धक्का मारके नेहा से दूर कर दिया। राधिका HR को मारने ही वाली थी तभी नेहा ने राधिका से कहा, इसे मारने से कुछ नहीं होगा, इसे दर्द का अहसास तो हुआ ही नहीं। अगर तुम इससे सच में बदला लेना चाहती हो तो इसे पुलिस के हवाले करदो, जब सारी जिंदगी यह जेल में सड़ेगा तब इसे गलती का अहसास होगा। मैने सब कुछ इस कैमरे वाले पैन में रिकॉर्ड कर लिया। तभी नेहा को पुलिस के हॉर्न की आवाज सुनाई दी। रोहन ने खिड़की से HR को नेहा के कंधे पर चाकू रखा हुआ देख लिया था, इसलिए उसने पुलिस पहले ही बुला दी थी। पुलिस ने HR को गिरफ्तार कर लिया और राधिका भी मुस्कुराते हुए वहां से गायब हो गई।।
भले ही कहानी का अंत यह हो गया, लेकिन राधिका ने HR का पीछा नहीं छोड़ा था। वह जेल में भी HR को परेशान करती रहती थी। धीरे धीरे जेल में रहते रहते HR की दिमागी हालत खराब हो गई और उसने जेल में एक लेटर लिखा जिसमें उसने राधिका से माफी मांगी और आत्महत्या कर ली।
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