भारतीय भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए जितने महत्वपूर्ण मसाले होते हैं, उतना ही योगदान सब्जी, दाल और सलाद को जायकेदार बनाने के लिए गार्निशिंग का होता है। गार्निशिंग के लिए वैसे तो बहुत सारी चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मगर सबसे प्रमुख धनिया के पत्ते होते हैं। बाजार में मात्र 5 से 10 रुपए में मिल जाने वाली धनिया खाने के स्वाद को दोगुना कर देती है, साथ ही उसमें सेहत का रस भी घोल देती है।
इतना ही नहीं, धनिया की हरी चटनी भी लगभग हर कोई खाना पसंद करता है। ऐसे में देखा जाए तो धनिया के पत्ते भारतीय भोजन को स्वादिष्ट बनाने का मुख्य इंग्रीडियंट हैं। लेकिन धनिया के पत्ते खाने का स्वाद तब ही बढ़ा पाएंगे जब आप बाजार से अच्छी, ताजी और हरी-भरी धनिया लेकर आएंगी।
बहुत सारे लोग यह बात नहीं जानते हैं कि बाजार में आपको कई वैरायटी की धनिया पत्ती मिल जाती हैं। मगर खाने को स्वादिष्ट केवल देसी धनिया के पत्ते ही बना सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको देसी धनिया की पहचान करना और उसे खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, बताते हैं-
धनिया की खेती अक्टूबर से दिसंबर के समय में होती है। इस दौरान और लगभग मार्च के महीने तक आपको बाजार में देसी धनिया नजर आएगी। सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर साइंटेस्ट एवं हेड डॉक्टर आनंद सिंह कहते हैं, 'देसी धनिया के पत्ते छोटे और डंठल मुलायम होती है। इस तरह की धनिया खाने के स्वाद को दोगुना कर देती है।' कई बार तो देसी धनिया में आपको धनिया के फूल भी लगे मिल जाते हैं जिन्हें आप खाने में इस्तेमाल कर सकती हैं। यह फूल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में बहुत सहायक होते हैं। पाचन शक्ति बढ़ाने, आंखों की रोशनी बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल (कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के टिप्स) करने के लिए भी आप धनिया के फूल का सेवन कर सकती हैं।
वहीं अगर आपको बाजार में बड़े पत्तों वाली धनिया नजर आए तो जान जाएं कि वह देसी धनिया नहीं है। इस किस्म की धनिया को पार्सले कहा जाता है। हालांकि, यह एक तरह का विदेशी हर्ब होता है। इसका उपयोग भी सूप, सलाद और सब्जियों की गार्निशिंग करने के लिए किया जाता है, मगर इसका स्वाद धनिया से अलग होता है। इसकी डंठल भी सख्त होती है।
सबसे जरूरी बात तो यह है कि जहां धनिया की तासीर ठंडी होती है वहीं पार्सले की तासीर गरम होती है। इसलिए गर्मियों के मौसम में इसके सेवन से बचना चाहिए।
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देसी धनिया का रंग हल्का हरा होता है। वहीं पार्सले का रंग डार्क ग्रीन होता है। कई बार धनिया लेते वक्त उसकी पत्तियां पीली नजर आने लग जाती हैं। ऐसी पत्तियों वाली धनिया मत खरीदें। पहली बात तो इनका स्वादा खराब होता है और दूसरी बात यह बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं। अगर आपको काली और दागी पत्तियां धनिया में नजर आ रही हैं तो उसे न खरीदें। इस तरह की धनिया को आप अधिक दिन तक स्टोर नहीं कर पाएंगी।
धनिया अगर ताजी है तो उसके पत्ते खिले-खिले होंगे और उसकी सुगंध भी बहुत अच्छी होगी। वहीं बासी धनिया मुरझाई हुई नजर आएगी। ऐसी धनिया के पत्तों में स्वाद तो होगा, मगर महक अच्छी नहीं होगी। अगर धनिया से मचलान जैसी गंध आ रही है तो उसे न खरीदें क्योंकि उसे ताजा बनाए रखने के लिए लगातार सब्जी वाले उस पर पानी छिड़क रहे होते हैं, जिससे अंदर ही अंदर उसके पत्ते गलना और सड़ना शुरू हो जाते हैं।
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अगर आप बाजार से अच्छी और ताजी धनिया पत्ती खरीद कर लाई हैं और कुछ दिनों तक उसे इस्तेमाल करना चाहती हैं तो बहुत जरूरी है कि आपने उसे सही तरह से स्टोर भी किया हो। धनिया को स्टोर करने का बेस्ट तरीका है कि आप उसके स्टेम्स को काट कर एक बासी कागज में अच्छी तरह से लपेट दें और एयर टाइट डिब्बे में रख दें। इस तरह से 4-5 दिन तक आपकी धनिया पत्ती फ्रेश बनी रहेगी।
उम्मीद है कि धनिया से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अब आप जब भी बाजर में धनिया खरीदने जाएं तो ऊपर बताई टिप्स को ध्यान में रखें। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक करें। साथ ही और भी रोचक किचन हैक्स जानने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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